tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post3263719509964779842..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: अनजाने लोगSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-39988069814512545802008-08-13T07:00:00.000-04:002008-08-13T07:00:00.000-04:00झूठी हमदर्दी के बहानेआए दिल को जलाने लोगउसका जिक्र...झूठी हमदर्दी के बहाने<BR/>आए दिल को जलाने लोग<BR/><BR/>उसका जिक्र किये जाते हैं<BR/>मेरे दिल की न जानें लोग।<BR/><BR/>बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई स्वीकारें।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-76666092639265062842008-08-12T15:26:00.000-04:002008-08-12T15:26:00.000-04:00कविता बहुत अच्छी है... कई दिनों से कुछ गद्य पढने म...कविता बहुत अच्छी है... <BR/>कई दिनों से कुछ गद्य पढने में नही आया आपका... कब लिखेंगे?Pragyahttps://www.blogger.com/profile/16628365720892083937noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67723457702236906422008-08-12T14:48:00.000-04:002008-08-12T14:48:00.000-04:00वाह!!बहुत खूब!!वाह!!<BR/>बहुत खूब!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-4711654415945882692008-08-12T13:13:00.000-04:002008-08-12T13:13:00.000-04:00अगली कविता में आप के दिल की कहिएगा। हम बैठे हैं जा...अगली कविता में आप के दिल की कहिएगा। हम बैठे हैं जानने को।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-47222153605214180592008-08-12T13:05:00.000-04:002008-08-12T13:05:00.000-04:00katu satya ko sundar shabdon me kaha aapne.katu satya ko sundar shabdon me kaha aapne.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-77261411686195295172008-08-12T10:22:00.000-04:002008-08-12T10:22:00.000-04:00झूठी हमदर्दी के बहानेआए दिल को जलाने लोगउसका जिक्र...झूठी हमदर्दी के बहाने<BR/>आए दिल को जलाने लोग<BR/><BR/>उसका जिक्र किये जाते हैं<BR/>मेरे दिल की न जानें लोग।<BR/><BR/><BR/>सब लोगो ने पहले से ही बहुत कुछ कह दिया है......बस दिल से लिखिए..ओर मस्त रहिये.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-73859750016120047092008-08-12T09:46:00.000-04:002008-08-12T09:46:00.000-04:00मेरे घर में मैं नहीं हूँबैठे हैं अनजाने लोगबहुत सु...मेरे घर में मैं नहीं हूँ<BR/>बैठे हैं अनजाने लोग<BR/>बहुत सुन्दर रचना, सच हे जब सच्ची हमदर्दी नहो,प्यार ना हॊ तो ऎसा ही लगता हे,आप ने छोटी सी कविता मे बहुत बडी बात कह दी.धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-63489567541006613642008-08-12T09:22:00.000-04:002008-08-12T09:22:00.000-04:00बढ़िया रचना है...छोटी किंतु अपनी बात कहने में समर्...बढ़िया रचना है...छोटी किंतु अपनी बात कहने में समर्थ.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-31716312172853186012008-08-12T09:21:00.000-04:002008-08-12T09:21:00.000-04:00घर में मैं नहीं हूँबैठे हैं अनजाने लोगदुख में स्वज...<B>घर में मैं नहीं हूँ<BR/>बैठे हैं अनजाने लोग<BR/>दुख में स्वजन साथ नहीं हैं<BR/>पर हैं बिन पहचाने लोग<BR/>झूठी हमदर्दी के बहाने<BR/>आए दिल को जलाने लोग<BR/>उसका जिक्र किये जाते हैं<BR/>मेरे दिल की न जानें लोग। ,</B><BR/><BR/>भई पूरी की पूरी कविता इतनी शानदार है की मुझे<BR/>तो मेरे प्रिय सतसैया ही याद आ रहे हैं ! मित्र आप<BR/>तो रोज एक तीर ऐसा ही मारा करो ! बहुत बहुत<BR/>शुभकामनाएं और धन्यवाद !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-30280058668196064782008-08-12T08:27:00.000-04:002008-08-12T08:27:00.000-04:00bahut hi achhi rachna.....bahut hi achhi rachna.....रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-33861364168136504012008-08-12T08:10:00.000-04:002008-08-12T08:10:00.000-04:00झूठी हमदर्दी के बहानेआए दिल को जलाने लोगउसका जिक्र...झूठी हमदर्दी के बहाने<BR/>आए दिल को जलाने लोग<BR/><BR/>उसका जिक्र किये जाते हैं<BR/>मेरे दिल की न जानें लोग।<BR/><BR/>आज कल के माहोल में ढली यह सही लगी मुझे ..नीरज जी ने सही कहा वह गजल मुझे भी याद आ गई इसको पढ़ कररंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-54607090797217773582008-08-12T07:57:00.000-04:002008-08-12T07:57:00.000-04:00आप की रचना पढ़ कर जगजीत सिंह जी की गयी ग़ज़ल "आए हैं ...आप की रचना पढ़ कर जगजीत सिंह जी की गयी ग़ज़ल <BR/>"आए हैं समझाने लोग<BR/>हैं कितने दीवाने लोग<BR/>वक्त पे काम नहीं आते<BR/>ये जाने पहचाने लोग"<BR/>याद आगयी...आपकी रचना कमाल की है...बहुत खूब.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-32097072429696076712008-08-12T07:43:00.000-04:002008-08-12T07:43:00.000-04:00ऐसे भाव रखने वाले हर पोस्ट के साथ मैं सही निर्णय न...ऐसे भाव रखने वाले हर पोस्ट के साथ मैं सही निर्णय नही कर पा रहा हू..... इसे अच्छा कहू या बुरा..... ये बुरा है तो हमलोग भी इमानदारी से प्रयास नही कर रहे हैं उनसे मिलने की....Rajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.com