tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post1597698998571711031..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: लेखक बेचारा क्या करे? भाग 2 Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-29457874409101272242014-06-15T04:45:47.815-04:002014-06-15T04:45:47.815-04:00 aapne upendranath ashk ji ka jikr kiya, unhe har ... aapne upendranath ashk ji ka jikr kiya, unhe har baar padh kar lagta hai ki ye to mera hi samay hai, koi itna achchha kaise likh leta hai?sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70351856839359428702014-06-12T12:27:03.165-04:002014-06-12T12:27:03.165-04:00चलते-फिरते जीवन का प्रतिबिंब होती है कहानी ,और लेख...चलते-फिरते जीवन का प्रतिबिंब होती है कहानी ,और लेखक ,बेचारा सब पात्रों से जुड़ा कभी उसकी कभी इसकी गाँठें खोलता फिरता है .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-49909903554014113522014-06-10T04:00:46.423-04:002014-06-10T04:00:46.423-04:00आपके इरादों की नेकनीयत पर शक कौन कमबख्त कर रहा था,...आपके इरादों की नेकनीयत पर शक कौन कमबख्त कर रहा था, ये तो हम कमी ढूँढने के अपने यूएसपी का प्रदर्शन कर रहे थे :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13546310487940729002014-06-09T05:16:54.740-04:002014-06-09T05:16:54.740-04:00रोचक आलेख..रोचक आलेख..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-24325462439586109612014-06-09T02:36:26.779-04:002014-06-09T02:36:26.779-04:00कहानी पूरी होते होते मुझे लगता है कई बातों सा मिश्...कहानी पूरी होते होते मुझे लगता है कई बातों सा मिश्रण हो जाता है ... लेखक की कल्पना से शुरू होती हुयी सजीव पात्रों में गति ढूंढती हुयी कथा आगे बढती है फिर स्थान, पात्रों का चयन करती हुयी पाठकों तक पहुँचती है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-78734878697281019562014-06-09T02:03:50.353-04:002014-06-09T02:03:50.353-04:00सुंदर आलेख।।।सुंदर आलेख।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-40750116642918439332014-06-08T15:23:58.689-04:002014-06-08T15:23:58.689-04:00नहीं है, सही है। आधे-अधूरे, या छिप गए ड्राफ्ट्स को...नहीं है, सही है। आधे-अधूरे, या छिप गए ड्राफ्ट्स को ढूंढकर लाइन पर लाने का काम चल रहा है। यह लेख जब लिखा था तब बात एक साल पुरानी ही थी, फिर यह भी कहें छिप गया। जब झाड़पोंछकर यहाँ लगाने का नंबर आया तब तक पता हे नहीं चला कि कुछ साल और बीत गए। बुढ़ापे में चूकें बहुत हो रही हैं, लेकिन सभी "भूल-चूक-लेनी-देनी" की श्रेणी की हैं, इरादा नेक ही रहा है। आपकी पैनी नज़र का शुक्रिया, समयान्तराल अभी ठीक किए देता हूँ। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-73579961157999427732014-06-07T22:21:23.066-04:002014-06-07T22:21:23.066-04:00चार साल पहले लिखे लेख को पिछले वर्ष लिखा लेख बताया...चार साल पहले लिखे लेख को पिछले वर्ष लिखा लेख बताया है, मुचलका भरने को तैयार रहियेगा :)<br /><br />मुझे लगता है कि अधिकतर मामलों में कहानी में किसी न किसी पात्र के माध्यम से लेखक उपस्थित तो रहता ही है।निजता का सम्मान शायद एक सबसे बड़ा कारक है जो किसी भी सीधी सरल कहानी में पेंच ले आता है और इसी में कहानी की और लेखन की खूबसूरती परवान चढ़ती है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-88657353641322912282014-06-07T12:39:13.225-04:002014-06-07T12:39:13.225-04:00लेखक का लिखना लिखना होता है अब आप ने जब कह ही दिया...लेखक का लिखना लिखना होता है अब आप ने जब कह ही दिया आप भी तो लिखते हैं तो भाई जी कुछ लोग यूँ ही कुछ भी लिख देते हैँ हम जैसे :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-56091321515541376732014-06-07T12:37:16.647-04:002014-06-07T12:37:16.647-04:00सार्थक चर्चा ।सार्थक चर्चा ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-25093011941969931502014-06-07T12:23:06.402-04:002014-06-07T12:23:06.402-04:00बहुत ही सटीक और विचारवान तथ्य लिखा है आपने. आलेख क...बहुत ही सटीक और विचारवान तथ्य लिखा है आपने. आलेख की भाषा बहुत ही सुंदर और काव्य जैसी लगी. दो बार पढ चुका हूं, बहुत बहुत शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम. ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-2138915773238270572014-06-07T08:50:33.317-04:002014-06-07T08:50:33.317-04:00जी धन्यवाद!जी धन्यवाद!Smart Indian - अनुराग शर्माhttps://www.blogger.com/profile/00609348818544161042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-17735369060293962202014-06-07T07:15:00.270-04:002014-06-07T07:15:00.270-04:00एक सार्थक और रोचक विमर्श को आपने आगे बढ़ाया है... श...एक सार्थक और रोचक विमर्श को आपने आगे बढ़ाया है... शानदार प्रयास है लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-12570907059936276972014-06-07T03:33:25.942-04:002014-06-07T03:33:25.942-04:00""समग्रता और विराट रूप अच्छे लेखन के अनि...""समग्रता और विराट रूप अच्छे लेखन के अनिवार्य गुण हैं""<br />सुन्दर आलेख प्रस्तुति समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-44122630722667159472014-06-06T22:09:44.244-04:002014-06-06T22:09:44.244-04:00कहानियां और क्या है हमारे आस पास घटने वाली घटनाएँ ...कहानियां और क्या है हमारे आस पास घटने वाली घटनाएँ , चरित्र जिन्हें लेखक अपनी कला और कल्पना से मांजता है ! पाठक उसी कहानी को अधिक पसंद करेगा जिससे वह जुड़ सकता हो किसी न किसी रूप में ! नकारात्मकता समय ने यूँ ही खूब भरी है , कहानियों की सकारत्मकता जीवन में आशावाद को बनाये रखती है !<br />सार्थक आलेख !<br />वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-1269169938988930292014-06-06T10:12:52.794-04:002014-06-06T10:12:52.794-04:00पाठक को एक या अधिक पात्रों से जुड़ाव (चाहे वह प्रेम...पाठक को एक या अधिक पात्रों से जुड़ाव (चाहे वह प्रेम और सहानुभूति हो या नफरत) महसूस हो.. मेरे हिसाब से तो कहानी लेखन में यही महत्वपूर्ण है..Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-60116420763439884582014-06-06T04:42:35.364-04:002014-06-06T04:42:35.364-04:00रचनाएँ लेखक की परछाई ही तो है | जो की प्रकाशमयी हो...रचनाएँ लेखक की परछाई ही तो है | जो की प्रकाशमयी होनी चाहिए |G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.com