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सेतु पत्रिका
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Saturday, January 28, 2012
अंतर्मन - कविता
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( अनुराग शर्मा ) ॐ सूर्य सहस्रांशो तेजो राशे जगत्पते ... पर्वत के पीछे बरगद के नीचे अपनों के देस में निपट परदेस में दुश्मन के ...
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Friday, January 27, 2012
पीतल नगरी, पोलियो और पाकिस्तान [इस्पात नगरी से 54]
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एक, दो, नहीं पूरे छः दशक लगे ग्लोबल विलेज में इस एक छोटी सी यात्रा को ... यात्रा अभी पूरी हुई या नहीं, यह पता लगने में अभी दो वर्ष और लगेंग...
15 comments:
Monday, January 23, 2012
अकेला - कविता
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( अनुराग शर्मा ) देखी ज़माने की यारी ... कभी उसको नहीं समझा कभी खुदको न पहचाना दिया है दर्जा दुश्मन का कभी भी दोस्त न माना जो ...
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