tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post3521946243497621445..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: नेताजी, गांधीजी और राष्ट्रपिता पर प्रश्नSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64028685664105006612013-01-22T23:01:49.234-05:002013-01-22T23:01:49.234-05:00aaj netaji ka janmdin hai - unhe saadar naman aaj netaji ka janmdin hai - unhe saadar naman Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-60276984144939932962012-04-08T11:15:38.988-04:002012-04-08T11:15:38.988-04:00bahut achcha lekh, vicharniy aur gyanvardhak-----a...bahut achcha lekh, vicharniy aur gyanvardhak-----aabharDr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-18703596135761153992012-04-08T05:55:36.830-04:002012-04-08T05:55:36.830-04:00बेहतरीन लेख के लिए आभार |बेहतरीन लेख के लिए आभार |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-27841373584239325012012-04-08T03:05:35.876-04:002012-04-08T03:05:35.876-04:00ये भावनात्मक सम्बन्ध उस समय के अधिकतर सेनानियों के...ये भावनात्मक सम्बन्ध उस समय के अधिकतर सेनानियों के बीच में रहे होंगे ... क्योंकि सबका मकसद एक ही था ... आज भी सत्ता प्राप्त करना मकसद है इसलिए उन संबंधों को नकारा जाता है और सुनियोजित तरीके से हटाया जा रहा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-29328696118187806542012-04-08T02:08:43.157-04:002012-04-08T02:08:43.157-04:00मुझे लगता है कि यह सवाल ही सरासर गलत है.. “गांधी ज...मुझे लगता है कि यह सवाल ही सरासर गलत है.. “गांधी जी राष्ट्रपिता कब बने!” यह तो वही बात हो गयी कि अपने पिता को पापा जी क्यों कहते हैं माँ का पति क्यों नहीं. राष्ट्रपिता कोई उपाधि या डिग्री नहीं जो कब मिली. मुझे ये भी कोई स्टंट लगता है कि एक पाँच साल की बच्ची ने गांधी जी को राष्ट्रपिता क्यों कहते हैं की बजाये यह पूछा कि कब बने. <br />बाकी तो इमोशनल हंगामा बनाने के लिए मसाला काफी है यह हमारे देश में. बाकी की कसर हमारे ब्यूरोक्रेट्स ने पूरी कर दी.. कौवा कान लेकर भगा जा रहा है, इसकी पुष्टि के लिए आप क्या करेंगे.. मैं न तो कान टटोलूंगा, न कौवे के पीछे भागूंगा. मैं कहूँगा बकवास है! कौवा कान लेकर भाग ही नहीं सकता. और ये आर्काइव्स वाले भी लगे अभिलेखागार खंगालने.<br />राष्ट्रपिता एक सम्मान देने का प्रतीक है और इसी नज़रिए से देखना चाहिए. यहाँ तो नेहरु, सुभाष और गांधी का बखेडा शुरू हो गया.. मेरे लिए सब सम्मानित हैं! और आपका आलेख भी इसे संतुलित ढंग से बता रहा है.. <br />इस विषय पर मुझे भी आर.टी.आई. दाखिल करनी है, कहाँ करूँ, पता नहीं चल रहा.. मदद करें भाई लोग, प्लीज़!! ये एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का और टेलर को प्रबंधन का जनक किसने, कब और कहाँ बनाया??? कौटिल्य का अर्थशास्त्र होते हुए उसे क्यों नहीं??? यह वेदेशियों की साज़िश है!! <br />अनुराग जी, बहुत संतुलित और तर्कयुक्त आलेख है आपका.. बिना किसी पूराग्रह के!! आभार!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-38608180706157640532012-04-07T13:09:08.376-04:002012-04-07T13:09:08.376-04:00बहुत सुंदर जानकारी एवं विचारणीय आलेख ..... आभारबहुत सुंदर जानकारी एवं विचारणीय आलेख ..... आभार डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-68398020345234806012012-04-07T03:50:49.045-04:002012-04-07T03:50:49.045-04:00इन संदर्भों में प्रश्न निश्चय ही विचारणीय हैं।इन संदर्भों में प्रश्न निश्चय ही विचारणीय हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-17505984486647371592012-04-07T03:18:19.232-04:002012-04-07T03:18:19.232-04:00here comes the reality
नेताजी निष्कलंक और पवित्र,...here comes the reality<br /><br />नेताजी निष्कलंक और पवित्र,<br /><br />गांधीजी लांछनों से परिपूर्ण और विचित्र।<br /><br /><br /><br />नेताजी निर्मल हृदय और उदार,<br /><br />गांधीजी ईर्ष्यालु और अनुदार।<br /><br /><br /><br />नेताजी निर्भय और निर्भीक,<br /><br />गांधीजी कायरता प्रतीक।<br /><br /><br /><br />नेताजी ने गांधीजी को कभी अस्वीकार नहीं किया,<br /><br />गांधीजी ने किसी क्रांतिकारी को कभी स्वीकार नहीं किया।<br /><br /><br /><br />नेताजी का अर्थ है देशभक्ति और क्रांति,<br /><br />गांधीजी का अर्थ है कनफ्यूजन और भ्रांति।<br /><br /><br /><br />नेताजी सभी स्तरों पर स्पष्ट हैं,<br /><br />गांधीजी स्वयं संशयग्रस्त हैं।<br /><br /><br /><br />नेताजी का जीवन निरंतर संघर्ष,<br /><br />गांधीजी के लिए पलायन ही आदर्श।<br /><br /><br /><br />नेताजी टूट गए पर झुके नहीं,<br /><br />गांधीजी किसी चुनौती के सामने कभी टिके नहीं।<br /><br /><br /><br />नेताजी की वीरता से भारत छोड़ गए अंग्रेज़,<br /><br />गांधीजी की कायरता से देश को तोड़ गए अंग्रेज़।<br /><br /><br /><br />नेताजी की देन है गौरव और स्वाभिमान,<br /><br />गांधीजी की देन है नेहरू और पाकिस्तान।<br /><br /><br /><br />2 अक्तूबार धोखा है छलना है,<br /><br />23 जनवरी की भी कहीं कोई तुलना है? ??<br /><br /><br /><br />नेताजी की भावना उत्तरोत्तर प्रचंड हो,<br /><br />नेताजी की भारत माता फिर से अखंड हो।<br /><br />.<br />.<br />.<br />.<br /><br />आचार्य श्री धर्मेन्द्र जी महाराज द्वारा रचितAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-51731255638343403792012-04-07T00:52:42.314-04:002012-04-07T00:52:42.314-04:00आपका आभार जो आप इतना श्रम कर ऐसी बातें साझा करते ह...आपका आभार जो आप इतना श्रम कर ऐसी बातें साझा करते हैं।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-33018992403993114752012-04-07T00:18:20.514-04:002012-04-07T00:18:20.514-04:00राजेन्द्र गुप्ता जी, किसी कारणवश आपका ब्लॉग "...राजेन्द्र गुप्ता जी, किसी कारणवश आपका ब्लॉग "DNA of Words शब्दों का डीएनए" पढ नहीं पा रहा हूँ। जब भी वहाँ किल करता हूँ तो वह एक और ब्लॉग पर रिडायरेक्ट हो जाता है। क्या आपको इसका कारण पता है?<br />ऐसा लगता है कि भारत सरकार द्वारा दिये उत्तरों पर तो एक व्यंग्य-संकलन लिखा जा सकता है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-2799178273468342242012-04-07T00:07:47.615-04:002012-04-07T00:07:47.615-04:00लगभग दो वर्ष पूर्व एक आर.टी.आई प्रश्न के उत्तर में...लगभग दो वर्ष पूर्व एक आर.टी.आई प्रश्न के उत्तर में भारत सरकार ने कहा था कि उसके पास नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के स्वतन्त्रता आंदोलन में योगदान की कोई जानकारी नहीं है।राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttps://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87100620019196905522012-04-06T15:45:35.908-04:002012-04-06T15:45:35.908-04:00किस थाने के अंतर्गत आती है लोकतंत्र की लाश ?दो पुल...किस थाने के अंतर्गत आती है लोकतंत्र की लाश ?दो पुलिस चौकियों में जिरह ज़ारी है यह मामला हमारे इलाके का नहीं है .फिर भी ढौ रहें हैं हम यह ज़िंदा लाश गत ६४ सालों सेvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-39595791462071666322012-04-06T14:17:20.736-04:002012-04-06T14:17:20.736-04:00एश्वर्या के बहाने शासन की कार्यप्रणाली उजागर हुई य...एश्वर्या के बहाने शासन की कार्यप्रणाली उजागर हुई यह बात सही है... उससे भी अधिक महतवपूर्ण है की लोग अपने महापुरुषों के बारे में ठीक जानकारी नहीं रखते, उन्हें यह भी नहीं पता की जानकारी कहाँ मिल सकती है... वरना एश्वर्या को आरटीआई नहीं लगनी पड़ती... बच्चों को ठीक जानकारी मिले इसकी पहली जिम्मेदारी परिवार की है....लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-78866521137597021992012-04-06T13:11:59.862-04:002012-04-06T13:11:59.862-04:00अच्छी जानकारी .उठे हुये प्रश्नों पर विचार होना चाह...अच्छी जानकारी .उठे हुये प्रश्नों पर विचार होना चाहिये !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-76563893646449941042012-04-06T12:52:19.390-04:002012-04-06T12:52:19.390-04:00बहुत अच्छी जानकारी।आभार।बहुत अच्छी जानकारी।आभार।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-38655238714624410242012-04-06T12:33:24.411-04:002012-04-06T12:33:24.411-04:00beatiful post with nice new knowledge.beatiful post with nice new knowledge.Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-22743420319553868272012-04-06T11:34:48.254-04:002012-04-06T11:34:48.254-04:00भारतीय परिवेश में एक आदमी ,अध्यात्म की आड़ में जब ...भारतीय परिवेश में एक आदमी ,अध्यात्म की आड़ में जब भगवान बन सकता है ,तो गाँधी जी ,राष्ट्र -पिता क्यों नहीं ? जिस देश में आज भी अशिक्षा ,गरीबी भुखमरी ,भ्रष्टाचार, धार्मिक उन्माद ,का प्रतिशत सरकारी आंकड़ों में शर्मनाक है तो वास्तविकता का अंदाजा लगाया जा सकता है /यह देश कितना आजाद है ? और किसी एक नें अकेले करा लिया ? क्या गाँधी के पूर्व आजादी का भाव तिरोहित हो गया था ? क्या जन-मानस में स्वतंत्रता के ध्वजवाहक नहीं थे ? कदापि नहीं / जिस भूमि के बलिदानियों ने मुगलों के जोर जुल्मों को नहीं सहा, मिटा दिया अपना वजूद , सर कटा दिया , पर वतन का वजूद कायम रहा ,किसी गाँधी का मुहताज कैसे हो सकता है ? गाँधी जी का सम्मान प्रमुख नायकों तक तो समझ आता है ,देश के उन सपूतों ,का जो गुमनाम ही रहे ,किसी उपाधि ,पद के लिए नहीं जिए ,जिनका सम्पूर्ण आजादी का सपना था ,किसी तरह कमतर नहीं हो सकते , फिर यह आत्म- मुग्धता क्यों ? हाँ यह स्वीकार किया जा सकता है की ,उन स्वाभिमानियों ,सरफरोशों के पास ग्लैमर ,प्रचार,सौदेबाजी नहीं थी .../ वीरता थी समानता थी शक्ति व आत्मबल था / कोई क्रांति इसके बिना संपन्न नहीं हुयी ,तारीखें गवाह हैं / आज की परिस्थिति बयां करती है हम कितने आजाद हैं/ क्या फिर कोई राष्ट्र -पिता होगा ? .......ज्वलंत लेख का आदर ,सम्मान /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-21341175571535045332012-04-06T10:53:11.702-04:002012-04-06T10:53:11.702-04:00कभी कभी बड़ी बड़ी बातों को छोटा समझकर हम इग्नोर कर...कभी कभी बड़ी बड़ी बातों को छोटा समझकर हम इग्नोर कर जाते हैं । यह उसी का उदाहरण है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-64835653319146646942012-04-06T10:27:36.442-04:002012-04-06T10:27:36.442-04:00बात यह है कि आसानी से मिली चीज का मोल कोई नहीं समझ...बात यह है कि आसानी से मिली चीज का मोल कोई नहीं समझता और आजादी बहुत आसानी से मिल गयी. सत्य यही है. जिनके लिए आजादी का मोल पता था वे फांसी पर झूल गए और मौज उड़ा गए बाकी लोग. जिसका नतीजा हमारे सामने है. कोई सोच नहीं, कोई चरित्र नहीं, कोई विजन नहीं.बरेली सेhttps://www.blogger.com/profile/10127507436735317915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-25924995897044957022012-04-06T06:11:04.544-04:002012-04-06T06:11:04.544-04:00एश्वर्या के बहाने कुछ तो अपने अतीत के तथ्य खुले.आभ...एश्वर्या के बहाने कुछ तो अपने अतीत के तथ्य खुले.आभार.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-19890205155049136932012-04-06T05:59:40.192-04:002012-04-06T05:59:40.192-04:00ऐश्वर्या के बहाने इस प्रश्न का संतोषप्रद जवाब आपने...ऐश्वर्या के बहाने इस प्रश्न का संतोषप्रद जवाब आपने आम जनता के साथ हमारे प्रशासन को भी दिया!<br />आभार !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-42670082293026536802012-04-06T05:57:56.826-04:002012-04-06T05:57:56.826-04:00नाम उपनाम सम्मान उपाधि पद कुछ भी रहे, इससे महानायक...नाम उपनाम सम्मान उपाधि पद कुछ भी रहे, इससे महानायकों का योगदान कम नहीं हो जाता।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-84492958934655698022012-04-06T05:57:31.295-04:002012-04-06T05:57:31.295-04:00jankari ke liye dhanywadjankari ke liye dhanywadशोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-76571766178870553792012-04-06T05:44:32.404-04:002012-04-06T05:44:32.404-04:00ऐश्वर्या के प्रश्न के उत्त्तर के न मिलने को सरक...ऐश्वर्या के प्रश्न के उत्त्तर के न मिलने को सरकार से जोडना मुझे उचित नहीं लगता। <br /><br />गॉंधीजी को 'राष्ट्रपिता' की पदवी सरकारी स्तर पर नहीं दी गई थी। इसलिए, सरकारी स्तर पर इसका उत्तर पाने की अपेक्षा ही अपने आप में बेमानी है। सरकार के पास तो अपने किए के ही ब्यौरे नहीं हैं। नेताजी की इस आदराजंलि के ब्यौरे वह भला क्योंकर रखेगी? (वह भी ऐसे समय में जबकि गॉंधी उसके लिए 'आफत' और ऐसा 'फिजूल का वजन' बन गए हैं जिससे मुक्ति पाने के लिए वह छटपटा रही है।) <br /><br />हॉं, यह निस्सन्देह हमारी 'लोक विफलता' है कि हमें अपने नायकों के बारे में जानकारी नहीं है और इससे अधिक चिन्ता और शर्म की बात यह कि ऐसी जानकारी पाने की कोई उत्सुकता भी नहीं और आवश्यकता भी अनुभव नहीं हो रही।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-58346249438921146652012-04-06T03:45:50.933-04:002012-04-06T03:45:50.933-04:00वो दौर विराट शख्सियतों का था,जहाँ तमाम मतभेदों
के...वो दौर विराट शख्सियतों का था,जहाँ तमाम मतभेदों <br />के बावजूद परस्पर अपार सम्मान भाव दिखाई देता <br />है।भारत देश की महान संभावनाओं से बेखबर 'चर्चिल' ने <br />आजादी के बाद सत्ता बदमाशों और लुटेरों के पास चले जाने <br />की भविष्यवाणी की थी,जो गलत साबित हुई।अमर हो स्वतंत्रता।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.com