tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post4821508442690277578..comments2024-03-17T12:17:02.187-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: चोर - कहानी [भाग 3]Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-39797910349305983902010-08-20T22:08:07.367-04:002010-08-20T22:08:07.367-04:00अत्यन्त रुचिपूर्ण व प्रवाहपूर्ण कहानी !
गजब की चो...अत्यन्त रुचिपूर्ण व प्रवाहपूर्ण कहानी ! <br />गजब की चोरी, गज़ब का चोर !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-50944266649853224812010-08-19T23:46:15.589-04:002010-08-19T23:46:15.589-04:00सर जी,
चोरों का एक ग्रुप कहीं चोरी करने गया। रेकी ...सर जी,<br />चोरों का एक ग्रुप कहीं चोरी करने गया। रेकी करने के बाद वो एक घर में गये और उस घर की बहू को उसके मायके के इलाके के होने का वास्ता देकर यही भाई बहन का रिश्ता जोड़ आये। गरीबी और भूख का वास्ता देकर बता भी दिया कि इसी घर में चोरी करने आने का इरादा है।<br />रात में जब खटर पटर हुई तो निकम्मे आदमियों ने घर की बहू को ललकारा कि चोरों को डंडे से मारे, अब बहू तो चोरों की बहन थी, कैसे मारे?<br />इसी बात पर ये कहावत बन गई कि जो बहू खुद चोरों की बहन बनी है, उससे चोरों को कैसे मरवाया जा सकता है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-910925414040297292010-08-19T19:31:41.761-04:002010-08-19T19:31:41.761-04:00@मो सम कौन
आज की कहावत -
’बहुओं हाथ चोर मरावे और ...@मो सम कौन <br />आज की कहावत -<br />’बहुओं हाथ चोर मरावे और चोर बहू के भाई।’<br />का अर्थ तो बताते जाओ!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-52413785499482174322010-08-19T08:27:29.293-04:002010-08-19T08:27:29.293-04:00इस अंक में कोई किरदार महफूज लग रहा है ....धन्य धन्...इस अंक में कोई किरदार महफूज लग रहा है ....धन्य धन्य !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-60827759545874611032010-08-19T08:26:55.950-04:002010-08-19T08:26:55.950-04:00इस अंक में कोई किरदार महफूज लग रहा है ....धन्य धन्...इस अंक में कोई किरदार महफूज लग रहा है ....धन्य धन्य !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-24228373161732598902010-08-19T08:02:37.144-04:002010-08-19T08:02:37.144-04:00प्रवाहपूर्ण एवं रोचक ।प्रवाहपूर्ण एवं रोचक ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-43895004793432294862010-08-18T21:35:51.734-04:002010-08-18T21:35:51.734-04:00बड़ी रोचक कहानी है. चोर तो बड़ा शातिर है और अहिंसक...बड़ी रोचक कहानी है. चोर तो बड़ा शातिर है और अहिंसक गृहस्थ !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-32998239062226858992010-08-18T11:06:31.317-04:002010-08-18T11:06:31.317-04:00लीजिये, उससे आत्मरक्षा से उसकी रक्षा तक।लीजिये, उससे आत्मरक्षा से उसकी रक्षा तक।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-35367771110604832782010-08-18T07:08:54.075-04:002010-08-18T07:08:54.075-04:00हा हा हा ....जबरदस्त !!!!
अगली कड़ी जल्द से जल्द....हा हा हा ....जबरदस्त !!!!<br /><br />अगली कड़ी जल्द से जल्द...प्लीज !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-90402224375979174652010-08-17T23:25:55.127-04:002010-08-17T23:25:55.127-04:00एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ...एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !<br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/08/4_18.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !</a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-3214272680264181972010-08-17T23:23:35.205-04:002010-08-17T23:23:35.205-04:00एक छोटा सा प्याज और इतना लम्बा प्रभाव..........जो ...एक छोटा सा प्याज और इतना लम्बा प्रभाव..........जो भी हो बेहतरीन है.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-67915559286584550502010-08-17T13:30:03.670-04:002010-08-17T13:30:03.670-04:00मजे की कहानी और फिर फिराक साहब, बहुत खूब बधाई.मजे की कहानी और फिर फिराक साहब, बहुत खूब बधाई.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8214723703225614972010-08-17T12:20:16.494-04:002010-08-17T12:20:16.494-04:00सरजी,
एक कहावत याद आ गई, आजकी कड़ी पढ़कर-
’बहुओं ह...सरजी,<br />एक कहावत याद आ गई, आजकी कड़ी पढ़कर-<br />’बहुओं हाथ चोर मरावे और चोर बहू के भाई।’<br /><br />ज्यूरी का अंदाज-ए-फ़ैसला पसंद आया।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55345285609032352912010-08-17T12:01:11.380-04:002010-08-17T12:01:11.380-04:00अनुराग जी, मै दिन मै दो समय सालद खाता हुं, ओर उस म...अनुराग जी, मै दिन मै दो समय सालद खाता हुं, ओर उस मै प्याज बहुत होता है, अगर सालाद ना भी मिले तो प्याज जरुर खाता हुं, सच माने तो मुझे तो कोई भी डरावने सपने नही आते, हां सपने मै मुझे देख कर लोग भाग जाते है कि इस आदमी से प्याज की बदबू आती है, कभी कभी लहसन भी खा लेता हूं...:)<br />आप की यह कहानी बहुत अच्छी लगी,अगर वो बंदा दोवारा आये तो उसे भी एक प्याज पकडा दे....राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-29269150114688722452010-08-17T10:55:02.779-04:002010-08-17T10:55:02.779-04:00मुझे कल मेरा एक साथी मिला
जिस ने यह राज़ खोला
के अ...<b>मुझे कल मेरा एक साथी मिला<br />जिस ने यह राज़ खोला<br />के अब जज़्बा-ओ-शौक़ की <br />वहशतों के ज़माने गये<br />फिर वो आहिस्ता-आहिस्ता <br />चारों तरफ देखता<br />मुझ से कहने लगा<br />अब बिसात-ए-मुहब्बत लपेटो<br />जहां से भी मिल जाये, <br />दौलत समेटो<br />गर्ज़ कुछ तो तहज़ीब सीखो।</b><br /><br />फिराक़ गोरखपुरी साहब के शब्द यूं ही बांटते रहिये. आनंद आगया.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-57783805692656561052010-08-17T10:21:29.390-04:002010-08-17T10:21:29.390-04:00जहां से भी मिल जाये,
दौलत समेटो
- बेचारे चोर भाई ...जहां से भी मिल जाये,<br />दौलत समेटो<br /><br />- बेचारे चोर भाई यही तो कर रहे थे.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-38031118965479638812010-08-17T04:26:57.896-04:002010-08-17T04:26:57.896-04:00जहाँ से भी मिल जाए दौलत समेटो ...
ना बीबी ना बच्चा...जहाँ से भी मिल जाए दौलत समेटो ...<br />ना बीबी ना बच्चा ...ना बाप बड़ा ना भैया ...<br />कहानी के साथ क्या सटीक शब्द जोड़े हैं ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-88842945424603868972010-08-17T01:14:11.619-04:002010-08-17T01:14:11.619-04:00बड़ा शातिर बंदा था एक दम सही जगह सही धागा बुना :)बड़ा शातिर बंदा था एक दम सही जगह सही धागा बुना :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-80443173973737005712010-08-17T00:27:44.070-04:002010-08-17T00:27:44.070-04:00प्याज के प्रति सच मे उत्सुकता बढा दी है। फिराक साह...प्याज के प्रति सच मे उत्सुकता बढा दी है। फिराक साहिब की पाँक्तियाँ पसंद आयी। धन्यवाद अगली कडी का इन्तज़ार।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-55127984145531274702010-08-17T00:10:30.087-04:002010-08-17T00:10:30.087-04:00कहानी के साथ फिराक साहब का उद्धहरण -क्या कहने!कहानी के साथ फिराक साहब का उद्धहरण -क्या कहने!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-21487012332445828492010-08-16T23:26:09.749-04:002010-08-16T23:26:09.749-04:00लगभग दो-सवा दो महीनों से जडवत् रहा। पढना और लिखना ...लगभग दो-सवा दो महीनों से जडवत् रहा। पढना और लिखना बन्द ही रहा। <br /><br />इस श्रृंखला की अब तक की तीनों कडियॉं पढ पाया। पाठक को अपने साथ बहा लिए जाने में तो आप निष्णात् हैं। <br /><br />प्याज खाने के प्रभाव की जिज्ञासा प्रत्येक कडी मे बढती गई। देखें, आगे क्या होता है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.com