tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post8995455884541562348..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: किशोर चौधरी के नाम...Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-72974998466899814862009-12-19T17:07:48.905-05:002009-12-19T17:07:48.905-05:00नहीं स्मार्ट इंडियन साहेब ; आम ....ख़ास इन अल...नहीं स्मार्ट इंडियन साहेब ; आम ....ख़ास इन अलफ़ाज़ से शर्मिंदा मत कीजिये ;<br /> आप आम नहीं बल्कि बहुत बहुत ख़ास हैं ;मुहब्बत करने वाले .दुआ देने वाले आम हो ही नहीं सकते <br /> मुझे दुआओं की सौग़ात सौंपने वाले <br /> तेरा ज़मीर दरख्शां दिखाई देता है [ दरख्शां =रौशन ]<br />मैं तो ये सोच कर विस्मित हूँ कि आपने इतनी जल्द गूगल पर खोज -बीन भी कर ली .आपके इस प्रयास ,जोश ,जूनून ,अदब के लिए ऐसी जिज्ञासु प्रवृत्ति के समक्ष मैं <br />नत मस्तक हूँ ,आइन्दा भी आपकी बेश्कीमती दुआओं के तोहफे का मूझे इंतज़ार रहेगा . शुक्रियालता 'हया'https://www.blogger.com/profile/10512517381147885252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70777213163293710222009-12-19T16:09:20.891-05:002009-12-19T16:09:20.891-05:00शुक्रिया ;
आपकी शंका का निवारण मैंने...शुक्रिया ;<br /> आपकी शंका का निवारण मैंने अपने ब्लॉग में विस्तार से किया है लेकिन यहाँ भी बताना ज़रूरी समझती हूँ कि शाहिद साहेब का जवाब सही है ; हिंदी में भूख तो उर्दू में भूक होता है ; आप जैसे चाहें प्रयोग करें ; दोनों अपनी हैं ;हिंदी भी ,उर्दू भी .<br />aapki is post par comment karne ke liye mujhe pahele iski tah tak jaana hoga lihaza ..abhi sirf aapka aabhar vayakt kar sakti hoon .लता 'हया'https://www.blogger.com/profile/10512517381147885252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70447289845900798692009-12-19T01:08:55.569-05:002009-12-19T01:08:55.569-05:00दिल को छू लेने वाली बातें कही है भईया आपने इस पत्र...दिल को छू लेने वाली बातें कही है भईया आपने इस पत्र में. किशोर जी के लेखन से परिचित कराने के लिए धन्यवाद.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-3152458131004091972009-12-18T04:47:50.119-05:002009-12-18T04:47:50.119-05:00बहुत बढिया पत्र लिखा आपने.बहुत बढिया पत्र लिखा आपने.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70606047392618987762009-12-18T04:33:51.714-05:002009-12-18T04:33:51.714-05:00संजय व्यास जी सही कह रहे हैं "एक संवेदन शील ...संजय व्यास जी सही कह रहे हैं "एक संवेदन शील पोस्ट पर आत्मीय चिट्ठी."Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-50877897547596042682009-12-17T09:45:10.267-05:002009-12-17T09:45:10.267-05:00आपका संवेदन शील दिल बहुत कुछ कह रहा है इस पत्र के ...आपका संवेदन शील दिल बहुत कुछ कह रहा है इस पत्र के माध्यम से ......... आपके सपनो की गाथा की प्रतीक्षा है ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-19407218727709908632009-12-17T09:19:41.271-05:002009-12-17T09:19:41.271-05:00ांअपकी पोस्ट और किशोर जी का जवाब पढ कर बहुत खुशी ह...ांअपकी पोस्ट और किशोर जी का जवाब पढ कर बहुत खुशी हुयी।ये ब्लाग परिवार कितना संवेदनशील है एक दूसरे के लिये और मुझे गर्व है कि मैं इस परिवार का एक अंग हूँ। बहुत अच्छा लगा आपका ये प्रयास। धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13082968038849618192009-12-17T09:14:32.899-05:002009-12-17T09:14:32.899-05:00आत्मीयता से भरा पूरा ,सांत्वना देता पत्र ।पारिजन क...आत्मीयता से भरा पूरा ,सांत्वना देता पत्र ।पारिजन के बिछुड़ने का गम,बहुत लम्बे अर्से तक दुखित करता है किन्तु वक्त का मरहम धीरे धीरे उसे भरने लगता है ।सब को खुश तो आज तक कोई नही रख पाया है ।पत्र के रूप मे लगभग अन्य को भी मार्गदर्शन ।BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-58880547202565139342009-12-17T07:12:19.762-05:002009-12-17T07:12:19.762-05:00आपकी पोस्ट पढी तो मामला जानने के लिए किशोर जी की प...आपकी पोस्ट पढी तो मामला जानने के लिए किशोर जी की पोस्ट पर जाना पडा...<br />आपके सद्प्रयास की मैं sarahna करती हूँ.....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-57250040576186328422009-12-17T00:14:35.418-05:002009-12-17T00:14:35.418-05:00असल ब्लौगिंग तो ये हुई ना। वाह, अनुराग जी!
किशोर ...असल ब्लौगिंग तो ये हुई ना। वाह, अनुराग जी!<br /><br />किशोर साब के तो हम एक अर्से से फैन रहे हैं।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-26686576760457634682009-12-17T00:00:54.212-05:002009-12-17T00:00:54.212-05:00स्वतंत्र समाज में सबको अपनी मर्जी से चलने का हक है...स्वतंत्र समाज में सबको अपनी मर्जी से चलने का हक है जब तक कि उनका कृत्य उन्हें और अन्य लोगों और परिवेश को कोई हानि न पहुंचाए.<br /><br />बेहतर...रवि कुमार, रावतभाटाhttp://ravikumarswarnkar.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-89298600894522086202009-12-16T22:41:48.374-05:002009-12-16T22:41:48.374-05:00बहुत खूब. मैं भी किशोर जी के ब्लाग को देखता हूं.बहुत खूब. मैं भी किशोर जी के ब्लाग को देखता हूं.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-30071955168784394302009-12-16T12:45:23.202-05:002009-12-16T12:45:23.202-05:00बहुत प्यारा खत लिखा है किशोर जी को.. आत्मियता से ओ...बहुत प्यारा खत लिखा है किशोर जी को.. आत्मियता से ओतप्रोत..रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87320285435679373822009-12-16T10:49:02.444-05:002009-12-16T10:49:02.444-05:00आत्मीयता का बोध कराती पोस्ट!
आभार!आत्मीयता का बोध कराती पोस्ट!<br />आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-10594184772671837472009-12-16T10:23:29.301-05:002009-12-16T10:23:29.301-05:00आपकी पोस्ट पढ कर किशोरजी की पोस्ट तो पढनी ही थी।...आपकी पोस्ट पढ कर किशोरजी की पोस्ट तो पढनी ही थी। यह सब अपने आप से जूझने से कम नहीं है। अपने आसपास किसी का बने रहना हम सबके लिए जस्रूरी है। अकेला कोई कैसे और कब तक जीये। और जब अपने आसपास किसी का होना जरूरी हो तो फिर जायज है कि अच्छे लोग ही हों। लम्पट नहीं।<br />सच कहा किषोरजी ने। ब्लाग मित्रों, बने रहो।<br />किशोरजी की मर्मान्तक पीडा और आपकी पोस्ट परस्पर पूरक हैं। एक के बिना दूजी अधूरी।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-84716629248627234632009-12-16T09:23:26.125-05:002009-12-16T09:23:26.125-05:00सपने पर लिखिए. अपनी भी थोड़ी रूचि थी कभी एक पूरी कि...सपने पर लिखिए. अपनी भी थोड़ी रूचि थी कभी एक पूरी किताब पढ़ी थी इस पर. अभी कल मेरे भाई साहब का फ़ोन आया था, बड़े परेशान थे उन्होंने सपने में मुझे सिगरेट पीते देख लिया. मुझे दुःख हुआ कि मुझ पर उन्हें शक हुआ ! खैर... फिर कभी. छोड़ने वाली बात और विवाद से तो मन दुखी हो जाता है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-47329001263195118652009-12-16T06:40:42.949-05:002009-12-16T06:40:42.949-05:00इतने दिनों बाद एक ख़त पढने को मिला...किसी और के ना...इतने दिनों बाद एक ख़त पढने को मिला...किसी और के नाम..किसी और का ख़त...पर ख़त की सारी खूबियाँ समेटे हुए था... .किसी अजीज़ को दी जानेवाली सलाह...उसके दुःख में व्यथित..बडा आत्मीय स्पर्श था इसमें...संवेदनशील मन वाले किशोर जी..के मन तक पहुँच गयी होंगी आपकी बातें.<br />आपके सपनों की श्रृंखला का इंतज़ार रहेगा....सपने हमेशा एक अबूझ सी पहेली लिए हुए होते हैं.<br />(बहुत बहुत शुक्रिया...मेरी पोस्ट पर हौसला अफजाई का...कबीर के दोहे का उल्लेख,मन आनंदित कर गया)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-31992015106870854832009-12-16T05:40:46.688-05:002009-12-16T05:40:46.688-05:00आपकी पोस्ट पढकर मुझे किशोर जी की पोस्ट अब तक न पढ ...आपकी पोस्ट पढकर मुझे किशोर जी की पोस्ट अब तक न पढ पाने का अफसोस हो रहा है।<br />--------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">छोटी सी गल्ती जो बडे़-बडे़ ब्लॉगर करते हैं।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या अंतरिक्ष में झण्डे गाड़ेगा इसरो का यह मिशन?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66444828528715685702009-12-16T05:03:14.023-05:002009-12-16T05:03:14.023-05:00अनुराग जी, बहुत आभार. अभी अपने शहर से बाहर हूँ लौट...अनुराग जी, बहुत आभार. अभी अपने शहर से बाहर हूँ लौटते ही लिखता हूँ.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-82718950464721386612009-12-16T03:00:03.042-05:002009-12-16T03:00:03.042-05:00बहुत सलीकेदार व सुन्दर अनुरोध पत्र है।बहुत सलीकेदार व सुन्दर अनुरोध पत्र है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-56747368073220907152009-12-16T02:38:56.369-05:002009-12-16T02:38:56.369-05:00सच्चा लेखन किसी प्रकार के शोर और मसाले की दरकार नह...सच्चा लेखन किसी प्रकार के शोर और मसाले की दरकार नही रखता किशोर जी इस बात का उदाहरण हैं। उन्हे बहुत दिन से पढ़ रही हूँ और उनका लेखन उनसे भी ज्यादा अच्छा कगता है। <br /><br />ये पोस्ट पढ़ कर हृदय से प्रसन्नता हो रही है।<br /><br />उनकी उन्नति के लिये कोटिशः शुभकामनाएंकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-90629622278049248402009-12-15T23:12:22.695-05:002009-12-15T23:12:22.695-05:00एक संवेदन शील पोस्ट पर आत्मीय चिट्ठी.एक संवेदन शील पोस्ट पर आत्मीय चिट्ठी.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-63773120053304406012009-12-15T23:06:42.237-05:002009-12-15T23:06:42.237-05:00किशोर जी की इस प्रविष्टि के भावात्मक-सौन्दर्य से आ...किशोर जी की इस प्रविष्टि के भावात्मक-सौन्दर्य से आकर्षित हूँ । उनका गद्य सदैव से प्रभावित करने वाला गद्य है- कवितामय गद्य ! संवेदनायें/भावनायें इस गद्य की थाती हैं । संवेदित मन ही व्यथित होता है शीघ्र, पर संवेदित मन ही हर्षित होता है शीघ्र । अभिव्यक्ति में इन भावानुभावों का छलकना स्वाभाविक है । मैं किशोर-गद्य पर मुग्ध हूँ । <br /><br />आपके पत्र ने ढंग से बात पहुँचायी है उन्हें । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-14582228847938969042009-12-15T19:42:00.302-05:002009-12-15T19:42:00.302-05:00किशोर जी एक बहुत ही संवेदनशील और भावुक व्यक्ति हैं...किशोर जी एक बहुत ही संवेदनशील और भावुक व्यक्ति हैं...यही वजह है वो अपनी कहानियों में भी प्राण फूंक देते हैं और हम पाठक उनके काल्पनिक कथ्य के ताने-बाने से उबर नहीं पाते हैं...निःसंदेह हठात लोगों का ब्लॉग जगत से नाता तोड़ लेना, उनलोगों के लिए कष्टप्रद हो जाता है जो पाठक ले रूप में भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं...वैसे भी हमलोग डुअल रोल तो अदा करते ही हैं....कभी पाठक तो कभी लेखक....लेकिन जिनलोगों ने भी यह निर्णय लिया है कुछ न कुछ अवश्य ही सोच कर लिया है और हमलोगों को उनके निर्णय का सम्मान करना चाहिए.....और आशा करनी चाहिए की वो कभी न कभी आयेंगे ही इस अल्पविराम के बाद...<br />मैं भी आपके साथ-साथ किशोर जी को अपने पाँव में , छोटी परन्तु दुखदायी समस्या से जल्द से जल्द निदान पा लेने की कामना करती हूँ...<br />धन्यवाद.....स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67323079864607691832009-12-15T19:39:46.579-05:002009-12-15T19:39:46.579-05:00मन को गहरे संस्पर्श करता यह अनुरोध पत्र !मन को गहरे संस्पर्श करता यह अनुरोध पत्र !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com