tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post8967870704751105611..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: शहीदों को बख्श दो: 2. क्रांतिकारी - आस्था, राजनीति और कम्युनिज़्मSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-43220913184064135922011-07-13T00:59:34.216-04:002011-07-13T00:59:34.216-04:00मेरी लिए तो कई जानकारिया नई है उसके लिए धन्यवाद |
...मेरी लिए तो कई जानकारिया नई है उसके लिए धन्यवाद |<br />आप से सहमत हूं की इंटरनेट का आँख मूंद का प्रयोग करने वाला युवा कई बार इसके द्वारा फैलाये जा रहे दुष्प्रचार को नहीं समझ पता है और वहा लिखी किसी भी बात को ही सर्वोत्तम सच मान बैठता है | ये स्थिति तब और भी ख़राब हो जाती है जब हमारी पाठ्य पुस्तकों में इन क्रांतिकारियों के बारे में ज्यादा कुछ ना कहा जा रहा हो |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-21999585886326591932011-07-12T13:49:34.572-04:002011-07-12T13:49:34.572-04:00बहुत जरुरत है ऐसे सच उजागर करते तथ्यपरक आलेखों की....बहुत जरुरत है ऐसे सच उजागर करते तथ्यपरक आलेखों की. मुझे ये जानने की उत्सुकता हो रही है कि लाल चश्में से ये आलेख कैसा दिख रहा होगा !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66239537426854758032011-07-12T04:10:17.630-04:002011-07-12T04:10:17.630-04:00आपकी बातों से सहमत हूँ ... कमुनिस्ट लोगों ने ... इ...आपकी बातों से सहमत हूँ ... कमुनिस्ट लोगों ने ... इनकी विचारधारा ने देश का कभी भला नहीं किया ... पर आज अफ्सोस होता है कांग्रेस को देख कर जो अपने सिद्धांतों को सत्ता के लोभ में भूल चुकी है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-65158744520891603792011-07-12T02:01:56.215-04:002011-07-12T02:01:56.215-04:00क्रांतिकारी किसी इज़्म से नाता नहीं देश के लिए जीत...क्रांतिकारी किसी इज़्म से नाता नहीं देश के लिए जीता है, मरता है।................hum bhi yahi kahenge.....<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-73378788529415231992011-07-11T09:04:06.057-04:002011-07-11T09:04:06.057-04:00विचारों को उद्वेलित करती पोस्ट।विचारों को उद्वेलित करती पोस्ट।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-51426089749352525232011-07-10T13:33:17.379-04:002011-07-10T13:33:17.379-04:00अच्छी जानकारी और कड़ी !अच्छी जानकारी और कड़ी !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-35951913973883712232011-07-10T10:37:34.666-04:002011-07-10T10:37:34.666-04:00@अफ़सोस है इसी देश में करोड़ों लोंगों को अपना यह अ...@अफ़सोस है इसी देश में करोड़ों लोंगों को अपना यह अतीत भूलता जा रहा है<br /><br />मनोज जी, ऐसा करने के सुनियोजित प्रयास भी चल रहे हैं। इंटरनैट पर एक नज़र मारने पर आपको लेनिन और माओ जैसे नृशंस दानवों के बीच बिठायी हुई भगतसिंह की तस्वीर आसानी से मिल जायेगी। साथ ही उनकी ऐसी श्वेत-श्याम तस्वीरें भी जहाँ उनके साफे को लाल रंग दिया गया है। सतही तौर पर मासूम से दिखने वाले यह कृत्य जनता के मन में धीरे-धीरे एक झूठ फैलाने का कुत्सित प्रयत्न नहीं तो और क्या हैं?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-92213821505577665132011-07-10T10:03:38.324-04:002011-07-10T10:03:38.324-04:00बहुत विचारोत्तेजक श्रृंखला है,अफ़सोस है इसी देश मे...बहुत विचारोत्तेजक श्रृंखला है,अफ़सोस है इसी देश में करोड़ों लोंगों को अपना यह अतीत भूलता जा रहा है,प्रस्तुति हेतु बहुत धन्यवाद.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-56535728757187804952011-07-10T08:16:11.917-04:002011-07-10T08:16:11.917-04:00यह तो संसार भर के कम्युनिस्तों की रीत रही है...यह तो संसार भर के कम्युनिस्तों की रीत रही है...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87985934480213731742011-07-10T05:22:40.897-04:002011-07-10T05:22:40.897-04:00बढ़िया श्रृंखला चल रही है , हर कड़ी का बेसब्री से ...बढ़िया श्रृंखला चल रही है , हर कड़ी का बेसब्री से इन्तजार रहता है , इस लेख के लिए धन्यवादएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-43228096692086718802011-07-10T05:16:33.670-04:002011-07-10T05:16:33.670-04:00पहली बात तो - पहले मैं समझ नहीं पाई थी - कि इस पोस...पहली बात तो - पहले मैं समझ नहीं पाई थी - कि इस पोस्ट का नाम यह क्यों है - पर अब कुछ ऐसे ब्लोग्स देख आई हूँ जहाँ यह प्रूव करने की कोशिश है कि भगत सिंह नास्तिक थे - और आपकी रिक्वेस्ट भी उस पुस्तक के लिए , और जवाब भी हैं | किन्तु मेरी समझ में यह बिल्कुल नहीं आ रहा कि यह मुद्दा क्यों - कि भगतसिंह आस्तिक थे या नास्तिक ? उन्होंने कभी यह कोशिश नहीं की कि उन्हें आस्तिक या नास्तिक का लेबल कौनसा मिलता है - वे सिर्फ अपनी धरती माँ को आज़ाद कराना चाहते थे | वे तो यह भी नहीं चाहते थे कि हम लोग उन्हें एक महान शहीद के रूप में याद करें - वे लोग इस मानसिकता से बहुत ऊपर के व्यक्ति थे |<br />दूसरी बात यह कि भले ही वे आस्तिक रहे हों या ना रहे हों - इससे आज मेरी और आपकी विचार धारा - कि ईश्वर हैं या नहीं - इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता - जैसा आपने लिखा है " याद रहे कि भारत और अमेरिका आदि लोकतांत्रिक देश स्वतंत्र और धर्मनिरपेक्ष, हैं जहाँ नास्तिक, आस्तिक और कम्युनिस्ट हर व्यक्ति को अपनी आस्था पालन की स्वतंत्रता है। इसके उलट कम्युनिस्ट तानाशाही तंत्र में हर व्यक्ति को जबरन अपनी धार्मिक आस्था छोडकर कम्युनिज़्म में आस्था और स्वामिभक्ति रखनी पडती है। हिरण्यकशिपु की कथा याद दिलाने वाले उस क्रूर और असहिष्णु प्रशासन में अपने कम्युनिस्ट तानाशाह के अतिरिक्त किसी भी सिद्धांत के प्रति आस्था रखने का कोई विकल्प नहीं है। " यह बिल्कुल सही है - और हमारा सौभाग्य है कि भगत जी ,गांधी जी और अनेक लोगों ने अपनी अपनी ओर से जो तरीके उन्हें ठीक लगे वैसे प्रयास किये स्वाधीनता के लिए |<br />धन्यवाद - आप का लेख बहुत सी जानकारी से पूर्ण है - और आपने रिसर्च भी खूब की है हम लोगों तक यह जानकारी पहुचाने के लिए |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-83308949444236785082011-07-10T05:13:27.432-04:002011-07-10T05:13:27.432-04:00बहुत बहुत साधुवाद...... आशा करते हैं की आने वाली औ...बहुत बहुत साधुवाद...... आशा करते हैं की आने वाली और किस्तों में क्रांतिकारियों के विचारों और आस्था पर प्रकाश डालेंगे... <br /><br />ये सत्य है की भारत माता के पुजारी किसी एक विचारधारा से नहीं बंधे थे.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-198320374170280892011-07-10T04:53:29.823-04:002011-07-10T04:53:29.823-04:00जनमानस को बहा लेने वाले नायक के रूप में गाँधीजी को...जनमानस को बहा लेने वाले नायक के रूप में गाँधीजी को मैं भी देखता हूँ और उनके महत्व, प्रभाव को कहीं भी कम करके नहीं आँकता लेकिन अपना दिल क्राँतिकारियों की सरकारी अनदेखी से दुखता है, यही मंतव्य था। <br />बात हास्यास्पद सी लग सकती है लेकिन गरम दल और नरम दल के नेताओं की तुलना मैं दांतों और जीभ से करता हूँ। गरम दाल वाले ज्यादा प्रभावी होकर भी जल्दी ही अपने को होम कर देते हैं और नरम पार्टी नरमाई के चलते दीर्घजीवी होती है। अपनी श्रद्धा का पलड़ा दाँतों की तरफ़ ज्यादा झुका हुआ है:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-23438397642236629692011-07-10T03:10:14.239-04:002011-07-10T03:10:14.239-04:00.......प्रेमपत्र लिख रहे थे।
नयी जानकारी है .आज के..........प्रेमपत्र लिख रहे थे।<br />नयी जानकारी है .आज के सन्दर्भ में समझने में आसानी होगी कम्युनिस्टों को.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-14271742921025800452011-07-10T02:51:39.311-04:002011-07-10T02:51:39.311-04:00भगत सिंह जैसे क्रान्तिकारियों का विश्लेषण कोंग्रेस...भगत सिंह जैसे क्रान्तिकारियों का विश्लेषण कोंग्रेस और कम्युनिस्टों के नज़रिए से तथ्यों के आलोक में जो आपने किया वह एक आम भारतीय के मन में सुगबुगाती सोच को बल प्रदान करता है. आवश्यकता है इतिहास के पुनरावलोकन की. मगर आज तो इतिहास आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने ढंग से लिखा ही नहीं दिखाया भी जा रहा है, ताकि लोग दिखाई देने वाले झूठ को सच मानने लगें. <br />वैसे ताज्जुब नहीं होता... जॉन ग्राइशम के उपन्यास "द ब्रिदरेन" पढने के बाद!! अनुराग भाई! यह श्रृंखला मेरे व्यक्तिगत ज्ञान नेत्र खोलने के लिए उत्प्रेरक है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-88094772950482250582011-07-10T02:10:23.193-04:002011-07-10T02:10:23.193-04:00कमाल की विवेचना है .... ! कुछ नए तथ्य पाकर अच्छा ...कमाल की विवेचना है .... ! कुछ नए तथ्य पाकर अच्छा लगा और आपकी कलम पर विश्वास तो है ही ! <br /> हार्दिक शुभकामनायें !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-21164845157319929162011-07-10T01:51:45.081-04:002011-07-10T01:51:45.081-04:00इन अमर कान्तिकारियों को शत-शत नमन!इन अमर कान्तिकारियों को शत-शत नमन!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-46428275147104803322011-07-10T01:40:12.639-04:002011-07-10T01:40:12.639-04:00यह तो एक शोध दस्तावेज है जो कम्युनिस्टों की कुत्सि...यह तो एक शोध दस्तावेज है जो कम्युनिस्टों की कुत्सित मानसिकता को उजागर करते हुए, तत्कालीन परिदृश्य को तथ्यात्मक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया है।<br /><br />कम्युनिस्टों की नास्तिकता भी छ्द्म नास्तिकता है, जबकि वास्तव में तो उनमें धर्मद्वेष का चरम है। यह लोग सच्चे भी मात्र इसलिए नहीं है क्योंकि सत्य का प्रसार प्रचार धर्मग्रंथ जो करते है। सदाचार भी वहां इसलिए व्यवहार में नहीं है कि इसकी प्रेरणा धर्मोपदेश जो करते है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70555038702369119082011-07-10T01:28:58.452-04:002011-07-10T01:28:58.452-04:00आजादी के समय क्या हुआ , ये सच हम लोग नहीं जान सकते...आजादी के समय क्या हुआ , ये सच हम लोग नहीं जान सकते लेकिन अनुराग जी की इस बात से सहमत हूँ की उपलब्ध जानकारियों पर अपने विवेक द्वारा नीर-क्षीर विभाजन करके , सत्य को पहचानकर उसका प्रसार और झूठे प्रचार की काट हमारा कर्तव्य है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-34956933505833018572011-07-10T01:18:45.496-04:002011-07-10T01:18:45.496-04:00क्रांतिकारी केवल राष्ट्रवादी थे।
उन्हें किसी राजनै...क्रांतिकारी केवल राष्ट्रवादी थे।<br />उन्हें किसी राजनैतिक विचारधारा से जोड़कर देखना उचित नहीं है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-34517151608925253452011-07-10T00:36:59.576-04:002011-07-10T00:36:59.576-04:00उल्लेखनीय यह है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस...उल्लेखनीय यह है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक Param pujya Dr. Keshav Baliram Hedgevaar बिस्मिल और आज़ाद के साथ उस हिंदुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य थे जिसमें बाद में भगतसिंह भी आये।<br /><br /><br />बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ||<br />बहुत बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-26458706123831141292011-07-09T23:23:23.663-04:002011-07-09T23:23:23.663-04:00यह विचारोत्तंजक पोस्ट कम यह बात तो साफ करने मे स...यह विचारोत्तंजक पोस्ट कम यह बात तो साफ करने मे सफल है कि भगतसिंह पर वामपन्थियों और दक्षिणपन्थियों द्वारा जताया जा रहा एकाधिकार सबसे बडा झूठ है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67376694585477965632011-07-09T21:30:27.250-04:002011-07-09T21:30:27.250-04:00क्रन्तिकारी और आतंकवादियों के फर्क को महसूस किया ज...क्रन्तिकारी और आतंकवादियों के फर्क को महसूस किया जाना चाहिए , क्रांतिकारियों के हमले में कभी कोई बेक़सूर नहीं मारा गया !<br />सार्थक विवेचन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-9397478246179481902011-07-09T19:48:05.531-04:002011-07-09T19:48:05.531-04:00सार्थक विवेचन लिए पोस्ट...... अरविन्दजी की बातों...सार्थक विवेचन लिए पोस्ट...... अरविन्दजी की बातों से पूरी तरह सहमत हूँ... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66191787698680124662011-07-09T18:47:25.868-04:002011-07-09T18:47:25.868-04:00संजय @ मो सम कौन,
ज़रा चीन के वातावरण की कल्पना क...संजय @ मो सम कौन,<br /><br />ज़रा चीन के वातावरण की कल्पना कीजिये जहाँ <a href="http://hindi-blog-list.blogspot.com/2011/07/dalai-lama-birth-day-wish-free-tibet.html" rel="nofollow">दलाई लामा</a> को एक भयंकर आतंकवादी बताया जाता है। हम दोनों ही ऐसे राष्ट्रों में रहते हैं जहाँ लोकतंत्र है और जानकारी पर चीन जैसा कोई प्रतिबन्ध नहीं है, इस बात का लाभ उठाया जाना चाहिये। सत्य को पहचानकर उसका प्रसार और झूठे प्रचार की काट हमारा कर्तव्य है। पाठ्य पुस्तक लेखकों की अपनी सीमायें हो सकती हैं परंतु आज़ादी से ठीक पहले के संघर्ष में भारतीय जनमानस को बहा लेने वाले एक व्यक्ति का नाम लेना हो तो शायद गांधी का नाम ही आयेगा।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com