tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post4957222181716778777..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: 11 सितम्बर के बहाने ...Smart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-58175747135364739022016-10-25T14:06:05.162-04:002016-10-25T14:06:05.162-04:00उत्कृष्ट लेखन, शब्दो के इस ताना बाना को इतनी सहजता...उत्कृष्ट लेखन, शब्दो के इस ताना बाना को इतनी सहजता से बुनने के लिए साधुवाद hindi spiritualhttp://bhaktisanskar.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-56702613540162104912011-10-08T11:21:14.570-04:002011-10-08T11:21:14.570-04:00विष्णु जी,
पोस्ट में अभीष्ट परिवर्तन कर दिया है। आ...विष्णु जी,<br />पोस्ट में अभीष्ट परिवर्तन कर दिया है। आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-85427454577163922392011-10-08T10:10:58.395-04:002011-10-08T10:10:58.395-04:00ढेर सारी प्रेरक जानकारियॉं मिलीं। किन्तु पोस्ट क...ढेर सारी प्रेरक जानकारियॉं मिलीं। किन्तु पोस्ट के इस भाग ने विशेष रूप से ध्यानाकर्षित किया - <br /><br />'यह व्यवस्था दो-चार दिन में तो नहीं बनी होगी। पीढियाँ लगी हैं। आज कुछ कुंठित लोग भले ही अमेरिका को विश्व का दादा कहकर हल्ला मचा लें लेकिन कोई भी यह नकार नहीं सकता कि इस राष्ट्र के पीछे शताब्दियों का चरित्र निर्माण छिपा है। चरित्र निर्माण की यह प्रक्रिया बचपन से ही अमेरिकी जीवन का अंग बन जाता है। जहाँ जीवन में नैतिकता का स्तर ही ऊँचा हो वहाँ सम्भावनायें प्रबल होंगी।'<br /><br />अमरीका के स्थापित वैश्विक आचरण के सन्दर्भ में अमरीका और अमरीकियों के प्रति आपका उपरोक्त मन्तव्य केवल अमरीका तक ही सीमित लगता है। अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए दुनिया में वितण्डावाद फैलाने में अमरीका न तो देर करता है न ही कंजूसी। <br /><br />आपकी इतनी विस्तृत समझाइश के बाद भी मेरी नजर में अमरीका दुनिया का सबसे बडा खलनायक ही है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-31524263182176351882011-09-15T09:09:08.335-04:002011-09-15T09:09:08.335-04:00सुन्दर जानकारी ! हम अमेरिका के हर चीज की नक़ल करते ...सुन्दर जानकारी ! हम अमेरिका के हर चीज की नक़ल करते है , किन्तु इन अच्छी चीजो से दूर रहते है आखिर क्यों ? सोंचने वाली बात है !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66380398329291538092011-09-14T23:25:04.999-04:002011-09-14T23:25:04.999-04:00Hey there, u r really a smart Indian.
Keep it up!...Hey there, u r really a smart Indian.<br /><br />Keep it up!!Gopal Mishrahttp://www.achhikhabar.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8343678872968517162011-09-14T10:11:19.938-04:002011-09-14T10:11:19.938-04:00मन को उद्वेलित करने वाला लेख...मन को उद्वेलित करने वाला लेख...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-14770187291589183792011-09-14T09:34:50.625-04:002011-09-14T09:34:50.625-04:00शहीदों, निस्वार्थ सेवकों, को नमन|शहीदों, निस्वार्थ सेवकों, को नमन|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-50029693018957395802011-09-13T23:43:56.351-04:002011-09-13T23:43:56.351-04:00भारत में निजी स्वार्थ के उदाहरण तो आपको दिखेगें सा...भारत में निजी स्वार्थ के उदाहरण तो आपको दिखेगें सामाजिक और समूह चेतना अभी तक लुप्त सी ही रही है -इधर कुछ सुगबुगाहट दिख रही है -एक आशा की किरण !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70777150610837180552011-09-13T10:06:34.061-04:002011-09-13T10:06:34.061-04:00जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय है-
'...जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय है-<br />'घर के दैनिक कामकाज में माता-पिता दोनों की भूमिका समान होनी चाहिए'<br />ब्लॉग जगत के माननीय लेखकों,पाठकों से आग्रह है कि यदि उपर्युक्त विषय आपको तनिक भी संवेदनशील प्रतीत हो तो अपनी मूल्यवान विवेचना,प्रतिक्रिया से लाभान्वित कर विचार-फलक को नवीन आयाम <br />प्रदान करें।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-61684503864715755622011-09-12T11:41:12.952-04:002011-09-12T11:41:12.952-04:00शब्दशः सहमति है आपसे..
सामाजिक उत्तरदायित्व चित्त...शब्दशः सहमति है आपसे..<br /><br />सामाजिक उत्तरदायित्व चित्त में रोपने के प्रयास की सोचता कौन है यहाँ??????<br /><br />एक और जहाँ अध्यात्म से कटने में (जो कि कहीं न कहीं स्वाभाविक ही इन चीजों से लोगों को जोडती है)लोग फैशन मानने लगे हैं, वहीँ यह आग्रह भी नहीं कि विश्व के किसी भी कोने से सामाजिक धार्मिक व्यवस्था में से सकारात्मक /सृजनात्मक ग्रहण करें...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-9579970804239269042011-09-12T07:05:33.107-04:002011-09-12T07:05:33.107-04:00यही तो दुर्भाग्य है उन्नत देशों से हम वह नहीं सीखत...यही तो दुर्भाग्य है उन्नत देशों से हम वह नहीं सीखते जो सीखना चाहिए , हम बस उनके द्वारा छोड़ा कूड़ा करकट ही अपनाते हैं और वे हमारे गुण !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-66151165212513692662011-09-11T23:02:53.677-04:002011-09-11T23:02:53.677-04:00अमरीका भले ही अपने आपदा-प्रबंधन में निपुण और सिद्ध...अमरीका भले ही अपने आपदा-प्रबंधन में निपुण और सिद्धहस्त हो,पर दूसरों को ज़ख्म देने में वह इससे भी कहीं आगे है !<br />अमेरिकी नागरिकों के प्रति हार्दिक सहानुभूति, जो उस कायर-कार्रवाई का शिकार हुए !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8161732665050095642011-09-11T02:03:02.287-04:002011-09-11T02:03:02.287-04:00दादा बनना सरल नहीं है। सद गुणों से पूरे जीवन को तप...दादा बनना सरल नहीं है। सद गुणों से पूरे जीवन को तपाना पड़ता है। हमें बहुत कुछ सीखना है। सिर्फ कुछ प्रतिशत लोगों के सुधर जाने से नहीं होगा। संपूर्ण व्यवस्था में ही सुधार की आवश्यकता है। एक दूसरे को कोसना सरल है.. "पहले खुद को तो सुधार लो..!" मगर सिर्फ ऐसे कोसने से नहीं चलेगा।<br />..आत्म चिंतन के लिए प्रेरित करती बढ़िया पोस्ट।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-90449291329500261532011-09-11T01:47:17.583-04:002011-09-11T01:47:17.583-04:00@वहाँ की और बातों की नकल खूब की जाती है,उपयोगी बात...@वहाँ की और बातों की नकल खूब की जाती है,उपयोगी बातों को यों ही उड़ा देते हैं लोग।<br /><br />कटु हो सकता है लेकिन इससे पूर्ण सहमति बनती है।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-35726153108188519242011-09-11T00:37:15.165-04:002011-09-11T00:37:15.165-04:00सोचने पर मजबूर कर दिया इस लेख ने .. सचमुच
अब से ज...सोचने पर मजबूर कर दिया इस लेख ने .. सचमुच<br /><br />अब से जब भी मित्रों से इस बारे में कोई चर्चा होगी आपकी बताई बातों का उल्लेख अवश्य करूँगा <br /><br />धन्यवाद इस लेख के लिएएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-7882451032281002102011-09-11T00:24:14.205-04:002011-09-11T00:24:14.205-04:00वो देश जिसे आकंठ भौतिकवादी,भोगवादी, जीवनशैली का प्...वो देश जिसे आकंठ भौतिकवादी,भोगवादी, जीवनशैली का प्रतिनिधि कह कर कोसा जाता है,वहां जनसेवा की इतनी सुन्दर व्यवस्था ....। <br />बरबस लबों पर बोल आते हैं-"वाह अमेरिका"।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-28263881054577946552011-09-10T23:10:11.026-04:002011-09-10T23:10:11.026-04:00अमेरिकी समाज के नैतिक व्यवहार के संबंध में नई जानक...अमेरिकी समाज के नैतिक व्यवहार के संबंध में नई जानकारियां मिलीं। <br />आपने सही कहा, इस संस्कार को निर्मित होने में सदियां लगी होंगी।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-73749614579699720112011-09-10T21:57:26.406-04:002011-09-10T21:57:26.406-04:00सार्थक संदेश ||सार्थक संदेश ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-74807845367093759222011-09-10T20:42:16.117-04:002011-09-10T20:42:16.117-04:00आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा ...आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2011/09/634.html" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी की गई है!<br />यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2011/09/634.html" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> का भी प्रयास सफल होगा।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87898533764792469832011-09-10T12:38:58.401-04:002011-09-10T12:38:58.401-04:00कर्तव्यों के प्रति सचेत करती पंक्तियाँ......कर्तव्यों के प्रति सचेत करती पंक्तियाँ......Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-39646641092828878482011-09-10T11:16:26.131-04:002011-09-10T11:16:26.131-04:00कहते है उत्तम बात कहीं भी हो ग्रहण करनी चाहिए।
आज ...कहते है उत्तम बात कहीं भी हो ग्रहण करनी चाहिए।<br />आज आवश्यकता है अमेरिकी प्रजा की इस जिजीविषा संघर्ष सहायता और सद्भावना के जीवनमूल्यों को भारत में भी अपनाने की।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-54454307153070305692011-09-10T08:22:28.587-04:002011-09-10T08:22:28.587-04:00कल से ट्राई मार रहे हैं, तब कहीं जाकर नंबर मिला है...कल से ट्राई मार रहे हैं, तब कहीं जाकर नंबर मिला है। हम क्लिक करते थे तो गूगल जी झिड़के दे रहे थे। पार्ट फ़ोर की जगह आज ये पोस्ट दिखी है।<br />दृढ़ इच्छाशक्ति कुशल प्रशासन, नेतृत्व के लिये बहुत जरूरी गुण है, लेकिन साथ ही उद्देश्य भी अच्छा होना चाहिये। उद्देश्य क्या है, कैसा है यही निर्धारक तत्व है। मुझे तो लगता है कि हमारे नेताओं के पास दृढ़ इच्छाशक्ति है, हाँ, उद्देश्य के बारे में हमारे और उनके विचार अलग हो सकते हैं।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-53933439064149425972011-09-10T06:24:14.935-04:002011-09-10T06:24:14.935-04:00अनुराग जी!
एक ऐसी घटना जो मानवता के चेहरे पर एक बद...अनुराग जी!<br />एक ऐसी घटना जो मानवता के चेहरे पर एक बदनुमा दाग़ है... मगर लोगों का जुझारूपन इस आतंकवाद के चेहरे पर तमाचा है.. ये आपने सच कहा कि हमारे यहाँ वैसी अपब्रिन्गिंग नहीं होती! अब वक्त आ गया है इसे भी आजमाने का!<br />नमन उन शहीदों को और सैल्यूट उन रियल लाइफ हीरोज को..<br />बहुत ही सार्थक पोस्ट!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-89357680082482281122011-09-10T06:08:59.629-04:002011-09-10T06:08:59.629-04:00अमेरिका ने एक मिसाल पेश की है और आज की जरूरत है की...अमेरिका ने एक मिसाल पेश की है और आज की जरूरत है की भारत औए भारतवासी अपने खुद के खातिर खड़े होए और शशक्त रास्त्र की तरह उठें ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-40929264408370620132011-09-10T02:36:48.121-04:002011-09-10T02:36:48.121-04:00सही कहते हैं आप। काश हम सभी ये स्वीकार करते।सही कहते हैं आप। काश हम सभी ये स्वीकार करते।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.com