tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post1825953850661664471..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: आपकी गज़ल - इदम् न मम्Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-9887810570268582452011-02-27T08:59:06.986-05:002011-02-27T08:59:06.986-05:00बहुत खूब!बहुत खूब!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-90469288045371162402011-02-11T06:22:43.244-05:002011-02-11T06:22:43.244-05:00जिस नगर में हम बेभाव बिके
वहाँ माटी क्या और सोना क...जिस नगर में हम बेभाव बिके<br />वहाँ माटी क्या और सोना क्या"<br /><br />सारे ही शेर बहुत ही बढ़िया हैं...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-36566452933225199562011-02-10T20:41:04.526-05:002011-02-10T20:41:04.526-05:00बहुत खूब,बधाई.बहुत खूब,बधाई.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55404075692650822862011-02-10T19:58:17.621-05:002011-02-10T19:58:17.621-05:00@प्रतुल वशिष्ठ
विद्या विनयम् ददाति। यह तो आपकी वि...@प्रतुल वशिष्ठ<br /><br />विद्या विनयम् ददाति। यह तो आपकी विनम्रता है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-6018907936814168032011-02-10T19:56:57.029-05:002011-02-10T19:56:57.029-05:00@सोमेश सक्सेना,
अब तो अली जी का स्पष्टीकरण भी आ ग...@सोमेश सक्सेना,<br /><br />अब तो अली जी का स्पष्टीकरण भी आ गया और मैने उनके शेर में नुक़्ते भी लगा दिये हैं। पहले मैं भी यही समझा था कि यह काग का छत्तीसगढी रूप होगा।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67936437161196381382011-02-10T18:15:37.815-05:002011-02-10T18:15:37.815-05:00बेमिसाल बन पड़े हैं सारे शेर..... बधाईबेमिसाल बन पड़े हैं सारे शेर..... बधाई डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-23852250433068249192011-02-10T14:57:16.817-05:002011-02-10T14:57:16.817-05:00जिस नगर में हम बेभाव बिके
वहाँ माटी क्या और सोना क...जिस नगर में हम बेभाव बिके<br />वहाँ माटी क्या और सोना क्या<br />बहुत खुब जी आप की पुरी कविता ही आज के भारत की दशा दर्शाती हे, धन्यवाद इस सुंदर रचना के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-85356896268322108152011-02-10T14:11:54.931-05:002011-02-10T14:11:54.931-05:00.
मूल रचना के इर्द-गिर्द उगी खरपतवार को भी आपने ब....<br /><br />मूल रचना के इर्द-गिर्द उगी खरपतवार को भी आपने बड़े करीने से सजाकर कीमत दे डाली. <br />एक सच्चा माली ही जानता कि खरपतवार समझी जाने वाली वनस्पतियाँ औषधीय गुण वाली है अथवा नहीं. <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-79526751451418144602011-02-10T12:41:01.695-05:002011-02-10T12:41:01.695-05:00वाह ये तो वाकई मिले सुर मेरा तुम्हारा हो गया बहुत ...वाह ये तो वाकई मिले सुर मेरा तुम्हारा हो गया बहुत अच्छी बनी है | इस तरह टिप्पणियों को लेकर एक नई रचना होने लगी तो टिप्पणिया देने में लोगो को और मजा आने लगेगा |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55322277321428625192011-02-10T12:06:54.817-05:002011-02-10T12:06:54.817-05:00ज़ाग़ अमूमन नुक्तों के साथ लिखा और उच्चारित किया ज...ज़ाग़ अमूमन नुक्तों के साथ लिखा और उच्चारित किया जाने वाला पर्सियन शब्द है जिसके मायने है ...काक / कौवा ! <br />अगर कोई अनिन्द्य सुन्दरी / रूपवती / मानिनी अपने भदेस /बेढब / पति या आशिक के साथ हमारे सामने से गुज़र जाये और हमें नागवार गुजरे /अखर जाये तो एक शेर पढ़ सकते हैं :)<br /><br />ज़ाग़ की चोंच में अंगूर खुदा की कुदरत <br />पहलु-ए- हूर में लंगूर खुदा की कुदरत <br /> <br /> <br />ज़ाग़चश्म कहूं तो इसका मतलब नीलाक्ष या कंजी आँखों वाला <br /><br />ज़ाग़ज़बां बोलूँ तो जिसका कोसना तुरंत लगे, शापसिद्ध <br /><br />और ज़ाग़दिल माने निष्ठुर !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-47958594045713273832011-02-10T11:57:08.496-05:002011-02-10T11:57:08.496-05:00सभी गहरे अर्थयुक्त... जिस नगर में हम बेभाव बिके
वह...सभी गहरे अर्थयुक्त... जिस नगर में हम बेभाव बिके<br />वहाँ माटी क्या और सोना क्या<br />यह सबसे अच्छा लगा..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-72032619041014609232011-02-10T11:28:25.570-05:002011-02-10T11:28:25.570-05:00मजा आ गया जी इसमें भी। वैसे मूल पोस्ट भी अपनी जगह ...मजा आ गया जी इसमें भी। वैसे मूल पोस्ट भी अपनी जगह बहुत खूब है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-58744926652032856552011-02-10T10:40:53.959-05:002011-02-10T10:40:53.959-05:00वाह वाह ! मुश्किल है एक चुनना. वैसे इस पर रुक गया ...वाह वाह ! मुश्किल है एक चुनना. वैसे इस पर रुक गया था: "जिस नगर में हम बेभाव बिके<br />वहाँ माटी क्या और सोना क्या"Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-54943436691683033942011-02-10T09:13:39.865-05:002011-02-10T09:13:39.865-05:00अनुराग जी! आज तो सचमुच यहाँ पर मिले सुर मेरा तुम्ह...अनुराग जी! आज तो सचमुच यहाँ पर <b>मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा देखने को मिला!</b> धन्यवाद!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-24991362466420391892011-02-10T08:20:00.041-05:002011-02-10T08:20:00.041-05:00जग सत्य नहीं आभासी लगता
इसे पाना क्या और खोना क्...जग सत्य नहीं आभासी लगता<br />इसे पाना क्या और खोना क्या<br /><br />अहा एक से बढकर एक. बहुत शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66865518167182634962011-02-10T08:03:29.045-05:002011-02-10T08:03:29.045-05:00काटों का ताज रखा सिर पर
फिर कठिन घडी में रोना क्य...काटों का ताज रखा सिर पर <br />फिर कठिन घडी में रोना क्या<br /><br />जिस नगर में हम बेभाव बिके<br />वहाँ माटी क्या और सोना क्या<br /><br /><br />बहुत सुन्दर, बेहतरीन !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-82062209727926042732011-02-10T07:56:18.061-05:002011-02-10T07:56:18.061-05:00वाह, टिप्पणी का बड़ा मूल्य है।वाह, टिप्पणी का बड़ा मूल्य है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-15158082951102177682011-02-10T03:40:13.878-05:002011-02-10T03:40:13.878-05:00बहुत बढिया,
सारे शेर एक से बढकर एक
शुभकामनायेबहुत बढिया, <br />सारे शेर एक से बढकर एक <br />शुभकामनायेAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02887561250450835674noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-50670902892704812011-02-10T02:32:35.685-05:002011-02-10T02:32:35.685-05:00ऐसे तो पूरी रचना ही बेजोड़ है,पर तसला और दोना का ज...ऐसे तो पूरी रचना ही बेजोड़ है,पर तसला और दोना का जो इसमें प्रयोग हुआ है,उसने मन हर लिया...<br /><br />लहवाब रचना...बहुत बहुत बेजोड़...<br /><br />यह प्रयोग आगे भी जारी रखें...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-72316967040960146792011-02-10T01:59:17.160-05:002011-02-10T01:59:17.160-05:00ये संशोधित रूप ज्यादा बेहतर है।
यह जाग शब्द कभी स...ये संशोधित रूप ज्यादा बेहतर है।<br /><br />यह जाग शब्द कभी सुना नहीं जिसका अर्थ आपने कौव्वा बताया है, कहीं आपका आशय 'काग' से तो नहीं है?सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-85969593590646828602011-02-10T01:43:50.407-05:002011-02-10T01:43:50.407-05:00सारे ही शेर अच्छे बन पड़े हैं, बधाई।सारे ही शेर अच्छे बन पड़े हैं, बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66589367832611674612011-02-10T01:36:27.147-05:002011-02-10T01:36:27.147-05:00jab sab ne milkar kshand rache...
phir, auron ka k...jab sab ne milkar kshand rache...<br />phir, auron ka kya aur apna kya..<br /><br />jeh...nasib majja aa gaya....<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-69310000790343986172011-02-10T00:40:57.058-05:002011-02-10T00:40:57.058-05:00जिस नगर में हम बेभाव बिके
वहाँ माटी क्या और सोना क...जिस नगर में हम बेभाव बिके<br />वहाँ माटी क्या और सोना क्या<br />..kamal ka sher hai. Bahut dino tak yad rahega. Vah!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-46460692685010496652011-02-10T00:31:14.852-05:002011-02-10T00:31:14.852-05:00शबनम से भूख मिटाई जिसने
उसे तसला क्या और दोना क्य...शबनम से भूख मिटाई जिसने <br />उसे तसला क्या और दोना क्या<br /><br />वाह...इस बेजोड़ रचना के लिए बहुत बहुत बधाई...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-50849202230836970872011-02-10T00:28:58.988-05:002011-02-10T00:28:58.988-05:00ठीक समय पर टिपियाते तो
एक अकेला रहता क्या?
सबकी ...ठीक समय पर टिपियाते तो<br />एक अकेला रहता क्या?<br /><br />सबकी बातें नोट हो गईं<br />अपन रह गए, रोना क्या?विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.com