Thursday, March 14, 2019

सत्य - लघु कविता

(अनुराग शर्मा)

सत्य नहीं कड़वा होता
कड़वी होती है कड़वाहट

पराजय की आशंका और
अनिष्ट की अकुलाहट

सत्यासत्य नहीं देखती
मन पर हावी घबराहट

कड़वाहट तो दूर भागती
सुनते ही सत्य की आहट

8 comments:

  1. सत्य है। कड़वा है नहीं कह सकते हैं :)

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  2. कम शब्दों में गहरी बात।
    मुझे बेहद खुशी होगी अगर आप मेरे ब्लॉग पर आएंगे तो।

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  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन फाउंटेन पैन का शौक और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  4. सत्यमेव जयते, सही और सीधी बात..जो कड़वी लगती है वह सत्य नहीं उससे होने वाली घबराहट ही होती है..

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-03-2019) को "रिश्वत के दूत" (चर्चा अंक-3276) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. सत्य बयान किया है इस सत्य की अभिव्यक्ति में ...
    सातीक सार्थक रचना ...

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  7. satyavachan kahe aapne. me aapki es abiyakti se sehmat hoon.

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