tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post7391694581563517264..comments2024-03-23T20:44:05.692-04:00Comments on * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: ट्रांसलिटरेशन का कमालSmart Indianhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-27238307062984671932011-06-19T11:33:34.129-04:002011-06-19T11:33:34.129-04:00देवों से वंदन पाना ………….
-----------------------...देवों से वंदन पाना ………….<br /><br /><br />--------------------------------------------------------------------------------<br /><br />देवों से वंदन पाना ………….<br /><br />अब होते अत्याचारों पर<br /><br />मिलकर ये हुँकार भरो<br /><br />कहाँ छिपे हो घर मैं बेठे<br /><br />निकलो और संहार करो<br /><br />आतंकी अफजल , कसाब को<br /><br />और नहीं जीने दो अब<br /><br />घुस जाओ जेलों मैं मित्रो<br /><br />आओ मिलकर वार करो<br /><br />कोन है हिटलर ? कोन है हुस्नी ?<br /><br />किसका नाम है गद्दाफी ?<br /><br />दुष्टों को बस मोत सुना दो<br /><br />देना नहीं कोई माफ़ी ….<br /><br />कि जो कोई साथ दे उनका ,<br /><br />बजाय हुक्म माली सा ,<br /><br />सजाय मोत दो उनको<br /><br />रूप हो , रोद्र काली सा .<br /><br />जेलों मैं बिरयानी खाते<br /><br />धंधे अड्डे वहीँ जमाते<br /><br />सरकारी मेहमान वन जाते<br /><br />वीच चोराहे मारो लाकर<br /><br />उनका पर्दाफाश करो<br /><br />जो इनको देते सुख सारे<br /><br />( संसद पर हुए हमले मैं<br /><br />शहीद हुए पुलिस विभाग के<br /><br />वीरों से माफ़ी के साथ )<br /><br />करते जेवों के न्यारे -वारे<br /><br />उन वर्दी धारी गुंडों का<br /><br />अब न कोई खोफ करो<br /><br />चमड़ी खींच नमक भर दो अब<br /><br />मारो और हलाल करो -२<br /><br />वो जो इनकी फांसी पर<br /><br />राजनीति करने वाले<br /><br />सफेदपोश दिखते ऊपर से<br /><br />अन्दर जिनके मन काले<br /><br />ऐसे नेताओं का अब<br /><br />जनता से वनवास करो<br /><br />मुंह काला कर दो उनका अब<br /><br />पूरा सत्यानाश करो …२<br /><br />उनने जाने कितने राही<br /><br />चलती राहों पर मारे<br /><br />उनके जुल्मो और सितम<br /><br />जग जाहिर कर दो अब सारे<br /><br />अब भी रहे मोन साथी तो<br /><br />कुछ भी न कर पाओगे<br /><br />वेवस आहों और दर्दों के<br /><br />अपराधी कहलाओगे<br /><br />आहों से लपटें निकल रहीं<br /><br />दीन दुखी जन सांसों से<br /><br />भस्म-भूत होगा अब सब कुछ<br /><br />आर्तनाद की आहों से<br /><br />महाकाल की आहट को<br /><br />अब अपना संबल जानो<br /><br />कृष्ण सारथी बन जायेंगे<br /><br />अर्जुन बन अब तुम ठानो<br /><br />प्रलय मचा दो इन दुष्टों पर<br /><br />इनको माफ़ नहीं करना<br /><br />उनकी सोचो जिन बहिनों का<br /><br />अब सिंदूर नहीं भरना<br /><br />पूछो उस माँ से जिसने<br /><br />रण मैं इकलोता खोया है<br /><br />अश्क आँख से सूख गए<br /><br />उसने ऐसा क्या बोया है….?<br /><br />बिटिया को लगता है अब भी<br /><br />उसके पापा आयेंगे<br /><br />प्यार करेंगे गोदी लेकर<br /><br />लोरी नई सुनायेंगे<br /><br />उस बिटिया को पता नहीं है<br /><br />अब पापा न आयेंगे<br /><br />उसके लोरी के सपने<br /><br />अब झूठे पड़ जायेंगे<br /><br />ऐसे गद्दारों की रक्षा<br /><br />जेलों मैं क्यों होती है ?<br /><br />और कुटिल सरकार निकम्मी<br /><br />उनके चरणों को धोती है<br /><br />मंदिर मस्जिद से उठने दो<br /><br />हक़ की अब आवाजों को<br /><br />पहिचानो गुरुद्वारा गिरिजा<br /><br />से उठते अब साजों को<br /><br />ऋषि दधीचि से बज्री वन तुम<br /><br />ऐसा रण संहार करो<br /><br />ख़ाक मिटा दो हत्यारों की<br /><br />मिलकर आज प्रहार करो<br /><br />ऐसा कर के पक्का मानो<br /><br />स्वर्ग लोक तुम जाओगे<br /><br />देव करेंगे अभिबादन<br /><br />तुम महावीर कहलाओगे -२<br /><br />भगत सिंह सुखदेव राजगुरु<br /><br />और आजाद से वीरों को<br /><br />पूजित वन्दनीय ये जंगी<br /><br />क्या पूजें धनी – अमीरों को ?<br /><br />लिखता नहीं गीत मैं मित्रों<br /><br />गुंजा गोरी के गालों पर<br /><br />न्योछावर जीवन ये सारा<br /><br />मानवता के लालों पर<br /><br />महा काल की आहट को<br /><br />अब आया तुम सब जानो<br /><br />आतंकी तहस नहस होंगे<br /><br />संकल्प यही पक्का मानो<br /><br />मुट्ठी बांधे आये जग मैं<br /><br />खाली हाथ हमें जाना<br /><br />शर्म शार न हो भारत माँ<br /><br />गर्वित हो गोरव पाना<br /><br />दुर्योधन की मांद से अच्छे<br /><br />अभिमन्यु तुम बन जाना<br /><br />बलिदानी हो जाना रण मैं<br /><br />देवों से वंदन पाना …<br /><br />संतों से वंदन पाना …<br /><br />गुरुओं से वंदन पाना…<br /><br />जन जन अभिनन्दन पाना ….<br /><br />भारत माता की जय<br /><br />( देश के वीरों को समर्पित कविता )Shailendra Saxenahttps://www.blogger.com/profile/05169390615604613040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-60433159083969067262008-08-12T03:48:00.000-04:002008-08-12T03:48:00.000-04:00जय हो बाबा ट्रांसलिटरेशनकी।जय हो बाबा ट्रांसलिटरेशनकी।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-16744275341738910862008-08-12T02:51:00.000-04:002008-08-12T02:51:00.000-04:00.वाह.. मेरा तो यही गाने का मन कर रहा है,कि.."...दु....<BR/><BR/><BR/><BR/><I>वाह.. मेरा तो यही गाने का मन कर रहा है,कि..<BR/>"...दुनिया में कभी कभी अइसा हो जाता है..<BR/>छोटी सी बात का फ़साना बन जाता है...."<BR/><BR/>आपने याद दिला दिया..<BR/>ट्रांसलिटेरशन विंडो को तो <BR/>इस नज़रिये से देखने का ज्ञान प्राप्त करा दिया,<BR/>वाह जी वाह..</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-61270041372683048222008-08-11T21:36:00.000-04:002008-08-11T21:36:00.000-04:00हा हा हा कहानी ब्लागर-ब्लागर की.हा हा हा <BR/>कहानी ब्लागर-ब्लागर की.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-15357467172786095272008-08-11T20:09:00.000-04:002008-08-11T20:09:00.000-04:00मैं भी इस वाक्य से वाकया बनने से परेशान हूमैं भी इस वाक्य से वाकया बनने से परेशान हूRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-8540319358091993992008-08-11T15:09:00.000-04:002008-08-11T15:09:00.000-04:00bahut bahiya,aanand aa gaya,bahut bahiya,aanand aa gaya,Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-45929987364712598642008-08-11T14:12:00.000-04:002008-08-11T14:12:00.000-04:00चलिये अब अगली बारी "वाकया " क्या था वही लिख डालेँ ...चलिये अब अगली बारी "वाकया " क्या था वही लिख डालेँ <BR/>ये भी खूब रही !<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-90387001625379671722008-08-11T13:28:00.000-04:002008-08-11T13:28:00.000-04:00क्या बात है!आनन्द आ गया.क्या बात है!आनन्द आ गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-12068427087207485302008-08-11T13:08:00.000-04:002008-08-11T13:08:00.000-04:00इसीलिये तो कहते हैं बंधु कि छोडें ये ट्रांसलिटरेशन...इसीलिये तो कहते हैं बंधु कि छोडें ये ट्रांसलिटरेशन और अपनायें कोई हिन्दू टूल, ताकि हम आपको पढें कूल कूल, आपसे बहुत कुछ पढने की आशा में बैठे हैं और आप टिप्पणियों में गए है भूल ।36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-86480134784801284822008-08-11T12:31:00.001-04:002008-08-11T12:31:00.001-04:00अति सुंदर ! नमन है मित्र !आपकी कविता वाकईसतसैया के...अति सुंदर ! नमन है मित्र !<BR/>आपकी कविता वाकई<BR/><B>सतसैया के दोहरे हैं !</B><BR/>कोई समझे तो बात गहरी है ! <BR/>नही तो सब राजी खुशी हैं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-19463086408821538932008-08-11T12:31:00.000-04:002008-08-11T12:31:00.000-04:00अति सुंदर ! नमन है मित्र !आपकी कविता वाकईसतसैया के...अति सुंदर ! नमन है मित्र !<BR/>आपकी कविता वाकई<BR/><B>सतसैया के दोहरे हैं !</B><BR/>कोई समझे तो बात गहरी है ! <BR/>नही तो सब राजी खुशी हैं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-32818752694293510452008-08-11T12:30:00.000-04:002008-08-11T12:30:00.000-04:00अति सुंदर ! नमन है मित्र !आपकी कविता वाकईसतसैया के...अति सुंदर ! नमन है मित्र !<BR/>आपकी कविता वाकई<BR/><B>सतसैया के दोहरे हैं !</B><BR/>कोई समझे तो बात गहरी है ! <BR/>नही तो सब राजी खुशी हैं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-46707318411461870332008-08-11T12:28:00.000-04:002008-08-11T12:28:00.000-04:00अति सुंदर ! नमन है मित्र !आपकी कविता वाकईसतसैया के...अति सुंदर ! नमन है मित्र !<BR/>आपकी कविता वाकई<BR/>सतसैया के दोहरे हैं !<BR/>कोई समझे तो बात गहरी है ! <BR/>नही तो सब राजी खुशी हैं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-89570561938225925142008-08-11T12:26:00.000-04:002008-08-11T12:26:00.000-04:00बहुत खूब ! हँसाने केलिए शुक्रिया !बहुत खूब ! हँसाने केलिए शुक्रिया !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-33788945391738254302008-08-11T10:51:00.000-04:002008-08-11T10:51:00.000-04:00हा हा.. बहुत खूब है जी.. जमाए रहिएहा हा.. बहुत खूब है जी.. जमाए रहिएकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-51114197798278744872008-08-11T09:56:00.000-04:002008-08-11T09:56:00.000-04:00पोस्ट लिखकर बेसब्र हुआ टिप्पणी कोरात भर जगा और दफ्...पोस्ट लिखकर बेसब्र हुआ टिप्पणी को<BR/>रात भर जगा और दफ्तर में सो गया।<BR/>क्या बात है भाई...कविताएं भी टिपियाने लगे...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5655265167094698544.post-65540001668633756712008-08-11T08:39:00.000-04:002008-08-11T08:39:00.000-04:00कुछ का कुछ ही लिखा गया दोस्तोंएक वाक्य लिखा वाकया ...कुछ का कुछ ही लिखा गया दोस्तों<BR/>एक वाक्य लिखा वाकया हो गया।<BR/>हा हा हा हा....बहुत बढ़िया भाई...बहुत खूब.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com