tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post1719799222010014244..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: बांधों को तोड़ दो - एक कहानीSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-78632498446773454182012-09-09T12:03:23.701-04:002012-09-09T12:03:23.701-04:00Very touching, and sad. But, why this " dilli...Very touching, and sad. But, why this " dilli/ kanpur etc ko kyon nahi dubote" <br /><br />its natural/ ok for a kid from the suffering family to think like that. But, only <br />"sarkar" doesn't stay at these places. People there too are people like us, who breathe, love, worry, suffer... :(<br /><br />Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-92228323449726845532010-10-27T22:08:46.601-04:002010-10-27T22:08:46.601-04:00जी आपका बहुत शुक्रिया आपने बड़ी गलती कि तरफ ध्यान द...जी आपका बहुत शुक्रिया आपने बड़ी गलती कि तरफ ध्यान दिला दिया हमने वो गलती सुधर ली है !<br /><br />बहुत सुन्दर तरीकेसे वर्णन किया है आपने .... हमेशा गाव ही डुबाये जाते है ना की शहर <br /><br />और एक सरकार जाये तो क्या दूसरी उसकी बहन ही तो होती है ...एक एक हमारे देश कि बहुत बड़ी समस्या है जन विकास से जादा सरकार या नेतागण खुद के विकास को जादा महत्त्व देती है !Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-51821304885338907462010-06-23T11:31:55.230-04:002010-06-23T11:31:55.230-04:00आप तोड़िए हम बहने को तैयार हैं :)
पहली कुछ टिप्प...आप तोड़िए हम बहने को तैयार हैं :) <br /><br />पहली कुछ टिप्पणियों से ही पता चल जाता है कि बहुत अच्छे लोग बहुत बारीकी से पढ़ रहे हैं।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-37365836337354048222010-06-21T03:34:36.916-04:002010-06-21T03:34:36.916-04:00बहुत मार्मिक कहानी है। कमजोर सदा विस्थापित होता है...बहुत मार्मिक कहानी है। कमजोर सदा विस्थापित होता है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-22252432080543309802010-06-20T06:03:05.928-04:002010-06-20T06:03:05.928-04:00कहीं पढ़ा था कि भारत में आजादी के बाद नेहरु ने एक घ...कहीं पढ़ा था कि भारत में आजादी के बाद नेहरु ने एक घोषणा की कि हम बाँध बनायेंगे और उससे देश का विकास होगा. फिर लगभग हर संसद सदस्य और नेता, मंत्री ये सोचते की विकास के लिए अपने क्षेत्र में एक बाँध बनवाना चाहिए... और जितने भी बाँध बने कभी कोई आकलन या पूर्व अध्ययन नहीं हुआ कि कोई लाभ भी होगा या नहीं. कितने का नुकसान होगा ये तो खैर सोचता ही कौन है. आपसे हस्ताक्षरित प्रति लेनी पड़ेगी इस उपन्यास की.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-23938867681056988142010-06-19T19:48:43.545-04:002010-06-19T19:48:43.545-04:00@Swaminathan said...
Very touching story..
I wis...<b>@Swaminathan said... <br />Very touching story..<br /><br />I wish to read entire novel. Is it available? How can I read it?<br /></b><br />स्वामिनाथन जी,<br />यदि आप मुझे अपना पता ईमेल करेंगे तो मैं यह उपन्यास पूरा होते ही सबसे पहले आप को भिजवाने की व्यवस्था करूंगाSmart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-77545446811953813512010-06-19T19:16:10.792-04:002010-06-19T19:16:10.792-04:00Very touching story..
I wish to read entire novel...Very touching story..<br /><br />I wish to read entire novel. Is it available? How can I read it?Swaminathannoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-29165184286941296362010-06-18T03:26:37.352-04:002010-06-18T03:26:37.352-04:00सहज प्रवाह युक्त कहानी बाकी सरकार तो सरकार है थोडा...सहज प्रवाह युक्त कहानी बाकी सरकार तो सरकार है थोडा सरकार का जलवा मेरि नई कविता में भी देख लीजियेगाप्रदीप मानोरियाhttps://www.blogger.com/profile/07696747698463381865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-7597821650437540772010-06-18T02:53:41.449-04:002010-06-18T02:53:41.449-04:00मार्मिक ... ऐसा ही गुस्सा कई लोगों के दिल में रहता...मार्मिक ... ऐसा ही गुस्सा कई लोगों के दिल में रहता है ... सदियों से ये हो रहा है .. सरकार / (राजा वर्ग) कभी त्याग नही करता .... बहुत अच्छी कहानी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-83563213334334994542010-06-17T12:45:02.845-04:002010-06-17T12:45:02.845-04:00वास्तविकता और फैंटेसी के बीच डोलने के लिए पाठक को ...वास्तविकता और फैंटेसी के बीच डोलने के लिए पाठक को स्पेस देने की कलात्मक युक्ति इसकी विशिष्टता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-11727042479711291592010-06-17T12:05:00.291-04:002010-06-17T12:05:00.291-04:00marmik katha .panna dhay ke tyag ko sab mhima mndi...marmik katha .panna dhay ke tyag ko sab mhima mndit karte hai kintu uske ansuo ko kaoun smjh paya ?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-26018458612221135042010-06-17T11:05:16.537-04:002010-06-17T11:05:16.537-04:00सच मे बांधो को तोड ही देना चाहियेसच मे बांधो को तोड ही देना चाहियेdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-39213403696294661752010-06-17T11:05:16.536-04:002010-06-17T11:05:16.536-04:00सच मे बांधो को तोड ही देना चाहियेसच मे बांधो को तोड ही देना चाहियेdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-88582584229121284122010-06-17T04:54:10.058-04:002010-06-17T04:54:10.058-04:00बहुत ही संवेदनशील कहानी...विस्थापितों के दर्द और आ...बहुत ही संवेदनशील कहानी...विस्थापितों के दर्द और आक्रोश को बहुत अच्छे से अभिव्यक्त करती हुई...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-20623898104508635622010-06-17T03:48:33.041-04:002010-06-17T03:48:33.041-04:00बेहतरीन कथा शिल्प्…………………मार्मिक प्रस्तुति।बेहतरीन कथा शिल्प्…………………मार्मिक प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8052174667669301292010-06-17T01:22:38.570-04:002010-06-17T01:22:38.570-04:00"ये लोग कौन हैं जो हमारा गाँव डुबो देंगे?&quo..."ये लोग कौन हैं जो हमारा गाँव डुबो देंगे?" <br /><br />"ये सरकार है बेटा, उनके ऊपर सारे देश की ज़िम्मेदारी है।"<br /><br />"ज़िम्मेदार लोग हमें बेघर क्यों करेंगे? वे हत्यारे कैसे हो सकते हैं?" हरिया ने पूछा।<br /><br />"वे हत्यारे नहीं हैं, वे सरकार हैं। बाँध से पानी मिलेगा, सिंचाई होगी, बिजली बनेगी, खुशहाली आयेगी।"<br /><br />"सरकार कहाँ रहती है?" <br /><br />"बड़े-बड़े शहरों में - कानपुर, कलकत्ता, दिल्ली।"<br /><br />"बिजली कहाँ जलेगी?<br /><br />"उन्हीं बड़े-बड़े शहरों में - कानपुर, कलकत्ता, दिल्ली।"<br /><br />"तो फिर बांध के लिए कानपुर कलकत्ता दिल्ली को क्यों नहीं डुबाते हैं ये लोग? <br /><br />Sundar Saar grabhit kahaanee !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-25106831213147166192010-06-17T00:36:26.566-04:002010-06-17T00:36:26.566-04:00दिल्ली और कलकत्ता के बीच कानपुर का जिक्र जमता नहीं...दिल्ली और कलकत्ता के बीच कानपुर का जिक्र जमता नहीं। मेरी जानकारी में कानपुर में बिजली की हालत बहुत ज्यादा बुरी है। कानपुर नए उपभोक्तावाद का शहर नहीं है।संगम पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03907266954456152692noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-23192302564492590172010-06-16T23:58:44.709-04:002010-06-16T23:58:44.709-04:00सरकार त्याग क्यों नहीं करती है? तब भी हमने ही किया...सरकार त्याग क्यों नहीं करती है? तब भी हमने ही किया था। अब भी हम ही करें?" <br />" बेहद सुन्दर और यथार्थ का आईना ब्यान करती ये कहानी कितने लोगो की बेबसी समेटे है अपने अन्दर......और सरकार..... सच कहा "<br />"सरकार कहाँ रहती है?" <br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-48720742127784203832010-06-16T23:31:47.857-04:002010-06-16T23:31:47.857-04:00कथानक कथ्य और शिलप बेहद प्रभावशाली और उत्कृ्ष्ट । ...कथानक कथ्य और शिलप बेहद प्रभावशाली और उत्कृ्ष्ट । बधाई इस कहानी अंश के लिये।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-17012516451218056672010-06-16T23:24:28.097-04:002010-06-16T23:24:28.097-04:00दधीचि सिर्फ़ आमजन को ही बनना है, इन्द्र तो कपट भी ...दधीचि सिर्फ़ आमजन को ही बनना है, इन्द्र तो कपट भी करेंगे, छलेंगे भी लेकिन हैं तो शासन के ही प्रतिनिधि।<br />अनुराग सर, बहुत मार्मिक चित्रण।<br />आभार।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-31998729058963984402010-06-16T22:30:11.184-04:002010-06-16T22:30:11.184-04:00बहुत सुन्दर कहानी व तार्किक प्रस्तुति ।बहुत सुन्दर कहानी व तार्किक प्रस्तुति ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55542311495432139362010-06-16T22:17:55.477-04:002010-06-16T22:17:55.477-04:00बेहतरीन लगी कहानी!!बेहतरीन लगी कहानी!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-50312769961382641042010-06-16T21:08:33.282-04:002010-06-16T21:08:33.282-04:00यह कैसा त्याग ? बढियां लगी कहानी !यह कैसा त्याग ? बढियां लगी कहानी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-19514345169543458622010-06-16T20:04:17.016-04:002010-06-16T20:04:17.016-04:00"सरकार त्याग क्यों नहीं करती है? तब भी हमने ह..."सरकार त्याग क्यों नहीं करती है? तब भी हमने ही किया था। अब भी हम ही करें?" <br />अब उसे कौन समझाये कि पन्ना धाय को ही त्याग करनी पड़ती है.<br />बहुत सुन्दर कहानी ..M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-72883412198668582832010-06-16T19:04:56.675-04:002010-06-16T19:04:56.675-04:00बहुत बढ़िया कहानी प्रस्तुत करने के लिए आभारबहुत बढ़िया कहानी प्रस्तुत करने के लिए आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com