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Monday, June 1, 2020
विदेह - लघुकथा
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"मैं बहुत अकेला हो गया हूँ। तुम्हारी माँ तो मेरा मुँह देखना भी पसंद नहीं करती। तुम भी कितने अरसे बाद आये हो बेटा। अब मुझे बहुत डर ल...
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Saturday, March 28, 2020
आस्तिक - लघुकथा
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गर्मागरम बहस चल रही थी। एक ने अखण्ड विश्वास से कहा, “जितना दिख रहा है, वही सब संसार है। हम इसी में से एक बार जन्म लेते हैं, और फिर मरकर इ...
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Monday, January 28, 2019
बलिहारी गुरु आपने …
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( अनुराग शर्मा ) लल्लू: मालिक, जे इत्ते उमरदार लोग आपके पास लिखना-पढ़ना सीखने क्यों आते हैं? साहब: गधे हैं इसलिये आते हैं। सोचते हैं कि ...
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Tuesday, October 2, 2018
लघुकथा: तर्पण
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गंगा घाट के निकट उसे मेहनत से मसूर के खेत में पानी देते देखकर दिल्ली से आये पर्यटक से रहा न गया। पास जाकर कंधे पर हाथ रखकर पूछा, “कितनी ...
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