tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post7706566102291827991..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: भारत पर चीन का दूसरा हमला?Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-10361000909441983252009-07-20T13:06:24.768-04:002009-07-20T13:06:24.768-04:00इस खबर के बाद अतानु डे के ब्लॉग पर ये पोस्ट और टाइ...इस खबर के बाद अतानु डे के ब्लॉग पर ये पोस्ट और टाइम का लिंक झकझोरने वाला था. http://www.deeshaa.org/2009/07/14/here-we-go-again/Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-59683821438763433352009-07-18T08:35:36.469-04:002009-07-18T08:35:36.469-04:00आपका लेख एक आसन्न खतरे के प्रति संशकित चेतावनी मा...आपका लेख एक आसन्न खतरे के प्रति संशकित चेतावनी मात्र नहीं है यह उन घटनाक्रमों की ओर सोचने को मजबूर करता है जिन्हें हम ignore करने की कोशिश करते रहते हैं। हर जागरुक भारतीय नागरिक यह जानता है कि देश को वास्तविक खतरा चीन से है पर चीन की विशाल सैन्य शक्ति और पिछले कुछ दशकों से बढी पूंजीवादी ताकत इस खतरे पर आंखें बंद करने को मजबूर करते हैं। हम उन छोटे छोटे देशों पर तो गुर्रा लेते हैं जिनका हम पठठा पकड सकते हैं पर असली और शक्तिशाली दुश्मन से आंखे भींचे बैठे हैं। सभी जानते हैं कि पाकिस्तान इस क्षेत्र में चीन का सबसे बडा Diplomatic friend राष्ट्र है पर चीन का धुर विरोधी अमेरिका भी इस क्षेत्र में पाकिस्तान को सबसे ज्यादा aid दे रहा है। पर जैसे अमेरिका अपने हितों के लिए हजारों किमी दूर जाकर war लड सकता है और पाकिस्तान जैसे राष्ट्र की असलियत जानते हुए भी कूटनीतिक आधार पर साम दाम दंड भेद की नीति अपना सकता है, पैसे बांट सकता है, एक राष्ट्र के तौर शायद भारत ऐसा नहीं कर पा रहा। रही कारणों पर लठम लठठा करने की बात – तो वह हम भी जानते हैं और आप भी।Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/09200243881789409637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-90953387143440134792009-07-17T12:56:28.403-04:002009-07-17T12:56:28.403-04:00अपने देश के आत्म-सम्मान के लिये सच पूछिये तो ये यु...अपने देश के आत्म-सम्मान के लिये सच पूछिये तो ये युद्ध होना जरूरी है....मैं तो कब से प्रार्थना-रत हूँगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-54914797902589317922009-07-16T10:52:20.709-04:002009-07-16T10:52:20.709-04:00यह समाचार मैंने पढ़ा था. चिंताजनक तथ्य यह है कि दे...यह समाचार मैंने पढ़ा था. चिंताजनक तथ्य यह है कि देश के भीतर एक राजनीतिक पार्टी के रहनुमा वैचारिक रूप से चीन के समर्थक हैं. अच्छी बात यह है कि ये लोग अब सरकार को ब्लैकमेल करने की स्थिति में नहीं हैं.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-68066416849603176912009-07-16T08:13:41.033-04:002009-07-16T08:13:41.033-04:00ये तो वाकई चिन्तनीय समाचार है भगवान करे ये सच ना ह...ये तो वाकई चिन्तनीय समाचार है भगवान करे ये सच ना हो आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87791477983548043732009-07-15T08:10:47.398-04:002009-07-15T08:10:47.398-04:00अपने मुझे टिप्पणी करने को आदेशित किया |मेरा कुछ लि...अपने मुझे टिप्पणी करने को आदेशित किया |मेरा कुछ लिखा हुआ पढने के बाद भी क्या आप समझ नहीं पाए के क्या मैं कोई स्तर की टिप्पणी कर सकता हूँ =मै तो अक्सर कुछ लेखों की आलोचना किया करता हूँ | आपके लेख तो इतने सटीक ,वास्तविकता से भरे होते हैं जिन्हें मैं पढ़ लेता हूँ आलोचना की गुंजाईश ही नहीं रहती =मसलन चीन के वारे में जो विचार आपके है उनसे कोई भी बुद्धिजीवी असहमत हो ही नहीं सकता =केवल बात का समर्थन ही कर सकता है |मै जिन्हें व्यंग्य या हास्य समझ कर लिखता हूँ उसे टिप्पणीकार बेहूदगी कहते है -स्वाभाविक है मेरी टिप्पणी को भी बेहूदा कहते होंगे =अब ऐसे व्यक्ति को आप पुरष्कृत करना चाहें तो यह हुज़ूर की ज़र्रा नवाजी है वरना बंदा किस काविलbrijmohanshrivastavanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-81081337004796038802009-07-14T05:54:58.613-04:002009-07-14T05:54:58.613-04:00जी अनुराग जी , मैंने न्यूज़ में यह खबर पढ़ी थी .......जी अनुराग जी , मैंने न्यूज़ में यह खबर पढ़ी थी ....पर विश्वास नहीं हुआ कि चीन ऐसा कर सकता है ...अगर ऐसा हुआ भी तो भारत किसी भी हालत में कमजोर नहीं है ....युद्घ हथियारों से नहीं हौंसलों जीते जाते हैं .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-2611613253617618022009-07-14T03:00:30.866-04:002009-07-14T03:00:30.866-04:00हम तो इस चीन पे कभी भरोसा नहीं रहा ....ओर न उम्मी...हम तो इस चीन पे कभी भरोसा नहीं रहा ....ओर न उम्मीद की ये भरोसे के काबिल है.....ये हमारे देश का दुर्भाग्य है की उसे सीमा पर लगभग सारे ही ऐसे पडोसी मिले है.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-41704587583293646832009-07-13T14:04:15.367-04:002009-07-13T14:04:15.367-04:00अनुराग जी मैं आपसे सहमत हूँ | चीन का कोई भरोषा नही...अनुराग जी मैं आपसे सहमत हूँ | चीन का कोई भरोषा नहीं | कुछ लोग बोलते हैं की अबकी परिस्थितियाँ थोडी अलग है ओर चीन ऐसा नहीं कर सकता पर मेरा मानना है की यदि आक्रमण हुआ तो phir से चीन के सामने हम बोने ही साबित होंगे, ऐसा इसलिए नहीं की हमारे जवान कमजोर पड़ेगे ; कारण होंगे हमारे नेतागण ओर हमारी सर से लेकर पाऊँ तक डूबी बाजारवाद, भोगवाद की तृष्णा | <br /><br />पश्चिम के दबाव मैं ये युद्ध लंबा नहीं चलेगा, लेकिन जब तक उद्ध बंद होता तब तक चीन कम से कम अरुणाचल तो हड़प ही लेगा | ओर हम सब जानते ही हैं की एक बार चीन ने अरुणाचल पे कब्जा जमाया तो जमाया phir वो हटने वाला नहीं | वैसे अरुणाचल चला नही जाए तो क्या फर्क पड़ता है , अपन दो-चार दिन आंसू बहायेंगे ओर phir से उसी बाजारवाद, भोगवाद मैं डूब कर अपना गम भील लेंगे |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-81521389154786204372009-07-13T09:10:35.681-04:002009-07-13T09:10:35.681-04:00इसमें सत्यता हो सकती है. चीन ने पाकिस्तान, नेपाल, ...इसमें सत्यता हो सकती है. चीन ने पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के जरिये भारत को घेर लिया है. यहां के नेता कुछ देख नहीं पायेंगे. रक्षा सौदे कमीशन में अटके रहेंगे. सेना में अहम के चलते गैर सैन्य परिवेश के लोग जा नहीं पायेंगे. हिन्दुस्तान जिन्दाबाद होता रहेगा. नेहरू जी ने कहा था कि चीन से एक-एक इन्च जगह वापस लेने तक बात नहीं करेंगे क्या हुआ??भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-22153531419539214552009-07-13T09:04:35.320-04:002009-07-13T09:04:35.320-04:00क्यों जख्मों का कुरदते हो भाई।क्यों जख्मों का कुरदते हो भाई।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64456074296674635662009-07-13T08:40:36.917-04:002009-07-13T08:40:36.917-04:00मुझे तो लगता है की चीन ,पकिस्तान या बांग्लादेश जित...मुझे तो लगता है की चीन ,पकिस्तान या बांग्लादेश जितनी जल्दी हो सके खुल कर युद्ध को आगे आयें,क्योंकि वह क्षति उतनी बड़ी न होगी जितनी आज घुसपैठ,नक्सल आन्दोलन या और भी बहुत तरह से घुन की तरह लगकर भारत को खोखला किये दे रही है....<br />यदि निर्णायक युद्ध हुआ तो निश्चित है की हानि दोनों पक्षों की होगी,पर इतना तो तय है की आमने सामने की लडाई में भारत इनके दांत खट्टे कर सकता है....पर इस तरह के भितरघात से उनका कुछ नहीं बिगड़ रहा पर भारत खोखला हो रहा है.....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-81288749352115478602009-07-13T07:52:01.861-04:002009-07-13T07:52:01.861-04:00bahut hi samwedanshil jankari.......dhanyawaadbahut hi samwedanshil jankari.......dhanyawaadओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-69520556483262525692009-07-13T07:37:31.491-04:002009-07-13T07:37:31.491-04:00मुझे नहीं लगता चीन कोई प्रत्यक्ष युद्ध करेगा -हाँ ...मुझे नहीं लगता चीन कोई प्रत्यक्ष युद्ध करेगा -हाँ अप्रत्यक्ष युद्ध में तो वह लगा ही हुआ है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-9029235675950227572009-07-13T06:31:35.981-04:002009-07-13T06:31:35.981-04:00बहुत सनसनीखेज खबर है. चीन की यह फ़ितरत है वो कुछ भ...बहुत सनसनीखेज खबर है. चीन की यह फ़ितरत है वो कुछ भी कर सकता है. भारत के विरुद्ध यो तो हमने जबसे होश संभाला है कोई कोई ना छदम युद्ध हमेशा ही चलता रहा है. अब अगर चीन खुलकर सामने आता है तो अब १९६२ वाली बात तो नही है. और युद्ध मे मेरी समझ से जीत किसी की नही होती..दोनों पक्षों की हार ही होती है..फ़िर भी युद्ध थोपा जाता है तो अच्छा है आगे के लिये तलवारों की जंग उतारने का मौका मिल जायेगा. वैसे भी चीन से हुये १९६२ के युद्ध से सबक लेकर ही आगे की युद्ध नितियां बनी थी जो पाकिस्तान के साथ हुये युद्धों मे काम आयी थी. बहुत बेहतर आलेख. शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-83785963676304961842009-07-13T06:17:07.084-04:002009-07-13T06:17:07.084-04:00अभी अभी इस खबर की धमक रीडिफ़.कॉम पर भी पढ़ा... यह ...अभी अभी इस खबर की धमक रीडिफ़.कॉम पर भी पढ़ा... यह चिंतनीय विषय है अनुराग जी. आपने अच्छा ध्यान आकृष्ट किया. किन्तु मैं नतीजे को लेकर आपसे सहमत नहीं हूँ... जिस परिणाम की कल्पना आपने किया है वो २५ साल बाद हो सकता है... २-३ साल में नहीं.. खुल कर कहूँ को तो दुनिया में चीन एक ऐसा देश है जो कब क्या करेगा कोई नहीं कह सकता... एक किस्म का ..... देश.... खैर.... <br /><br />भारत का पलडा हल्का रहेगा. हमारा देश वैसे भी पहले से दुश्मनों से घिरा है... नेपाल, भूटान, पकिस्तान तो अव्वल है ही, उधर बर्मा और बांग्लादेश भी आखें तरेरते रहते है... यह भी उनका साथ देंगे... चीन दरअसल अपनी आदमी और कमियां खपाने की कोशिश कर रहा है....सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-78641457019712307842009-07-13T05:56:27.335-04:002009-07-13T05:56:27.335-04:00ये तो बहुत चिन्ताजनक समाचार दिया आपने.......यदि वा...ये तो बहुत चिन्ताजनक समाचार दिया आपने.......यदि वाकई में ऎसा होता है तो भारत को इस बार बडी विषम स्थिति का सामना करना पड सकता हैं। क्यों कि चीन और पाकिस्तान की मित्रता तो जग जाहिर है और ऎसा मौका यदि पाकिस्तान को मिलता है जिससे कि वो चीन की मदद और भारत को नुक्सान पहुँचा सके तो वो उसे हाथ से क्यूं जाने देगा। दूसरे पिछले कुछ वर्षों से चीन की श्रीलंका से भी नजदीकियाँ बढ रही हैं। उसकी अर्थव्यवस्था में भारी भरकम आर्थिक निवेश,लिट्टे के विरूद्ध हथियारों की मदद और उसकी बन्दरगाहों के विकास मे सहयोग के नाम पर हिन्द महासागर के मध्य में अपने लिए एक पक्का ठिकाना बनाने में लगा हुआ है। जब कि भारत ने श्रीलंका के साथ मित्रता होने के बावजूद् लिट्टे के विरूद्ध उसके युद्ध में बिल्कुल तटस्थ की भूमिका निभाई। <br />कुल मिलाकर परिस्थिति इस प्रकार की बन रही है कि यदि चीन इस बार आक्रमण कर देता है तो भारत के लिए शायद ज्यादा गम्भीर स्थिति होगी। ये भी हो सकता है कि आज के दोस्त (श्रीलंका)कल को कहीं शत्रु के रूप में न सामने खडे हों।Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87114817732200862572009-07-13T05:45:33.565-04:002009-07-13T05:45:33.565-04:00अनुराग जी!
यह एक सम्वेदनशील मुद्दा है। अत़ैव चिन्त...अनुराग जी!<br />यह एक सम्वेदनशील मुद्दा है। अत़ैव चिन्ता स्वाभाविक है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-62391778259211845432009-07-13T05:22:27.661-04:002009-07-13T05:22:27.661-04:00आज भारत की जो राजनीतिक मानसिकता है .........उसके च...आज भारत की जो राजनीतिक मानसिकता है .........उसके चलते इसकी संभावना पर विशवास होना ज़रा मुश्किल है.......... पूरा राष्ट्र एक माय हो कर किसी भी ऐसी बात का सामना करेगा............ लगता नहीं............. हां चाहता मैं भी यही हूँ की अगर ऐसा हो तो चीन नया सबक सीखे.............. दिली मुराद पूरी हो जायेगीदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-81693145268769306392009-07-13T03:58:25.219-04:002009-07-13T03:58:25.219-04:00आपका यह सामयिक विषय पर लेख बिल्कुल चौंका देने वाला...आपका यह सामयिक विषय पर लेख बिल्कुल चौंका देने वाला है, मगर है सत्य.<br /><br />चीन से ज़्यादा नुकसान भारत होगा ज़रूर, मगर जिस तरह पिछली बार भारत, नेहरुजी और कृष्ण मेनन गाफ़िल रह गये, और मात खाई, इस बार हो सकता है कि उल्टा हो.<br /><br />वैसे पूंजीवादी अमेरिका यही चाहता है, कि भविष्य की दुनिया कि दो बडी शक्तियां लडह पदें , और उनका माल असवाब काम में आ जाये.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-56718264715554363552009-07-13T03:55:06.161-04:002009-07-13T03:55:06.161-04:00vivek sing ji se sahmat hoonvivek sing ji se sahmat hoonRazi Shahabhttps://www.blogger.com/profile/13193897476357715971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64860846409265953192009-07-13T03:31:54.801-04:002009-07-13T03:31:54.801-04:00अनुराग जी किसी भी समय कुछ भी हो सकता हे, ओर हो सकत...अनुराग जी किसी भी समय कुछ भी हो सकता हे, ओर हो सकता है कि यह एक अफ़गाह ही हो अमेरिका जेसा कमीना सोदागर अपने हथियार बेचना चाहता हो, ओर अपने हथियार बेचने के लिये वो हर तरफ़ से कोशिश करेगा, लेकिन अगर हमारी सरकार मै अकल हो( जो नही है) तो इन हथियारो के स्थान पर जनता का विश्वाश जीते, जनता को अपने साथ ले, यह राज नीति को छोड कर.<br />ओर अगर यह हमला हुआ तो नतीजा बहुत भयानक होगा, एक तरफ़ चीन, फ़िर पाकिस्तान, फ़िर भुखा नंगा कंगला देश ओर यह सब चक्र्वयुह इस अमेरिका का रचा है, बाकी हमारे नेताओ ने भी कम घी नही डाला, लेकिन जान के डर से पीछे हटना भी अच्छा नही, इस लिये तेयारी जरुर होनी चाहिये, ओर यह तेयारी हथियारो से ज्यादा होस्स्ले से होनी चाहिये, ओर हम सब का होस्स्ला इन सरकार ने तोड दिया हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-78755853781428653722009-07-13T03:22:41.940-04:002009-07-13T03:22:41.940-04:00१९६२ के भारत और आज के भारत में कुछ तो फर्क है.. भर...१९६२ के भारत और आज के भारत में कुछ तो फर्क है.. भरात में चीनी उत्पादों की खपत बहुत ज्यादा है मुझे नहीं लगता ऐसे में चीन भारत से अपने संबंधो में कोई खटास पड़ने देगा.. और यदि ऐसेहोता भी है तो जैसा आपने कहा यह चीन की बेवकूफी ही होगी..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-52185060031924983182009-07-13T03:09:38.654-04:002009-07-13T03:09:38.654-04:00है तो बहुत ही सनसनीखेज समाचार लेकिन अबकी बार तब से...है तो बहुत ही सनसनीखेज समाचार लेकिन अबकी बार तब से परिस्थितियाँ बहुत अलग हैं .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-40647110703739241782009-07-13T01:21:05.845-04:002009-07-13T01:21:05.845-04:00युद्ध आज न कल तो होना ही है, पर भारत की तत्कालीन ...युद्ध आज न कल तो होना ही है, पर भारत की तत्कालीन राजनीति/कूटनीति से इसकी दिशा से तय होगी।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.com