tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post4487919960487891549..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: पिट्सबर्ग का पानी [इस्पात नगरी ६]Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-36081172343779373622011-11-03T02:48:57.160-04:002011-11-03T02:48:57.160-04:00रोचक लग रहा हैं.रोचक लग रहा हैं.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-20287883340455032292009-01-08T14:38:00.000-05:002009-01-08T14:38:00.000-05:00ऐसा नहीं है, कि बाद में कोई परमाणु बिजली घर नहीं ब...ऐसा नहीं है, कि बाद में कोई परमाणु बिजली घर नहीं बना . मेरे ही शहर में भारत सरकार का रक्षा उपक्रम Centre of Advance Technology में एक लघु परमाणु रियेक्टर (प्रयोगों के लिये)बना है.<BR/><BR/>कुछ साल पहले तक इन्दौर एक प्रदूषण रहित , अच्छे जलवायु युक्त शहर हुआ करता था. मगर अभी अभी ये छुपी जुबान में कहा जा रहा है, कि जब से C A T यहां आया है, और परमाणु कचरे का प्रबंधन किया जा रहा है,हमारे यहा खांसी, और दमा की एलर्गी के केसेस पिछले २० सालों से बहुत बढ गये है. बात वही , विकास का ये महादानव क्य क्या लील जायेग, अभी देखना है.<BR/><BR/>एक बात और. थर्मल पावर स्टेशन का प्रोजेक्ट करने वाली ग्लोबल संस्था Alstom के लिये नई तकनीक के Static Ash Collectors को डिज़ाईन करने (सप्लाई के लिये) उनके मुख्यालय फ़िनलॆड में जाने का मौका मिला. पता चला कि सिर्फ़ विकसनशील (Developing) देशों में ही उनके प्रोजेक्ट चल रहे है.( भारत भी).कार्बन क्रेडिट के मायाजाल से वे कहीं कहीं Developed देशों में भी पैर जमा रहे है.<BR/><BR/>साप्ताहिकी का इन्तेज़ार रहेगा.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-83499296443251278242009-01-04T13:22:00.000-05:002009-01-04T13:22:00.000-05:00आपकी प्रस्तुति और उस पर द्विवेदीजी की टिप्पणियों...आपकी प्रस्तुति और उस पर द्विवेदीजी की टिप्पणियों ने मुझ जैसे समस्त पाठकों का भला किया । <BR/>अच्छी जानकारियां ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-84821044903371535742009-01-04T12:48:00.000-05:002009-01-04T12:48:00.000-05:00अमेरिका के बारे मैं नयी नयी जानकारी मिल रही हैपढ़ ...अमेरिका के बारे मैं नयी नयी जानकारी मिल रही है<BR/>पढ़ कर अच्छा लग रहा हैदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-19849355567920925792009-01-04T12:09:00.000-05:002009-01-04T12:09:00.000-05:00Wah bandhuwar, jaankaari achhi lagi or अनंत शुभकाम...Wah bandhuwar, jaankaari achhi lagi or अनंत शुभकामनाएं..........योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-41300598713589683102009-01-04T09:54:00.000-05:002009-01-04T09:54:00.000-05:00ताऊ, आपका सुझाव बहुत अच्छा है. मैं बहुत से विषयों ...ताऊ, आपका सुझाव बहुत अच्छा है. मैं बहुत से विषयों पर लिखना अब तक इसीलिये छोड़ता रहा था कि शुरू करो तो एक श्रंखला सी बन जाती है और श्रंखला बीच में न टूटे इसके लिए कई अन्य सामयिक विषय छूट जाते हैं- ठीक है, "इस्पात नगरी से..." को साप्ताहिक करने का सुझाव आज से लागू. बाकी के दिनों में हमेशा की तरह कुछ भी चलता रहेगा.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-45441959893004474392009-01-04T07:29:00.000-05:002009-01-04T07:29:00.000-05:00***और चेर्नोबिल आदि की दुर्घटनाओं के बाद से तो कोई...***और चेर्नोबिल आदि की दुर्घटनाओं के बाद से तो कोई नया परमाणु बिजलीघर भी नहीं बना।****<BR/>जी अब बनेगा भी नही, ओर चीन की तरह ही अब यह परमाणु बिजली घर भारत की शोभा बढायेगे, यही फ़र्क है एक आजाद ओर.... देश के लोगो का.बुश साहब इसी लिये बेताब थे, ओर हमारे मनमोहन जी देश को भुलावे मे डाल कर अब वहा का गन्द भारत मे डालेगे.<BR/>आप ने बहुत ही सुंदर ढंग से अपने यहां का विवरण दिया.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-5097124857015821672009-01-04T06:24:00.000-05:002009-01-04T06:24:00.000-05:00अच्छी जानकारियाँ मिल रही हैं !अच्छी जानकारियाँ मिल रही हैं !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-71526920310307031522009-01-04T06:22:00.000-05:002009-01-04T06:22:00.000-05:00खुला आसमान और पक्षी अब यहाँ तो देखने कहीं शहर के ब...खुला आसमान और पक्षी अब यहाँ तो देखने कहीं शहर के बाहर ही जाना पड़ता है :)..अच्छा लगा वहां का प्रदूषण रहित वातवरण पढ़ कररंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-2395955516313729122009-01-04T04:18:00.000-05:002009-01-04T04:18:00.000-05:00इतनी विस्तृत और रोचक जानकारी भरे लेख के लिए आभार। ...इतनी विस्तृत और रोचक जानकारी भरे लेख के लिए आभार। नव वर्ष मंगलमय हो।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-31452261746359129532009-01-04T02:34:00.000-05:002009-01-04T02:34:00.000-05:00बहुत शानदार जानकारी मिल रही है. ऐसी श्रंखला तो चाल...बहुत शानदार जानकारी मिल रही है. ऐसी श्रंखला तो चालू ही रहनी चाहिये, चाहे तो इसे साप्ताहिक पिटस्बर्ग नाम दे कर साप्ताहिक कर दिया जाये. बहुत जानकारीपरक है ये . <BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-16200626513650160792009-01-04T01:05:00.000-05:002009-01-04T01:05:00.000-05:00अतीत और वर्तमान से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे म...अतीत और वर्तमान से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में आप बहुत अच्छी जानकारी दे रहे हैं।समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-40323559762044366552009-01-03T23:57:00.000-05:002009-01-03T23:57:00.000-05:00आदरणीय द्विवेदी जी,आपने अपनी टिप्पणी में अपने प्रश...आदरणीय द्विवेदी जी,<BR/>आपने अपनी टिप्पणी में अपने प्रश्न का उत्तर स्वयं ही दे दिया है. उत्तर का एक पहलू आपके पास पहले से है यह मैं जानता था मगर मैंने आपके दिए हुए अवसर का लाभ उठाकर आपके उत्तर से छिपे रहे पहलू को ही उजागर करने की कोशिश की है. जो साम्यवादी दल सर्वहारा का नाम लेते हुए उनकी कृषी योग्य भूमि को जबरन छीनकर उद्योगपतियों को बेचते हैं और विरोध करने वालों को गोलियों से भून डालते हैं वही साम्यवादी दल भारत के परमाणु ऊर्जा करार का विरोध भी करते हैं - और उसके इस पक्ष को जनता से छिपाकर रखते हैं की उस करार से देश की ऊर्जा की एक बड़ी ज़रूरत वायु प्रदूषण के बिना पूरी हो सकेगी.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-20853699315598660182009-01-03T23:42:00.000-05:002009-01-03T23:42:00.000-05:00पहले तो मैं आप से क्षमा चाहूँगा कि मेरे कारण आप को...पहले तो मैं आप से क्षमा चाहूँगा कि मेरे कारण आप को अपने लेखों की कार्यसूची को दो बार तोड़ना पड़ा। मैं ने पाठक होने के अधिकार से अपने प्रश्न आप के सामने रखे थे। मुझे प्रसन्नता है कि आप ने उन के त्वरित उत्तर भी दिए। <BR/><BR/>मुझे क्षमा करेंगे, मेरी आज के उत्तर से कुछ असहमति है। क्यों कि आप ने अमरीका के प्रजातंत्र को प्रदूषण वाले उद्योगों के पलायन का कारण बताया और उन का चीन पहुँचना वहाँ की तानाशाही या सरकारी पूंजीवाद को बताया। मैं इस से सहमत नहीं। क्यों कि भारत में तो प्रजातंत्र है, पर यहाँ मेरे निवास स्थान कोटा में चम्बल के उस किनारे एक थर्मल बिजली घर की छह यूनिटें खड़ी हैं, सातवीं निर्माणाधीन है। जब कि इस किनारे नगर है और चिमनियों से धुंए सी निकली कोयले की राख और कोयले के कण लगातार नगर में बरसते रहते हैं। छतें काली हो गई हैं। गर्मी में कोई छत पर सो नहीं सकता, सुबह तक बिस्तर समेत भूतिया हो जाए। <BR/><BR/>इस कारखाने का विरोध भी हुआ। पर्यावरण के लिए कानून भी है, मुकदमे भी हुए। लेकिन विकास के नाम पर बिजलीघर शहर की छाती पर लाद दिए गए। <BR/><BR/>वास्तव में यह अमरीका की अर्थशक्ति के कारण है कि वहाँ से प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को उन्हों ने विकासशील देशों पर लाद दिया है। मुनाफा अमरीकी पूंजीपति चीन और भारत में उद्योग लगा कर भी कमा रहा है। बस इन देशों को लाभ इतना है कि कुछ लोगों को रोजगार मिला है। <BR/><BR/>वास्तविकता तो यह है कि अमरीका ने दुनिया के विकासशील और अविकसित देशों को अपना कूड़ाघर बना लिया है। भारत जैसे देश और उस के निवासी विकासशील होने की कीमत चुका रहे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-86598714947002388392009-01-03T23:41:00.000-05:002009-01-03T23:41:00.000-05:00पिट्सबर्ग के अतीत और वर्तमान से जुड़े विभिन्न पहल...पिट्सबर्ग के अतीत और वर्तमान से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में आप बहुत अच्छी जानकारी दे रहे हैं। नेट पर कम आने की वजह से पिछली कडियां नहीं पढ़ पाया था, आज उन पर भी एक नजर डाली। मनमोहक चित्रों ने श्रृंखला की सार्थकता और बढ़ा दी है। <BR/>अनुराग भाई, हमारी भी कामना है कि नया साल आपके और आपके परिवार के लिए खुशियों और सफलता से भ्ारा हो। हार्दिक शुभकामनाएं।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-71990496401526474582009-01-03T22:54:00.000-05:002009-01-03T22:54:00.000-05:00इसे पढ़ना बहुत अच्छा लगा। बाकी के लेख भी पढ़ने पड़ेंग...इसे पढ़ना बहुत अच्छा लगा। बाकी के लेख भी पढ़ने पड़ेंगे।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com