tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post9182225183298341872..comments2024-03-17T12:17:02.187-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: एक शाम गीता के नाम - चिंतनSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-18817173999019995022017-02-20T15:52:45.059-05:002017-02-20T15:52:45.059-05:00जिनके अपने असमय खो गए हों, गीता उन्हें कुछ सांत्वन...जिनके अपने असमय खो गए हों, गीता उन्हें कुछ सांत्वना तो दे ही सकती है. आपका लेख जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलू पर चर्चा करता है. सराहनीय है.ghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-22534879148086534932015-01-21T00:34:26.238-05:002015-01-21T00:34:26.238-05:00sundar ...sundar ...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-21184769854814116372014-04-03T22:42:04.175-04:002014-04-03T22:42:04.175-04:00आभार!आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-74039615962245925252013-12-29T15:01:11.693-05:002013-12-29T15:01:11.693-05:00जाकर भी आए लौट पर जाना न हो सका ... :(जाकर भी आए लौट पर जाना न हो सका ... :(Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-43685547389904740412013-02-28T10:28:42.393-05:002013-02-28T10:28:42.393-05:00आभार आपका भी!आभार आपका भी!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-83531403791288123042012-12-01T23:26:29.181-05:002012-12-01T23:26:29.181-05:00प्रिय ब्लॉगर मित्र,
हमें आपको यह बताते हुए प्रसन्...प्रिय ब्लॉगर मित्र,<br /><br />हमें आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है साथ ही संकोच भी – विशेषकर उन ब्लॉगर्स को यह बताने में जिनके ब्लॉग इतने उच्च स्तर के हैं कि उन्हें किसी भी सूची में सम्मिलित करने से उस सूची का सम्मान बढ़ता है न कि उस ब्लॉग का – कि ITB की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉगों की डाइरैक्टरी अब प्रकाशित हो चुकी है और आपका ब्लॉग उसमें सम्मिलित है।<br /><br />शुभकामनाओं सहित,<br /> ITB टीम<br /><br />पुनश्च:<br /><br />1. हम कुछेक लोकप्रिय ब्लॉग्स को डाइरैक्टरी में शामिल नहीं कर पाए क्योंकि उनके कंटैंट तथा/या डिज़ाइन फूहड़ / निम्न-स्तरीय / खिजाने वाले हैं। दो-एक ब्लॉगर्स ने अपने एक ब्लॉग की सामग्री दूसरे ब्लॉग्स में डुप्लिकेट करने में डिज़ाइन की ऐसी तैसी कर रखी है। कुछ ब्लॉगर्स अपने मुँह मिया मिट्ठू बनते रहते हैं, लेकिन इस संकलन में हमने उनके ब्लॉग्स ले रखे हैं बशर्ते उनमें स्तरीय कंटैंट हो। डाइरैक्टरी में शामिल किए / नहीं किए गए ब्लॉग्स के बारे में आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा।<br /><br />2. ITB के लोग ब्लॉग्स पर बहुत कम कमेंट कर पाते हैं और कमेंट तभी करते हैं जब विषय-वस्तु के प्रसंग में कुछ कहना होता है। यह कमेंट हमने यहाँ इसलिए किया क्योंकि हमें आपका ईमेल ब्लॉग में नहीं मिला।<br /><br />[यह भी हो सकता है कि हम ठीक से ईमेल ढूंढ नहीं पाए।] बिना प्रसंग के इस कमेंट के लिए क्षमा कीजिएगा। Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-54960226146412876532012-11-30T10:02:06.498-05:002012-11-30T10:02:06.498-05:00ऐसा विषय जिस पर जितना लिखा जाए, जितना पढा जाए, जित...ऐसा विषय जिस पर जितना लिखा जाए, जितना पढा जाए, जितना मनन किया जाए - हर बार उतना ही कम, बहुत कम लगता है। दु:ख तो मनुष्य का सहोदर है - शायद इसीलिए मनुष्य सुख की तलाश में लगा रहता है, अनवरत। जीवन का आनन्द (शायद सार्थक्य भी) इसी में होगा कि दु:ख को ही सुख तलाश कर िलया जाए। विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-58188930659682283382012-11-30T09:45:24.184-05:002012-11-30T09:45:24.184-05:00हमने सहसा सोचा गीता दत्त .... :-)
मगर यह तो और ...हमने सहसा सोचा गीता दत्त .... :-) <br />मगर यह तो और भी विचारोत्तेजक निकला .....<br />गीता ग्रन्थ ही ऐसा /ऐसी है कि जितनी बार पढ़िए नए नए भाव उदभाव उभरते हैं ! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-30358356318119145212012-11-28T22:23:22.643-05:002012-11-28T22:23:22.643-05:00गीता जीवन में उतारने हेतु सरल व गूढ़ ज्ञान व्यक...गीता जीवन में उतारने हेतु सरल व गूढ़ ज्ञान व्यक्ति की समझने , सीखने की क्षमता के अनुसार देती है !<br />सार्थक प्रविष्टि !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8538794503346728542012-11-28T19:02:15.076-05:002012-11-28T19:02:15.076-05:00अवश्य!अवश्य!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13384101747677762742012-11-28T07:52:40.919-05:002012-11-28T07:52:40.919-05:00यही मात्र नश्वर जीवन हो या श्रँखला सम पराजीवन चक्र...यही मात्र नश्वर जीवन हो या श्रँखला सम पराजीवन चक्र. कर्मयोग तो सावधानी पूर्वक ही करना होगा. निर्थक कर्मो के साथ जोखिम भरपूर है. शुभकर्मो के साथ दोनो स्थिति मेँ फायदा है, यदि यही मात्र जीवन हुआ तो चरित्र सार्थक हो जाएगा, और पराजीवन हुआ तो यही सद्कर्म पथ के पाथेय बन जाएँगे.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-92184287193788909272012-11-28T01:49:05.614-05:002012-11-28T01:49:05.614-05:00अगली बार आओ तो बदायूं साथ साथ चलेंगे ...अगली बार आओ तो बदायूं साथ साथ चलेंगे ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-65861854624280610412012-11-27T02:09:04.445-05:002012-11-27T02:09:04.445-05:00सार्थक प्रस्तुति . सार्थक प्रस्तुति . vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-51117964796400283842012-11-26T22:56:46.234-05:002012-11-26T22:56:46.234-05:00इस चिंतन के लिए आभार आपका इस चिंतन के लिए आभार आपका Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-74624032413393304912012-11-26T21:18:16.422-05:002012-11-26T21:18:16.422-05:00शुक्रिया राजेश जी!शुक्रिया राजेश जी!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-28752183335839374532012-11-26T16:28:12.897-05:002012-11-26T16:28:12.897-05:00एक आश्वस्त करती पोस्ट -आभार !एक आश्वस्त करती पोस्ट -आभार !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-41622267492891966922012-11-26T16:25:49.173-05:002012-11-26T16:25:49.173-05:00एक आश्वस्त करती पोस्ट -आभार!एक आश्वस्त करती पोस्ट -आभार!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-5033350796161827962012-11-26T12:07:49.274-05:002012-11-26T12:07:49.274-05:00जब भी अपने पूर्वजों के स्म।रण पडता हूं, आंखें नम ह...जब भी अपने पूर्वजों के स्म।रण पडता हूं, आंखें नम हो जाती हैं। पर उनके संस्मारण याद कराते हैं कि कर्म से कभी पलायन न करो, डटे रहो। उन जैसा तो नहीं बन सकते पर उनकी धरोहर को उनके शाश्व्त जीवन मूल्यों को कभी नहीं छोडेंगें। Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/09200243881789409637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-45009599288298840442012-11-26T11:54:06.164-05:002012-11-26T11:54:06.164-05:00जन्म और मृत्यु के दो सिरों के बीच जो बह रहा है वह ...जन्म और मृत्यु के दो सिरों के बीच जो बह रहा है वह जीवन है. और मानव जीवन की सततता को देखते हुए जन्म-मृत्यु-जन्म-मृत्यु की बारंबारता यदि देखें तो दोनों का भेद समाप्त होता प्रतीत होता है. <br />फिल्मों के दृष्टांत संजय जी ने पहले ही चुरा लिए हैं मेरे मस्तिष्क से इसलिए वो बातें मेरी भी समझी जाएँ. (इन्क्लुडिंग सौरी और आभार)<br />विनोद से परे, गीता ने मेरे जीवन में विगत दो सालों में जो परिवर्तन लाया है उसे अनुभव कर सकता हूँ व्यक्त नहीं. इस नाते भी यह पोस्ट मेरे लिए सिर झुकाने के बराबर है, अनुराग जी!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-91552974225624306622012-11-26T09:21:18.632-05:002012-11-26T09:21:18.632-05:00bahut hi achchha jiwan mantra.bahut hi achchha jiwan mantra.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-3678582538977261632012-11-26T07:32:27.644-05:002012-11-26T07:32:27.644-05:00धर्म और आध्यात्म से परिचय कराने में बुजुर्गों का ब...धर्म और आध्यात्म से परिचय कराने में बुजुर्गों का बड़ा हाथ रहता है . आजकल यह विधा ही खतम होती जा रही है. <br />सार्थक प्रस्तुति . डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-51727981603631305932012-11-26T04:24:12.599-05:002012-11-26T04:24:12.599-05:00पता नहीं, क्या सत्य है और क्या भ्रम. दुनिया है लेक...पता नहीं, क्या सत्य है और क्या भ्रम. दुनिया है लेकिन तभी तक जब तक हम उसे देख पा रहे हैं, उस पार न जाने क्या होगा. लेकिन उस पार भी कुछ होगा! क्या कुछ! संशय की स्थिति को उबारने में गीता निश्चित ही एक बड़ा सहारा है.<br />दयानिधि वत्सnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-9525729839296281732012-11-26T02:08:53.889-05:002012-11-26T02:08:53.889-05:00आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/...आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है!Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-18845156228365210892012-11-26T00:33:39.077-05:002012-11-26T00:33:39.077-05:00विवेकानन्द को देखना और सुनना सुखद लगा, आभार।विवेकानन्द को देखना और सुनना सुखद लगा, आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-84685955428685613262012-11-26T00:28:02.115-05:002012-11-26T00:28:02.115-05:00chintan jari rahe.......manan karte rahenge......
...chintan jari rahe.......manan karte rahenge......<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.com