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बागवानी पर कुछ आलेख
सेतु पत्रिका
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Thursday, December 31, 2015
2016 की शुभकामनायें! कविता
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चित्र व शब्द: अनुराग शर्मा बीतते हुए वर्ष की अंतिम रात्रि यूँ लगती है जैसे अंतिम क्षण किसी जाते हुए अपने के साथ तो हैं प...
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Thursday, December 24, 2015
अहिंसा - लघुकथा
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ग्रामीण - हम पक्के अहिंसक हैं जी। हिंसा को रोकने में लगे रहते हैं। आगंतुक - गाँव में लड़ाई झगड़ा तो हो जाता होगा ग्रामीण - न जी न। सभी पक्...
5 comments:
Thursday, November 26, 2015
कबाड़ - कविता
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(शब्द और चित्र: अनुराग शर्मा ) यादों का कबाड़ कचरा ढोते रहे दुखित रोते रहे ढेर में कबाड़ के खुदको खोते रहे तेल जलता रहा लौ पर न जली थ...
9 comments:
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