tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post4511906286640185385..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: अनुरागी मन - कहानी भाग 2Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64805264902863800942010-10-27T22:25:07.116-04:002010-10-27T22:25:07.116-04:00ये भी अच्छी रही ...
संगम होगा के नहीं ?
गंगा, जमु...ये भी अच्छी रही ...<br />संगम होगा के नहीं ?<br /> गंगा, जमुना सरस्वती के<br /> पुरुष रूप<br /> रोचक लगे ! <br />फिर ? ....<br />आगे क्या हुआ ? :)<br /> स स्नेह <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67347327415427013862010-09-10T03:22:34.480-04:002010-09-10T03:22:34.480-04:00प्लीज ...अधिक इन्तजार न करवाईयेगा बाकी पढवाने में....प्लीज ...अधिक इन्तजार न करवाईयेगा बाकी पढवाने में...<br />रसभंग बड़ा ही कष्टप्रद लगता है...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66505165212720758072010-09-01T14:02:21.370-04:002010-09-01T14:02:21.370-04:00अच्छा तिलस्म बुना है।अच्छा तिलस्म बुना है।Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16469390879853303711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-80912873930605743502010-09-01T09:33:32.320-04:002010-09-01T09:33:32.320-04:00इन कहानियों के साथ ही साथ आप रहस्य कथाऍं भी लिखना...इन कहानियों के साथ ही साथ आप रहस्य कथाऍं भी लिखना शुरु कर दें। आप पाठक को इधर-उधर देखने का मौका नहीं देते।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-62802010260339892562010-08-31T22:42:37.771-04:002010-08-31T22:42:37.771-04:00रोचक प्लेटफार्म बन चुका है अब लगता है कहानी सुपर फ...रोचक प्लेटफार्म बन चुका है अब लगता है कहानी सुपर फास्ट गति से चलने वाली है..हर प्लेफॉर्म पर पैनी नज़र रखनी होगी। कहीं ऐसा न हो कि कोई छूट जायदेवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-10679133456313898082010-08-30T19:14:51.777-04:002010-08-30T19:14:51.777-04:00हम्म... पढ़ रहे हैं.हम्म... पढ़ रहे हैं.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-1607840232529718402010-08-30T07:06:14.270-04:002010-08-30T07:06:14.270-04:00कहानी की पृष्टभूमि बहुत उम्दा तयार हो रही है ... त...कहानी की पृष्टभूमि बहुत उम्दा तयार हो रही है ... तोचकता बॅडने लगी है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-72507322857579181852010-08-29T21:31:35.855-04:002010-08-29T21:31:35.855-04:00कोई कमेन्ट नहीं सिर्फ ढेर सारी मुस्कान ...:):):):)...कोई कमेन्ट नहीं सिर्फ ढेर सारी मुस्कान ...:):):):)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-85955625711425961612010-08-29T20:53:15.501-04:002010-08-29T20:53:15.501-04:00बेहतरीन रहा..जारी रहिये..पढ़ रहे हैं.बेहतरीन रहा..जारी रहिये..पढ़ रहे हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-24054117378963610702010-08-29T14:00:19.686-04:002010-08-29T14:00:19.686-04:00चालण देयो सर जी गाडी ने, ईर बीर फ़त्ते के कारनामों...चालण देयो सर जी गाडी ने, ईर बीर फ़त्ते के कारनामों का इन्तज़ार रहेगा।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-85075865745782758302010-08-29T13:32:09.124-04:002010-08-29T13:32:09.124-04:00कथा सुन्दर ढंग से आगे बढ़ रही है....कथा सुन्दर ढंग से आगे बढ़ रही है....VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-46685324628250596422010-08-29T10:58:10.777-04:002010-08-29T10:58:10.777-04:00बहुत सरस धारा बह रही है, आगे का इंतजार है.
रामराम...बहुत सरस धारा बह रही है, आगे का इंतजार है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-44893845559322179892010-08-29T06:28:08.487-04:002010-08-29T06:28:08.487-04:00यह प्रभावशाली शैली ही रोचकता बनाए रखने के लिए पर्य...यह प्रभावशाली शैली ही रोचकता बनाए रखने के लिए पर्याप्त है |hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-24041982887111640792010-08-29T05:59:03.356-04:002010-08-29T05:59:03.356-04:00बहुत ही लाजबाब कहानी लगी.... आभारबहुत ही लाजबाब कहानी लगी.... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-40010688027340439182010-08-29T05:01:38.599-04:002010-08-29T05:01:38.599-04:00मजा आ रहा है पढ कर, सब से ज्यादा रुचि फ़त्ते मै है,...मजा आ रहा है पढ कर, सब से ज्यादा रुचि फ़त्ते मै है, वेसे तो सभी पात्र अच्छॆ लगे.... अगली कडी का इंतजार हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-22807278724880432992010-08-29T01:20:46.593-04:002010-08-29T01:20:46.593-04:00अब तो पात्र परिचय भी हो गया है। पात्र क्या गुल खिल...अब तो पात्र परिचय भी हो गया है। पात्र क्या गुल खिलायेंगे, देखना है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-71517843434710146282010-08-29T01:09:15.021-04:002010-08-29T01:09:15.021-04:00उम्र में कम पर साथ में मुकेश ?
या इलाही ये माज़रा...उम्र में कम पर साथ में मुकेश ? <br />या इलाही ये माज़रा क्या है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-92148225076618888002010-08-29T01:03:56.238-04:002010-08-29T01:03:56.238-04:00दुर्बा अक्षत पुष्पं पत्रं
सब हाथ में ले कर कथा सु...दुर्बा अक्षत पुष्पं पत्रं <br />सब हाथ में ले कर कथा सुनने बैठे हैं। किस्सागोई के गुर भी सीखने को मिलेंगे। <br />आप की कहानियों में जो बारीक ह्यूमर दिखता है, वह लाजवाब होता है।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-44700205189802559082010-08-29T00:42:41.480-04:002010-08-29T00:42:41.480-04:00कहानी बहुत अच्छी चल रही है, हालांकि समय के हिसाब स...कहानी बहुत अच्छी चल रही है, हालांकि समय के हिसाब से कुछ सुस्त है। पहले और दूसरे भाग में लेखक बदल गया। पिछले भाग में आपने लिखा था.....<br />ऐसी प्राचीन नई सराय के विरामपुरे में मेरा पैतृक घर था। <br />इस तरह दूसरे भाग का वीरसिंह पहले भाग की कहानी का लेखक था। इस बार वह अन्य पुरुष हो गया है और लेखक सूत्रधार के रूप में खुद अवतरित हो गया है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com