tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post1654249153277313755..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: दूर के इतिहासकारSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-30851862604479456622015-11-03T23:39:41.551-05:002015-11-03T23:39:41.551-05:00बढ़िया व्यंग्य :)
बढ़िया व्यंग्य :)<br /><br />Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-46960281425123340442008-10-09T08:05:00.000-04:002008-10-09T08:05:00.000-04:00व्यंग लिखने का तजुर्बा नही ये बात नही. कई व्यंग ज़र...व्यंग लिखने का तजुर्बा नही ये बात नही. कई व्यंग ज़रा सटल होते है, मगर तंज़ बड़ा तीखा. आप अच्छे तंज - निगार है इसमें कोई शक नहीं.<BR/><BR/>किसी कारणवश मैं यहाँ गैर हाज़िर रहा तो आपने यह नया रास्ता इख़तियार कर लिया?<BR/><BR/>ओ दूर के मुसाफिर, हमको भी साथ ले ले ,<BR/>हमको भी साथ ले ले, हम रह गए अकेले...दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-89463035588256357412008-09-15T11:14:00.000-04:002008-09-15T11:14:00.000-04:00इस लिस्ट में पत्रकार-कलाकार-असरदार के साथ-साथ ब्लॉ...इस लिस्ट में पत्रकार-कलाकार-असरदार के साथ-साथ ब्लॉगकार को भी जोड़ सकते हैं। बढ़िया लिखा।वर्षाhttps://www.blogger.com/profile/01287301277886608962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70944382529563267862008-09-15T08:44:00.000-04:002008-09-15T08:44:00.000-04:00जल्दी कोशिश करनी पड़ेगी भैय्यावरना यहीं के यहीं रह...जल्दी कोशिश करनी पड़ेगी भैय्या<BR/>वरना यहीं के यहीं रह जाएंगेंयोगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55369261136665186552008-09-15T04:29:00.000-04:002008-09-15T04:29:00.000-04:00maza aaya. aapme sachche itihaskar banne ke sare l...maza aaya. aapme sachche itihaskar banne ke sare lakshan hain. aap dur or nazdik donon jagah k itihaskar ban sakten hainshelleyhttps://www.blogger.com/profile/12438659284260544490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-27248684844507912322008-09-15T04:04:00.000-04:002008-09-15T04:04:00.000-04:00अरे! आपने तो बैठे-ठाले एक नया आईडिया पकडा दिया. क्...अरे! आपने तो बैठे-ठाले एक नया आईडिया पकडा दिया. क्या कमाल का आईडिया है.<BR/>भई मज़ा आ गया आपकी ये पोस्ट पढ़ करज़ाकिर हुसैनhttps://www.blogger.com/profile/14153966464681275532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-60176579682705812902008-09-15T04:02:00.000-04:002008-09-15T04:02:00.000-04:00अरे! आपने तो बैठे-ठाले एक नया आईडिया पकडा दिया. क्...अरे! आपने तो बैठे-ठाले एक नया आईडिया पकडा दिया. क्या कमाल का आईडिया है.<BR/>भई मज़ा आ गया आपकी ये पोस्ट पढ़ करज़ाकिर हुसैनhttps://www.blogger.com/profile/14153966464681275532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-82636862231930176302008-09-15T00:22:00.000-04:002008-09-15T00:22:00.000-04:00ये नया करियर जल्द ही शुरू करना पड़ेगा :)...बहुत ही ...ये नया करियर जल्द ही शुरू करना पड़ेगा :)...बहुत ही रोचक पोस्ट है !!!विक्रांत बेशर्माhttps://www.blogger.com/profile/07105086711896834472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-45441424052749030102008-09-14T22:00:00.000-04:002008-09-14T22:00:00.000-04:00नयी सूझ है !नयी सूझ है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-71044598662758664782008-09-14T12:45:00.000-04:002008-09-14T12:45:00.000-04:00लोग कहें न कहें... मैं मानने को तैयार हूँ, विकिपीड...लोग कहें न कहें... मैं मानने को तैयार हूँ, विकिपीडिया वाला दूर का इतिहासकार तो थोड़ा बहुत मैं भी हूँ. विकिपीडिया का कीडा बहुत पहले काट लिया था.... इतिहास पढता तो हूँ ही.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-33376227800381367412008-09-14T06:02:00.000-04:002008-09-14T06:02:00.000-04:00बहुत अच्छा व्यंग है। दुष्यंत कुमार के शब्दों में:-...बहुत अच्छा व्यंग है। दुष्यंत कुमार के शब्दों में:-<BR/>लहू-लुहान नज़ारों का ज़िक्र आया तो,<BR/>शरीफ़ लोग उठे दूर जा के बैठ गये।Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8336273537609683662008-09-13T11:14:00.000-04:002008-09-13T11:14:00.000-04:00अनिल जी बात दुहराता हूँ.....wat n idea sir jiअनिल जी बात दुहराता हूँ.....wat n idea sir jiडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66735919950910827482008-09-13T09:40:00.000-04:002008-09-13T09:40:00.000-04:00"मैं तो केवल आगाह ही कर सकता हूं। इस फील्ड में बड़ा...<B>"मैं तो केवल आगाह ही कर सकता हूं। इस फील्ड में बड़ा कम्पीटीशन है। बड़ी गोलबन्दी। आप अगर कोई लाइन टो नहीं करते तो अपनी इज्जत हाथ पर रख कर वेंचर करें इस प्रकार के क्षेत्र में। :-)"</B><BR/><BR/>ज्ञानदत्त पाण्डेय जी, अपने इस भतीजे के आलसी-जीवन के बारे में तो कबीर काका ने लिखा था, "मैं बूढा आपुन डरा, रहा किनारे बैठ ..." बस जिस गाँव जाना नहीं वहां के भी कोस गिन लेते हैं किनारे बैठे बैठे.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13868115304643749222008-09-13T09:37:00.000-04:002008-09-13T09:37:00.000-04:00@ताऊ रामपुरिया जी,ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद. मैं...@ताऊ रामपुरिया जी,<BR/>ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद. मैंने शिवकुमार जी की बहस पढी और बहुत आनंद भी आया.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-7332579746090072942008-09-13T09:32:00.000-04:002008-09-13T09:32:00.000-04:00तुमने कही और मैने मानी ॥दोनो परम ग्यानी ॥"इतिहास अ...तुमने कही और मैने मानी ॥<BR/>दोनो परम ग्यानी ॥<BR/><BR/>"इतिहास अपने को दोहराता है "यह स्लोगन सबको पता हो गया है इसिलिये अपन सबसे पहले ये लिखेंगे -- <STRONG>इतिहास हमे यह बताता है कि हमने इतिहास से कुछ नही सीखा "</STRONG>दीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-26010395111298736162008-09-13T09:29:00.000-04:002008-09-13T09:29:00.000-04:00जब हमारे देश के टी वी अंट शंट बक सकते हे तो हम क्य...जब हमारे देश के टी वी अंट शंट बक सकते हे तो हम क्यो नही दुर ओर आप के इतिहास कार बन सकते, बस आप जेसे मार्ग दर्शक होना चाहिये.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-69655521216158973522008-09-13T09:01:00.000-04:002008-09-13T09:01:00.000-04:00बहुत सुंदर विचारात्मक लेख लिखा है. अच्छा लगा. बधाई...बहुत सुंदर विचारात्मक लेख लिखा है. अच्छा लगा. बधाई.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-75486791588722660962008-09-13T08:58:00.000-04:002008-09-13T08:58:00.000-04:00रंजना जी, बहुत धन्यवाद!मैं देख रहा हूँ कि कुछ लोग ...रंजना जी, बहुत धन्यवाद!<BR/>मैं देख रहा हूँ कि कुछ लोग अंग्रेजी सूत्रों से नक़ल टीपकर बुद्धिजीवी पोस्ट बना रहे हैं और उसमे भी तथ्यों को अपने स्वार्थ-सिद्धि के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. एक आम पाठक को ज़्यादा जानकारी भी नहीं है कि वह ऐसे लेखों की असलियत समझ सके. ऐसे लोग दूर-दूर के बेमतलब मुद्दों पर बहस में उलझाकर अपने आसपास की ज्वलंत समस्याओं के चिंतन से ध्यान भी हटा रहे हैं और इस प्रक्रिया में आम-जन और देश का काफी अहित कर रहे हैं. मैंने बस इसी मुद्दे को एक व्यंग्य की तरह रखने की कोशिश की है. व्यंग्य लिखने का तजुर्बा नहीं है, शायद इसलिए बात साफ़ नहीं कह पाया. <BR/>धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-91612093980118609802008-09-13T07:26:00.000-04:002008-09-13T07:26:00.000-04:00शीर्षक तो बहुत ही रोचक है,लेकिन अपननी मोटी अक्ल पर...शीर्षक तो बहुत ही रोचक है,लेकिन अपननी मोटी अक्ल पर पूरा जोर लगाकर विषय के सार तक पहुँचने के प्रयासके बावजूद भी ठीक ठाक समझ नही आया कि आपने क्या इंगित करना चाहा है.थोड़ा प्रकाश डालें तो बड़ा अच्छा रहेगा.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-20039353049727656092008-09-13T05:59:00.000-04:002008-09-13T05:59:00.000-04:00अरे आज आप राजी-खुशी से मेरी बात मान लीजिये, कल तो ...अरे आज आप राजी-खुशी से मेरी बात मान लीजिये, कल तो मैं धरना, पिकेटिंग कर के ख़ुद ही मनवा लूँगा.<BR/><BR/>अभी कुछ दिन पहले ही आ.शिवकुमारजी मिश्रा ने कुछ एजेंडे शामिल किए थे ! और मैंने उनसे निवेदन किया था की आपके<BR/>एजेंडे में ताऊ की भैंस और लट्ठ छुट गया है ! एक बार आप इसको एजेंडे में शामिल करवा दीजिये ! बाक़ी हम संभाल लेंगे !<BR/>और इससे हमारे दादागुरु आ. पाण्डेय जी भी सहमत थे की लट्ठ और भैंस को शामिल किया जाना चाहिए ! <BR/>( यह उनके ब्लॉग पर ४ सितम्बर की "बहस" नामक पोस्ट थी ! एक बार आप जरुर देखे " बहुत गजब का लेखन था )<BR/>उसी तरह आपने भी कमाल की रफ़्तार पकडी है ! मुझे इतना आनंद आया की मैं आपकी इस पोस्ट पर कुछ भी टिपणी<BR/>करूंगा वह कमजोर पड़ेगी ! मेरी इधर की पसंदीदा पोस्ट "बहस" रही है और आज दूसरी आपकी हो गई ! बहुत बधाई !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-75701547893594276262008-09-13T02:05:00.000-04:002008-09-13T02:05:00.000-04:00aaj hi seaaj hi seभारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-18932571973250653052008-09-13T01:45:00.000-04:002008-09-13T01:45:00.000-04:00तो फ़िर कब से शुरू कर रहे हैं अपना नया करियर?------...<B>तो फ़िर कब से शुरू कर रहे हैं अपना नया करियर?</B><BR/>-------<BR/>मैं तो केवल आगाह ही कर सकता हूं। इस फील्ड में बड़ा कम्पीटीशन है। बड़ी गोलबन्दी। आप अगर कोई लाइन टो नहीं करते तो अपनी इज्जत हाथ पर रख कर वेंचर करें इस प्रकार के क्षेत्र में। :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-53026808063701454032008-09-13T00:46:00.000-04:002008-09-13T00:46:00.000-04:00history को तो mystery बना दिया आपने। जवाब नहीं आप...history को तो mystery बना दिया आपने। जवाब नहीं आपका।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-77861328622370852852008-09-13T00:38:00.000-04:002008-09-13T00:38:00.000-04:00दूर के इतिहासकार होने के कई फायदे और भी हैं. जैसे ...दूर के इतिहासकार होने के कई फायदे और भी हैं. जैसे कि आपकी गिनती बुद्धिजीविओं में होने लगती है. आप हर बात पर भाषण दे सकते है. चमकते रहें तो हो सकता है पत्रकार बन जाएँ. <BR/>" hmm what a wonderful thought and sugegstion.... try kiya ja sekta hai"<BR/><BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-34488471619391867562008-09-13T00:33:00.000-04:002008-09-13T00:33:00.000-04:00नेक विचार हैं ..सोच विचार करते हैं इस पर ..:)नेक विचार हैं ..सोच विचार करते हैं इस पर ..:)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.com