इन्हें भी देखिये
(Move to ...)
आलेख अनुराग
ब्लॉग अनुराग
झलकियाँ जापान की
पर्व और त्योहार
प्रेरणादायक जीवन-चरित्र
बागवानी पर कुछ आलेख
सेतु पत्रिका
▼
Tuesday, June 21, 2022
महाकवियों के बीच हम
›
हे खुले केश वाली तरुणी क्यूँ दिखती हो यूँ उदास प्रिये आके छत पे तुम बैठ गयीं क्यूँ छोड़ के सारी आस प्रिये इस छत पर है दीवार नहीं पर निष्ठ...
8 comments:
Saturday, July 31, 2021
काव्य: वफ़ा
›
(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा ) वफ़ा ज्यूँ हमने निभायी, कोई निभाये क्यूँ किसी के ताने पे दुनिया को छोड़ जाये क्यूँ॥ कराह आह-ओ-फ़ुग़ाँ न कभी जो सुन...
7 comments:
Sunday, July 18, 2021
एकाकी कोना
›
(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा ) मन में इक सूना कोना है जिसमें छिप-छिपके रोना है अपनी पीर सम्भालो आप ही कहके किससे क्या होना है॥ गलियों-गलिय...
10 comments:
‹
›
Home
View web version