नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं!
सत्य का प्रकाश
उदारता आकर्ष
हिंसा विलुप्त
सहिष्णुता प्रकर्ष
प्रेम की विजय
लुप्तप्राय अमर्ष
बहुजन हिताय
जीवन उत्कर्ष
शोषण का नाश
इस पर विमर्श
विकसित शिक्षित
सबके हिय हर्ष
क्षुधा पिपासा शांत
संपन्न भारतवर्ष
निर्विघ्न सत्कार्य
एवमस्तु नववर्ष
(अनुराग शर्मा)
मङ्गलम |
उदारता आकर्ष
हिंसा विलुप्त
सहिष्णुता प्रकर्ष
प्रेम की विजय
लुप्तप्राय अमर्ष
बहुजन हिताय
जीवन उत्कर्ष
शोषण का नाश
इस पर विमर्श
विकसित शिक्षित
सबके हिय हर्ष
क्षुधा पिपासा शांत
संपन्न भारतवर्ष
निर्विघ्न सत्कार्य
एवमस्तु नववर्ष
(अनुराग शर्मा)
आपनें तो मूल मंत्र ही दे दिया ,शुभकामनायें.
ReplyDeleteहे इश्वर
ReplyDeleteनए वर्ष में
आधे भूखों को
रोटी देना
बस स्विस बैंकों का
काला धन
वापिस ला देना
संपन्न भारतवर्ष
ReplyDeleteएवमस्तु नववर्ष
आप की कविता मन मै बस गई जी, बहुत सुंदर
संस्कृत से हिन्दी कितनी समृद्ध हुई है , यह आप की इस कविता को देख कर लगता है। बस चार -पाँच शब्दों में ही कितने गहरे भाव आप ने भर दिए हैं !
ReplyDeleteवैसे यह शिल्प तो मेरा है, आप को कहाँ से मिला ? ;)
@गिरिजेश,
ReplyDeleteयही शिल्प सीखने के लिए तो तुम्हारे शिष्य बने हैं!
;)
हैप्पी न्यू इयर!
बडे भाई को नव वर्ष की हर्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteभैया,
ReplyDeleteहम छूट ले लिए। मौज में थे।
एक साथ लजाए भी हैं और हरखाए भी हैं।
सोच समझ कर टिपियाना बौत जरूरी है :)
आप को भी नववर्ष की शुभकामनाएँ।
शुभ रात्रि। चलते हैं रात के 12:02 हो रहे हैं।
भैया,
ReplyDeleteहम छूट ले लिए। मौज में थे।
एक साथ लजाए भी हैं और हरखाए भी हैं।
सोच समझ कर टिपियाना बौत जरूरी है :)
आप को भी नववर्ष की शुभकामनाएँ।
शुभ रात्रि। चलते हैं रात के 12:02 हो रहे हैं।
भैया,
ReplyDeleteहम छूट ले लिए। मौज में थे।
एक साथ लजाए भी हैं और हरखाए भी हैं।
सोच समझ कर टिपियाना बौत जरूरी है :)
आप को भी नववर्ष की शुभकामनाएँ।
शुभ रात्रि। चलते हैं रात के 12:02 हो रहे हैं।
अद्भुत!!
ReplyDeleteप्रभावी अभिव्यक्ति!!
बधाई!
बहुत सुंदर एवम संपुर्ण रचना.
ReplyDeleteरामराम.
अनुराग भाई ,
ReplyDeleteअब इतना आपने कह दिया कि बस
" तथास्तु " ही कहना शेष है :)
शुभम भवति इति...
स स्नेह,
- लावण्या
शुभ-भावनाओं से सिक्त पोस्ट के लिए बधाई!
ReplyDelete.
ReplyDelete.
.
अति सुन्दर!
आभार!
आमीन अनुराग जी! आमीन!!
ReplyDeleteशब्द नही मिल रहे प्रशन्सा के .
ReplyDeleteक्या बात है अनुराग जी....नववर्ष की शुभ कामनाएं!
ReplyDeleteलजाने के बाद बोल नहीं फूटते...गिरिजेश भईया की लजाई-टिप्पणी तीन बार में अभिव्यक्त हो पायी !
ReplyDeleteशब्दों का लालित्य दृश्य है । आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
स्मार्ट इन्डियन जी ,
ReplyDeleteशुक्रिया , गीता की पंक्तियाँ का आपने ,ज़िक्र किया जान कर अच्छा लगा ,कमेंट्स के ज़रिये अगर कुछ जानकारी हासिल हो तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है
aap kitni acchi hindi likh lete hain ye nav varsh ki shubhkamnayein padh kar laga .wah
मोहक शब्द
ReplyDeleteमादक अनुभूति, आपकी आशीष और प्रेरणा यूं ही बनी रहे.
आपके लिए नया वर्ष मंगलकारी हो. शुभ कामनाएं .
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, नववर्ष की शुभकामानायें ।
ReplyDeleteआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं भी आपकी हिंदी देख हतप्रभ रह गई।
ReplyDeleteआमीन ! नववर्ष की शुभकामनायें !
ReplyDeleteAAPKE SUR ME APNA SUR MILATI HUN...
ReplyDeleteISHWAR SABKO SADBUDDHI DEN AUR SABKI RAKSHA KAREN....NAV VARSH SABKE LIYE SHUBH HO....
आपके साथ.
ReplyDeleteNAV VARSH PAR NAV SWAPN SANJOTI UTTAM RACHNA .....
ReplyDeleteAAKO AUR AAPKI POORE PARIVAAR KO NAV VARSH KI MANGAL KAAMNAAYEN ....
and wish you and your dear ones a very happy new year too :)
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