tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post7259228337708263359..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: सैय्यद चाभीरमानी और शाहरुख़ खानSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-31134471463797694242009-09-07T08:49:12.145-04:002009-09-07T08:49:12.145-04:00@ Anonymous जी
१. अम्रीका या किसी भी देश में २ घं...@ Anonymous जी <br /><b>१.</b> अम्रीका या किसी भी देश में २ घंटे की जांच एक 'आम' जाँच नहीं होती.<br />Truth: किसी देश में जांच किसकी और कितनी देर होनी चाहिए इसका निर्धारण उसी देश के जांच अधिकारी कर सकते हैं, जनरल मुशर्रफ़ या सय्यद चाभीरामानी नहीं. वैसे भी जिनकी जांच होती है उन्हें हर मिनट घंटा ही लगता है. खासकर देसी वीआईपी (स्वयम्भू) को. ऐसे सितारे वीआईपी अपने आभामंडल में ऐसे अंधे हो जाते हैं की पीकर किसी पर भी गाडी चढा सकते हैं और किसी भी अभयारण्य में सुरक्षित पशुओं को मारकर खुले आम कानून की खिल्ली उडाते रहते हैं. यह दो उदाहरण तो ऐसे हैं जो सामने आ गए, अन्यथा रोजाना ही कानून के साथ कितना मज़ाक होता है वह तो आपको पता ही होगा. आप तो <a href="http://pittpat.blogspot.com/2008/12/blog-post_18.html" rel="nofollow">जूताकार</a> ही हैं न?<br /><br /><b>२.</b> सवाल यह है कि एक, आम भारतीय अमेरिका में ही नहीं बल्कि भारत में भी बेहतर और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था चाहता है जिससे कस्साब और अन्य पाकिस्तानी हत्यारे अपनी जिहादी दरिंदगी दिखाने से पहले ही निहत्थे किये जा सकें. रही बात कलाम साहब की, वे प्रोटोकोल के अनुसार इस जांच से ऊपर हैं. शाहरुख पर कौन सा प्रोटोकोल लागू होता है? खान प्रोटोकोल या गूगल प्रोटोकोल? कोई जांच आवश्यक है या अनावश्यक, यह उस देश की सुरक्षा प्राथमिकताएं ही तय करेंगी, खान के चमचे नहीं.<br /><br /><b>३.</b> नहीं, बदले की नज़र से हमारे सुरक्षाकर्मी नहीं तालिबानी, जिहादी और मुजाहिदीन सोचते हैं और वैसे भी सही दिमागी हालत का व्यक्ति अमेरिकी हवाई अड्डे पर शाहरुख खान की तुलना बिल क्लिंटन से नहीं करेगा. हाँ इतना ज़रूर है कि सुरक्षा व्यवस्था भारत में भी कड़ी होनी चाहिए और जितने जूते खुल रहे हैं उससे कहीं ज़्यादा लोगों के जूते खुलने चाहिए ताकि अफज़ल और कस्साब जैसे मुजाहिदीन दरिन्दे अपने खूनी खेल को शुरू ही न कर सकें.<br /><br /><b>४.</b> आपकी बात सही है. इस्लामी आतंकवादियों ने दुनिया भर में बिला-वजह दरिन्दगी फैलाकर इस्लाम और मुसलामानों का नाम इतना गंदा कर दिया है कि दुनिया भर में बहुत से लोग दाढी, बुर्के और खूनखराबे के बारे में सोचकर ही सहम जाते हैं. यह सच है कि ९/११ को चुनिन्दा मुसलामानों के कुकर्मों की वजह से हजारों निर्दोष जानें गंवाने के बाद युवा मुसलमानों पर निगरानी थोड़ी कड़ी हो जाना लाज़मी है. तालिबानी, पाकिस्तानी, मलेशियन और सऊदी जैसी सरकारों में तो सभी विधर्मियों को अकारण ही जानवरों की तरह ही ट्रीट किया जाता है बेहतर है आप स्टार-चाटुकारिता से ऊपर उठकर कभी उस पर भी आवाज़ उठाएं.<br /><br /><b>५.</b>आप क्या हैं यह आप भी जानते हैं और मैं भी. ऐनोनीमस का न नाम होता है, न धर्म न राष्ट्रीयता. एक ऐनोनीमस सिर्फ ऐनोनीमस होता है. इसलिए ऐनोनीमस के बुर्के के पीछे बेनामी बनकर आप चाहे हिन्दू होने का दावा करें चाहे आई एस आई के एजेंट होने का, जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता. वैसे भी हम भारतीय विचार और कर्म को महत्त्व देते हैं, नाम, धर्म, किताब या दहशत को नहीं.<br /><br /><b>जय भारत! वन्दे मातरम!</b>Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-32300375937265905962009-09-07T01:18:18.464-04:002009-09-07T01:18:18.464-04:00मुझे लग रहा है की आप असली मुद्दे से भटक रहे है. आप...मुझे लग रहा है की आप असली मुद्दे से भटक रहे है. आपने और ज्यादातर लोग इसे 'आम' जाँच कह कर तथ्य को मुद्दे से भटकने की कोशिश करी है. यदि आप "महान धरती" की Pittsburgh में रहते है, तो आपको इतना तो पता ही होगा, की २ घंटे की जांच एक 'आम' जाँच नहीं होती है? वो भी उनको तब ही छोड़ा गया, जब भारत से हस्तक्षेप किया है. नहीं तो पता नहीं जाँच के नाम पर कब तक बिठा कर रखते? ठीक है, गोरी चमड़ी वालो को पता नहीं की शाहरुक खान कौन है....इससे मुझे कोई सरोकार नहीं. पर अगर वो लोग google पर सिर्फ शाहरुक खान टाइप करते, तो उन्हें १०००० लेख फोटो सहित मिल जाते. शायद सघन जाँच के नाम पे उन लोगो ने इतना भी करने की ज़हमत नहीं उठाई. अब मुद्दे को न भटकाते हुए मैं तथ्यों को रखता हूँ.....<br />१. अम्रीका या किसी भी देश में २ घंटे की जांच एक 'आम' जाँच नहीं होती.<br />२. सवाल यह नहीं है, की शाहरुख़ पे ज्यादा हंगामा, और कलाम साहब पे कम हंगामा क्यों?सवाल यह हो की न केवल शाहरुक, कलाम साहब, बल्कि एक आम भारतीय के भी अनावश्यक जाँच पर हंगामा क्यों न की जावे?<br />३. अमरीकी सुरक्षा व्यवस्था और उनके 'नियमित' जाँच प्रक्रिया के तारीफों के पुल बांधने वालों से मेरा अनुरोध है, की एक बार Bill Clinton के भी जूते खुलवा दीजिये (अम्रीका में), और Tom cruise को २ घंटो तक दिल्ली/मुंबई एअरपोर्ट पर 'नियमित' जाँच के लिए बिठा कर दिखा दीजिये. क्या हुआ, क्या कर सकते है आप ऐसा??<br />४. इस बात में कोई संदेह नहीं, की शाहरुख़ के नाम में 'खान' का इस जाँच से लेना देना था. इस बात को कट्टर इस्लाम से जोड़ कर देखने की कोई ज़रुरत नहीं है. हर निर्दोष मुस्लमान अपने नाम के कारण विदेशो में ऐसे ही प्रताडित होता है.<br />५. भड़के हुए हिंदुवादियों के संदेह को दूर करने के लिए यह भी कह दूं, की मैं एक हिन्दू हूँ. बात हिन्दू मुसलमान की नहीं है. बात देश के स्वाभिमान की है. गोरो के तलवे चाटना बंद करो, और अपने और अपने देश के प्रति थोडा स्वाभिमान जगाओ. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की व्यक्ति हिन्दू था या मुसलमान, इससे फर्क पड़ता है की वह व्यक्ति एक भारतीय था! जय हिंद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-73257357623261410032009-08-29T02:38:00.085-04:002009-08-29T02:38:00.085-04:00भाई साहब सैय्यद चाभीरमानी जैसे लोग भरे पड़े हैं जो...भाई साहब सैय्यद चाभीरमानी जैसे लोग भरे पड़े हैं जो किसी भी बात मैं बस एक राग अलापते हैं ... अपने हिंदी ब्लॉग जगत मैं भी दो-चार भाई हैं जो बस .... <br /><br />खैर आपके कहने का अंदाज़ पसंद आया | बढिया आलेख |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-25968337967727406832009-08-27T00:09:00.649-04:002009-08-27T00:09:00.649-04:00niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-6205902811583973232009-08-24T13:12:35.224-04:002009-08-24T13:12:35.224-04:00शाहरुख खान अमेरिका कोई अमन चैन का संदेश देने नहीं ...शाहरुख खान अमेरिका कोई अमन चैन का संदेश देने नहीं गए थे बल्कि अपनी व्यावसायिक प्रतिबद्वताओं की वजह से गए थे या कहें कि अमेरिका वे सिर्फ पैसा कमाने ही जाते हैं तो कुछ गलत न होगा। और यदि उन्हें इसमें लगभग एक घण्टे बैठा भी लिया गया तो आसमान टूटने जैसी कोई बात नहीं हो गई। हम आम भारतीय तो रेलवे स्टेशनों पर ही कई बार सुबह से शाम और शाम से सुबह तक बैठ कर इंतजार करते रहते हैं। सवाल यह है कि अमेरिका की लडाई है किससे? शाहरुख खान से? तो फिर वे क्यों एक नियमित जांच में परेशान हो गए। या अमेरिका ने उन्हें अपराधी घोषित कर दिया था? और जिन जांचों की वजह से अमेरिका सुरक्षित है ऐसी जांच अमेरिका क्यों न करे? पर मजा तो वह होता है जो हींग फिटकरी लगे बिना मिले। मतलब अमेरिका की मलाई तो मिलती रहे पर कीमत न चुकानी पडे। और हां, कुछ खास देशों में दूसरे देशों के नाखास नागरिकों के साथ क्या व्यवहार होता है, इसपर शाहरुख भाई की कभी नजरे इनायत होंगी या नहीं?TUMHARI KHOJ MEhttps://www.blogger.com/profile/05722344308055853833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-32120576984533980122009-08-23T05:55:33.389-04:002009-08-23T05:55:33.389-04:00ye sacchi sampradayakti aur ye pseudo blame game....ye sacchi sampradayakti aur ye pseudo blame game.<br /><br />...sargarbhit lekh.दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-13694600536639434322009-08-22T09:34:58.424-04:002009-08-22T09:34:58.424-04:00सही कहा आपने !बधाई...
पब्लिसिटी.... पब्लिसिटी... प...सही कहा आपने !बधाई...<br />पब्लिसिटी.... पब्लिसिटी... पब्लिसिटी...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-82738430385717079522009-08-22T00:14:28.769-04:002009-08-22T00:14:28.769-04:00हम तो जी पूरी तरह सहमत है आप से. अभी यही बात बता र...हम तो जी पूरी तरह सहमत है आप से. अभी यही बात बता रहा था किसी को. किसी ने पूछा तुम्हे तो नहीं परशान किया एअरपोर्ट पे. हमने कहा भाई हमारी कौन सी फिल्म फॉक्स रिलीज़ कर रही है :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-5776296294176690162009-08-21T03:48:33.880-04:002009-08-21T03:48:33.880-04:00bahut shi vivechna ki hai .abharbahut shi vivechna ki hai .abharशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-43443776742134312742009-08-20T03:51:39.016-04:002009-08-20T03:51:39.016-04:00पता नहीं क्यों पर मुझे लगता है इस बार शाहरुख़ ठीक...पता नहीं क्यों पर मुझे लगता है इस बार शाहरुख़ ठीक है ...यहाँ मुद्दा भारतीयों को अपमानित करने का है...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-71738981525840922722009-08-19T21:13:54.295-04:002009-08-19T21:13:54.295-04:00सटीक प्रस्तुति..सटीक प्रस्तुति..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-7214743355098689292009-08-19T15:36:47.330-04:002009-08-19T15:36:47.330-04:00जब ये लोग सम्मानित होते हैं तब इन लोगों को अपने मु...जब ये लोग सम्मानित होते हैं तब इन लोगों को अपने मुस्लिम होने का विचार क्यूँ नहीं आता?Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-63352955937489259722009-08-19T10:56:36.685-04:002009-08-19T10:56:36.685-04:00वैसे शाहरूख खान को इस हादसे(!)अब तो अमेरिका में थ...वैसे शाहरूख खान को इस हादसे(!)अब तो अमेरिका में थोड़ी और पब्लिसीटी तो मिल ही गई होगी:)जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87206059206873270492009-08-18T17:53:20.868-04:002009-08-18T17:53:20.868-04:00खान कोई खुदा नहीं। कोई भी वीआईपी खुदा नहीं। हमारा ...खान कोई खुदा नहीं। कोई भी वीआईपी खुदा नहीं। हमारा मीडिया बचकाना है, हमारे नेता बचकाने हैं.....अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-70544799512536426672009-08-18T13:48:39.934-04:002009-08-18T13:48:39.934-04:00आपने सही फ़्रमाया है. ९/११ के बाद अमरीका के कठोर उप...आपने सही फ़्रमाया है. ९/११ के बाद अमरीका के कठोर उपायों के बाद एक भी वारदात नहीं होती, और हमारे यहां मुंबई के दंगे १९९२ के बाद २००० में संसद पर हमला होता है, और फ़िर मुम्बई पर भी. वी आई पी के चोचलों के रहते हुए यह सभी देख कर कोफ़्त होती है. <br /><br />खान कोई खुदा नहीं.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-75865664076006286942009-08-18T13:16:13.889-04:002009-08-18T13:16:13.889-04:00हम तो बाढ़ से परेशान हैं,
मगर आपकी इस सुन्दर प्रवि...हम तो बाढ़ से परेशान हैं,<br />मगर आपकी इस सुन्दर प्रविष्टी के लिए<br />बधाई तो दे ही देते हैं।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-91260730731911320222009-08-18T12:28:27.382-04:002009-08-18T12:28:27.382-04:00सख्ती से जांच जरूर होनी चाहिए. भारत में भी ऐसी ही ...सख्ती से जांच जरूर होनी चाहिए. भारत में भी ऐसी ही सख्ती स्वदेशी और विदेशियों से होने लगे तो अपराधों में कुछ कमी जरूर आयेगी.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-69621327534949933372009-08-18T12:24:36.335-04:002009-08-18T12:24:36.335-04:00गंभीर सोच , चिंतनीय भीगंभीर सोच , चिंतनीय भीBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-63248199773705262762009-08-18T08:01:54.360-04:002009-08-18T08:01:54.360-04:00आपका kahna सही है ....... इस बात का islaamikaran न...आपका kahna सही है ....... इस बात का islaamikaran नहीं hona चाहिए पर इस बात की भी janch honi chaahiye की क्यों 2 ghnte तक bithaya गया.......... amooman America में ऐसा नहीं होता ............. अगर कोई shak न हो ..........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8346490696539573692009-08-18T07:06:44.397-04:002009-08-18T07:06:44.397-04:00एकदम सटीक ........एकदम सटीक ........रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-89629093355566945102009-08-18T06:21:24.622-04:002009-08-18T06:21:24.622-04:00ठीक लिख रहे हैं. शाहरुख की जगह कोई और होता तो मीडि...ठीक लिख रहे हैं. शाहरुख की जगह कोई और होता तो मीडिया भी शोर न मचाता.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8484727700208781512009-08-18T06:18:54.435-04:002009-08-18T06:18:54.435-04:00Bahut khub likha hai aapne.Shubkamnayen.Bahut khub likha hai aapne.Shubkamnayen.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-87023424172233585172009-08-18T06:12:58.854-04:002009-08-18T06:12:58.854-04:00true ...very exact analysis , right on the mark !true ...very exact analysis , right on the mark !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-41896155655360031132009-08-18T06:08:28.502-04:002009-08-18T06:08:28.502-04:00इस खान पर खुदा मेहरबान है - बैठे बिठाये पब्लिसिटी ...इस खान पर खुदा मेहरबान है - बैठे बिठाये पब्लिसिटी मिल गई। <br />पता नहीं इस बन्दे ने कभी आतंकवाद को कोसते हुये कभी कुछ कहा है या नहीं!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-59641539202510469302009-08-18T05:22:34.968-04:002009-08-18T05:22:34.968-04:00ऐसा ही होता है जनाब जब कभी कोई इस प्रकार का मुस्लि...ऐसा ही होता है जनाब जब कभी कोई इस प्रकार का मुस्लिम इन्वाल्व हो जाता है. बाकी कलाम साहब का मामला उठाने पर कांग्रेस ने झाड़ लगा दी थी.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com