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सेतु पत्रिका
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Saturday, January 9, 2016
मेरा दर्द न जाने कोय - कविता
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दर्द मेरा न वो ताउम्र कभी जान सके बेपरवाही यही उनकी मुझे मार गई॥ तेरे मेरे आँसू की तासीर अलहदा है बेआब नमक सीला, वो दर्द से पैदा ...
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Thursday, December 31, 2015
2016 की शुभकामनायें! कविता
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चित्र व शब्द: अनुराग शर्मा बीतते हुए वर्ष की अंतिम रात्रि यूँ लगती है जैसे अंतिम क्षण किसी जाते हुए अपने के साथ तो हैं प...
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Thursday, December 24, 2015
अहिंसा - लघुकथा
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ग्रामीण - हम पक्के अहिंसक हैं जी। हिंसा को रोकने में लगे रहते हैं। आगंतुक - गाँव में लड़ाई झगड़ा तो हो जाता होगा ग्रामीण - न जी न। सभी पक्...
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