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प्रेरणादायक जीवन-चरित्र
बागवानी पर कुछ आलेख
सेतु पत्रिका
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Saturday, March 28, 2020
आस्तिक - लघुकथा
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गर्मागरम बहस चल रही थी। एक ने अखण्ड विश्वास से कहा, “जितना दिख रहा है, वही सब संसार है। हम इसी में से एक बार जन्म लेते हैं, और फिर मरकर इ...
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Saturday, February 22, 2020
कुआँ और खाई - कविता
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पिट्सबर्ग आजकल (शब्द और चित्र: अनुराग शर्मा ) जब गले पड़ें दो मुसीबतें जिनमें से एक अनिवार्यतः अपनानी है। तब एक पल ठहरकर सोच-समझ...
4 comments:
Saturday, February 8, 2020
विभाजन - एक ग़ज़ल
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कथा तुमने लिखी अपनी, मगर किस्सा हमारा था किताबों पर नहीं दिल में भी, मेरे घर तुम्हारा था। हमारी बात सुनने का, कभी न वक्त तुम पर था सदा...
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