इन्हें भी देखिये
(Move to ...)
आलेख अनुराग
ब्लॉग अनुराग
झलकियाँ जापान की
पर्व और त्योहार
प्रेरणादायक जीवन-चरित्र
बागवानी पर कुछ आलेख
सेतु पत्रिका
▼
Thursday, August 6, 2009
माँ - एक कविता
›
. माँ कितना बतलाती हो तुम क्यूँ इतना समझाती हो तुम संतति की ममता में विह्वल क्यों इतना घबराती हो तुम लड्डू समझ निगल जायेंगे ...
39 comments:
Sunday, August 2, 2009
यह बच्चा कैसा बच्चा है
›
आज तो हम को पागल कह लो पत्थर फेंको तंज़ करो इश्क़ की बाज़ी खेल नहीं है खेलोगे तो हारोगे (इब्ने इंशा) वैसे तो अब तक दुनिया में इतने कवि ...
22 comments:
Saturday, August 1, 2009
छुरपी के महादेव
›
कुछ अधिक नहीं तो भी कोई बीसेक साल तो हो ही गए होंगे छुरपी देखे हुए। लेकिन आज भी उसका रंग-रूप और स्वाद वैसे ही याद है जैसे कि अभी-अभी उसका रस...
7 comments:
‹
›
Home
View web version