tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post8563704631093259384..comments2024-03-17T12:17:02.187-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 3Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67202230017387842542011-09-10T06:15:45.487-04:002011-09-10T06:15:45.487-04:00गज़ब का लेख है ... नायक में क्या क्या गुण होने चाह...गज़ब का लेख है ... नायक में क्या क्या गुण होने चाहियें ... शायह पूरी तरह से लिपिबद्ध करना इतना आसान नहीं पर ये सत्य है की समाज हमेशा किसी न किसी नायक की तलाश में रहता है और अगर कुछ गुण भी इंसान मोएँ आ जाएं और वो सतत पालन कर सके तो नायक के समकक्ष पहुँच जाता है ...<br />बहुत ही प्रभावी श्रंखला पढ़ने को मिली बहुत समय बाद ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-92214595812746403972011-09-10T02:35:00.067-04:002011-09-10T02:35:00.067-04:00नयी जानकारियां मिली....ज्ञानवर्द्धक आलेखनयी जानकारियां मिली....ज्ञानवर्द्धक आलेखसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-43470119555908995502011-09-09T22:52:42.354-04:002011-09-09T22:52:42.354-04:00जी, मैं चौथी कड़ी पढ़ने को व्यग्र हूं. फीड में दिखाई...जी, मैं चौथी कड़ी पढ़ने को व्यग्र हूं. फीड में दिखाई दी, लेकिन उपलब्ध नहीं है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-23040267381930542812011-09-09T22:52:09.096-04:002011-09-09T22:52:09.096-04:00जी, मैं चौथी कड़ी पढ़ने को व्यग्र हूं. फीड में दिखाई...जी, मैं चौथी कड़ी पढ़ने को व्यग्र हूं. फीड में दिखाई दी, लेकिन उपलब्ध नहीं है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-22913721602685522882011-09-09T06:11:51.816-04:002011-09-09T06:11:51.816-04:00आज तीनो कड़ियों को एक साथ पढ़ा...और मन की जो स्थति ह...आज तीनो कड़ियों को एक साथ पढ़ा...और मन की जो स्थति है बता नहीं सकती....सौभाग्य है हमारा जो इस प्रकार सुस्पष्ट सारगर्भित गंभीर आलेख पढने का अवसर मिला है...<br /><br />इसके एक एक शब्द में मैंने अपने मनोभावों को प्रतिध्वनित होते पाया है...इससे सुन्दर और सुघड़ इस विषय पर और क्या और कैसे लिखा जा सकता है, यह मेरे समझ से तो बाहर है...इसलिए अपनी तरफ से इसमें और कुछ भी जोड़ने में मैं अक्षम हूँ...<br /><br />हाँ, अंतिम वाक्य में आपने जो पूछा है कि- क्या एक सफल नायक के लिये शक्ति भी आवश्यक है?<br />यहाँ मैं यही कह सकती हूँ कि शक्ति तो पहली आवश्यकता है,परन्तु यह शक्ति बाहरी नहीं, नायक का आत्मबल तथा नैतिक शक्ति ही होती है..<br /><br />विराट कल्याण भावना यदि मन में हो और उसके लिए कुछ भी कर गुजरने का संकल्प हो,तो उस व्यक्ति में नैतिक बल स्वयमेव इतना आ जाता है कि उसकी एक पुकार पर हजारों लाखों करोड़ों जन जो कि जनकल्याण ,सत के जय और असत के नाश के यज्ञं में जीवन अर्पित करना चाहते हैं, स्वाभाविक जुड़ कर नायक की शक्ति बन जाते हैं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13367816611419563342011-09-09T04:18:10.838-04:002011-09-09T04:18:10.838-04:00सारगर्भित जानकारीपूर्ण आलेख....सारगर्भित जानकारीपूर्ण आलेख....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-49387998696561484052011-09-08T23:45:31.466-04:002011-09-08T23:45:31.466-04:00सरकार को शायर की जरुरत-Apply On-Line
कायर की चेत...सरकार को शायर की जरुरत-Apply On-Line<br />कायर की चेतावनी, बढ़िया मिली मिसाल,<br />कड़ी सजा दूंगा उन्हें, करे जमीं जो लाल |<br /><br />करे जमीं जो लाल, मिटायेंगे हम जड़ से,<br />संघी पर फिर दोष, लगा देते हैं तड़ से |<br /><br />रटे - रटाये शेर, रखो इक काबिल शायर,<br />कम से कम हर बार, नया तो बक कुछ कायर || <br /><br />आदरणीय मदन शर्मा जी के कमेंट का हिस्सा साभार उद्धृत करना चाहूंगा -<br />अब बयानबाजी शुरू होगी-<br />प्रधानमंत्री ...... हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ...<br /><br />दिग्गी ...... इस में आर एस एस का हाथ हो सकता है<br /><br />चिदम्बरम ..... ऐसे छोटे मोटे धमाके होते रहते है..<br /><br />राहुल बाबा ..... हर धमाके को रोका नही जा सकता...<br /><br />आपको पता है कि दिल्ली पुलिस कहाँ थी?<br />अन्ना, बाबा रामदेव, केजरीवाल को नीचा दिखाने में ?????रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13477424093060681682011-09-08T21:29:28.647-04:002011-09-08T21:29:28.647-04:00और भी विचारों की प्रतीक्षा है। पढ़ने को, मनन करने ...और भी विचारों की प्रतीक्षा है। पढ़ने को, मनन करने को अच्छी खुराक मिल रही है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64624663234813444572011-09-08T21:23:46.525-04:002011-09-08T21:23:46.525-04:00शिल्पा जी,
सही याद दिलाया। नायकों के हृदय में करु...शिल्पा जी,<br /><br />सही याद दिलाया। नायकों के हृदय में करुणा और प्रेम का सागर हिलोरें लेता है।<br /><br />सुज्ञ जी, <br />आपने तो गागर में सागर भर दिया। <br /> <br />अभिषेक,<br /> सहमत हूँ।<br /><br />रविकर जी, आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-81693064007059359252011-09-08T21:18:52.285-04:002011-09-08T21:18:52.285-04:00सलिल जी, ध्यानाकर्षण के लिये धन्यवाद। ग़लती ठीक कर...सलिल जी, ध्यानाकर्षण के लिये धन्यवाद। ग़लती ठीक कर दी है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-21667465110125640352011-09-08T14:34:23.521-04:002011-09-08T14:34:23.521-04:00बहुत ही गहन विवेचन कर लिखा गया आलेख...और उस पर उतन...बहुत ही गहन विवेचन कर लिखा गया आलेख...और उस पर उतनी ही महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ...<br /><br />ज्ञानवर्द्धक आलेखrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55207197388711620852011-09-08T14:19:57.181-04:002011-09-08T14:19:57.181-04:00नायकों के गुणों की श्रृंखला अनंत है.. अनंत है उनकी...नायकों के गुणों की श्रृंखला अनंत है.. अनंत है उनकी महिमा की तरह.. लेखन, बुद्धि, विचार आदि भी नायक के ही गुण हैं.. शक्ति के आभूषण के कारण कई 'खलनायक' भी समाज में दिखते हैं. जिन्हें एक वर्ग विशेष नायक मानता रहा है.. जैसे हाजी मस्तान, वरदराज मुदलियार और अन्य.. फ़िल्में भी बनीं इन (खल)नायक के जीवन चरित पर. लिहाजा एक रिलेटिविटी के चश्मे से भी नायक के गुणों को देखने की आवश्यकता है. <br />.<br />पुनश्च:<br />पहले श्लोक को ध्यान से देखें कुछ त्रुटि है.. <br />कार्याणि 'न'मनोरथे!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-89595994502207103662011-09-08T12:23:30.089-04:002011-09-08T12:23:30.089-04:00अत्यंत सशक्त और उद्वेलित करता आलेख. शुभकामनाएं.
र...अत्यंत सशक्त और उद्वेलित करता आलेख. शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-88759221206146469572011-09-08T10:40:10.581-04:002011-09-08T10:40:10.581-04:00@उद्यमेन हि सिध्यंति कार्याणि मनोरथैः ।
न हि सुप्त...@उद्यमेन हि सिध्यंति कार्याणि मनोरथैः ।<br />न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशंति मुखे मृगाः॥<br />--------------------------------------------------------<br />@@विजेतव्या लंका चरणतरणीयो जलनिधिः<br />विपक्षः पौलस्त्य रणभुवि सहायाश्च कपयः ।<br />तथाप्येको रामः सकलमवधीद्राक्षसकुलम<br />क्रियासिद्धिः सत्त्वे भवति महता नोपकरणे॥<br />---------------------------------------------------------<br />इन तराशें हुए सन्दर्भों के बाद कुछ बतानें की जरूरत कहाँ.<br />बेहतरीन पोस्ट,जारी रखें,आभार.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-37288394117647053182011-09-08T10:09:19.368-04:002011-09-08T10:09:19.368-04:00कभी-कभी जो सर्वगुण संपन्न नहीं होता वह भी नायक बन ...कभी-कभी जो सर्वगुण संपन्न नहीं होता वह भी नायक बन जाता है। क्योंकि वह दूसरों से बेहतर होता है। शायद इसीलिए यह कहावत प्रचलित हुई है..<br />..अंधों में काना राजा।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-75556366843845296622011-09-08T05:50:44.608-04:002011-09-08T05:50:44.608-04:00जात - पांत न देखता, न ही रिश्तेदारी,
लिंक नए न...जात - पांत न देखता, न ही रिश्तेदारी,<br />लिंक नए नित खोजता, लगी यही बीमारी | <br /><br />लगी यही बीमारी, चर्चा - मंच सजाता,<br />सात-आठ टिप्पणी, आज भी नहिहै पाता |<br /><br />पर अच्छे कुछ ब्लॉग, तरसते एक नजर को,<br />चलिए इन पर रोज, देखिये स्वयं असर को ||<br /><br />आइये शुक्रवार को भी --<br /> http://charchamanch.blogspot.com/रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-80977042714538205512011-09-08T02:53:51.824-04:002011-09-08T02:53:51.824-04:00नायक के गुणों पर तलस्पर्शी विवेचन है।
कोई तो विशि...नायक के गुणों पर तलस्पर्शी विवेचन है।<br /><br />कोई तो विशिष्ठ गुण है जो नायक को असाधारण सामर्थ्य प्रदान करता है।<br /><br />मुझे लगता है, नायक इन सभी गुणों के गूढ़ मर्म को ज्ञात कर आत्मसात कर लेता है, और उनके सार्थक क्रियान्वन की अद्भुत क्षमता का विकास कर लेता है।<br /><br />परस्पर विरोधी नजर आने वाले गुणो को भी नायक, विलक्षण बुद्धि-योग से साकार कर देता है।<br /><br />उदारता के साथ दृढ़ता भी।<br />निर्भयता के साथ दया-करूणा भी।<br />धैर्य के साथ त्वरित निर्णय क्षमता भी।<br />साहस के साथ समता भी।<br />क्षमा के साथ शौर्य भी।<br />त्याग के साथ अधिकार चेतना भी।<br />अधिकार-मांग के साथ कर्तव्यनिष्ठा भी।<br />संरक्षण प्रदान करने के साथ स्वावलम्बन प्रेरणा भी।<br />जनहित को जुजारू तो जनता को अनुशासन का पाठ भी।<br /><b> गुण मर्मज्ञ होता है नायक </b>सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-30004532882771672912011-09-08T02:39:36.154-04:002011-09-08T02:39:36.154-04:00नायकों के ये सारे गुण तो हैं. लेकिन सभी गुण सभी ना...नायकों के ये सारे गुण तो हैं. लेकिन सभी गुण सभी नायक में हों ये मुझे जरूरी नहीं लगता. अगर ऐसा हो तो वो नायक आदर्श - हर तरह से पूर्ण इंसान हो जाएगा. जो एक अच्छे नायक में होना भी चाहिए. पर वास्तव में मुझे लगता है कि जैसे गति के हर आदर्श नियमों में घर्षण भी लगाना होता है. वैसे ही ये नायक भी हम आम इंसानों की ही तरह होते हैं. इनमें भी इन आदर्शों के साथ बाकी गुण-दोष भी होते हैं.<br /><br /> पर इनमें एक गुण ये भी होता है कि वे अपनी कमजोरियों को समझते हैं. उससे नेतृत्व किस तरह प्रभावित हो सकता है और किस तरीके से अपनी कमजोरियों का प्रबंधन करना है वो ये भी समझते हैं. और समय के साथ सीखते चले जाना भी इन नायकों का एक गुण होता है. <br /><br />दूसरी बात मुझे ये भी लगती है कि समय के साथ नायकों की अच्छी बातें इतनी महिमामंडित होती है कि उनकी कमजोरियां इतिहास के पन्नों में कहीं खो जाती है. <br /><br />मेरी ये बातें दो मान्याताओं पर निर्भर हैं पहली ये कि पूर्ण इंसान संभव नहीं, दूसरी ये कि नायकों के बारे में हमें जो बातें पढ़ने-सुनने को मिलती हैं वो केवल उनके अच्छे पक्ष को लेकर ही होती हैं. अगर ये दोनों सच हैं तो अपनी कमजोरियों की समझ और समय के साथ सीखने-बदलने वाले गुण की महत्ता मुझे अधिक लगती है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-5674639036385522052011-09-08T02:37:54.837-04:002011-09-08T02:37:54.837-04:00chachu.........is srinkhla ke liye
hardik abhar......chachu.........is srinkhla ke liye<br />hardik abhar.....<br /><br />sabhi vigya jan ko pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64454860564478869522011-09-08T00:43:05.814-04:002011-09-08T00:43:05.814-04:00@ क्या एक सफल नायक के लिये शक्ति भी आवश्यक है? ......@ क्या एक सफल नायक के लिये शक्ति भी आवश्यक है? ........ हाँ - बिल्कुल |<br /> शक्ति = ७०% इच्छा शक्ति + ३०% शारीरिक शक्ति ...<br /><br />क्या आपको लगता है कि नायकत्व के लिए "प्रेम" एक आवश्यक गुण है ? एक व्यक्ति विशेष से सीमित प्रेम नहीं, बल्कि वृहद प्रेम - अपने पूरे समाज से सच्चा प्रेम - जो उस मनुष्य को उस समाज के दुःख को देख कर चुप रहने ही ना दे ? क्योंकि - आप कोई काम [ पूरे व्यक्तित्व को उसमे डुबा कर ] तब ही कर सकते हैं - जब आप उसके लिए पूरी तरह involved हो सकें | सिर्फ आदर्शों पर चल कर ही नायक बनना मुझे संभव नहीं लगता, जब तक कि कर्ता का दिल उस कार्य में पूर्ण रूपेण संलग्न ना हो |<br /><br />ग़ज़ब का आलेख है यह आपका | इससे पहले की लेख श्रुंखला "शहीदों को तो बख्श दो" बहुत पसंद आई थी, और अब यह !!! प्रणाम आपको |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-49950066489554034862011-09-08T00:33:08.880-04:002011-09-08T00:33:08.880-04:00वाणी जी,
आभार! कृष्ण ने रण छोडा था मथुरा के निर्द...वाणी जी,<br /><br />आभार! कृष्ण ने रण छोडा था मथुरा के निर्दोष नागरिकों को बचाने के लिये ताकि शत्रु उनके पीछे परशुराम क्षेत्र तक आये और वे परशुराम से नये शस्त्र/दीक्षा लेकर उसका हनन कर सकें। तो इस रण छोडने के पीछे भी नागरिकों की रक्षा (जन कल्याण, उदारता, करुणा) की भावना ही छिपी थी।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-23838007947458743022011-09-08T00:28:29.174-04:002011-09-08T00:28:29.174-04:00कुल मिलाकर धैर्य ,वीरता , साहस , निर्भयता और त्याग...कुल मिलाकर धैर्य ,वीरता , साहस , निर्भयता और त्याग के बिना कोई नायक नहीं बन सकता ,अपवाद में परिस्थितियों के मुताबिक कृष्ण का रणछोड़दास होना अंततः उनके नायकत्व के गुण में आता है !<br />रोचक ज्ञानवर्धक आलेख!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70341256955124970162011-09-08T00:04:44.000-04:002011-09-08T00:04:44.000-04:00आप ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है
@ ज्ञान/समझ/अनु...आप ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है<br /><br />@ ज्ञान/समझ/अनुभव भी नायकों का गुण होना चाहिये। आपको क्या लगता है?<br /><br />हाँ बिलकुल : उदाहरण फिलहाल जो मुझे अभी ध्यान में आता है वो हैं , श्री सुब्रमनियन स्वामीएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-34211186569721528052011-09-07T23:57:43.039-04:002011-09-07T23:57:43.039-04:00कई नयी जानकारियां मिली...आभार आपका !कई नयी जानकारियां मिली...आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-49632747948072347612011-09-07T23:26:48.669-04:002011-09-07T23:26:48.669-04:00राम ने जैसे हनुमान को भी भगवान् बना दिया वैसे ही अ...राम ने जैसे हनुमान को भी भगवान् बना दिया वैसे ही अन्ना का सामीप्य मात्र से ही कई हनुमानों की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com