Thursday, June 19, 2008

कुछ कहानियाँ - अनुराग शर्मा

कहानी कहानी होती है, उसमें लेखक की आत्मकथा ढूँढना ज्यादती है. ~ अनुराग शर्मा
1. वह कौन था
2. खून दो

3. खाली प्याला
4. जावेद मामू
5. सौभाग्य (स्वर: डॉ. मृदुल कीर्ति)

6. एक दिन श्रमिक का
7. कर्मा जी की टुन्न-परेड

8. गरजपाल की चिट्ठी

9. लागले बोलबेन

10. बिच्छू
i)
ii)
11. हत्या की राजनीति

12. गदा का रहस्य
13. जाके कभी न पडी बिवाई (स्वर: अर्चना चावजी)

14. एक और इंसान
15. माय नेम इज खान

16. असीम
24. मैं एक भारतीय

25. नसीब अपना अपना

26. गंजा – लघु कथा

27. गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु... (कैसे कैसे शिक्षक?)

28. अग्नि समर्पण - व्यंग्य

29. आती क्या खंडाला?

30. टोड

31. अनुरागी मन
32. मैजस्टिक मूंछें

33. घर और बाहर

34. डैडी
35. छोटे मियाँ

36. बेमेल विवाह

37. सैय्यद चाभीरमानी और हिंदुत्वा एजेंडा
38. तहलका तहलका तहलका
39. सैय्यद चाभीरमानी और शाहरुख़ खान
40. ओसामा जी से हैलोवीन तलक - सैय्यद चाभीरमानी
41. कोकिला, काक और वो ...
42. एक शाम बार में

49. गन्धहीन
50. भोला

51. हिन्दी बंगाली भाई भाई
52. व्यवस्था
53. यारी है ईमान
54. सच्चे फांसी चढ़दे वेक्खे
55. मुखौटों से वार्ता
56. सुखांत
57. मार्जार मिथक गाथा
58. भविष्यवाणी
59.ईमान की लूट

60.सत्य - सबसे छोटी बोधकथा
61.गुरु - लघुकथा

62.दीपशलाका बालिका - हाँस क्रिश्चियन एंडरसन

63.जोश और होश - बोधकथा
64.खान फ़िनॉमिनन

65.कंजूस मक्खीचूस

66.किनाराकशी - लघुकथा
67.मुफ्तखोर - लघुकथा
68.खिलखिलाहट - लघुकथा
69.पुरानी दोस्ती - लघुकथा
70.ऊँट, पहाड़, हिरण, शेर और शाकाहार
71.सांप्रदायिक सद्भाव - लघुकथा
72.सच या झूठ - लघुकथा
73.बुद्धू - लघुकथा
74.अहिंसा - लघुकथा
82. विदेह

83. बिग क्लाउड 2068

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रेडियो सलाम नमस्ते पर अनुराग शर्मा का साक्षात्कार
Hindi Interview with Anurag Sharma on Radio Salam Namaste




मॉरिशस टीवी पर अनुराग शर्मा का साक्षात्कार
Anurag Sharma's Interview on Mauritius TV

यह भी कैसी विचित्र विडम्बना है कि दूसरों की कहानियाँ रचते समय मुझे सामने वाले को उसकी सम्पूर्णता के साथ अपने में मिलाना पड़ता था और इस हद तक मिलाना पड़ता था कि ‘स्व’ और ‘पर’ के सारे भेद मिटकर दोनों एकलय, एकाकार हो जाते थे। पर अपनी कहानी लिखते समय तो मुझे अपने को अपने से ही काटकर बिल्कुल अलग कर देना पड़ा। यह निहायत ज़रूरी था और इस विधा की अनिवार्यता शर्त, तटस्थता, की माँग भी लिखनेवाली मन्नू और जीनेवाली मन्नू के बीच पर्याप्त फासला बनाकर रख सकूँ। अब इसमें कहाँ तक सफल हो सकी हूँ, इसके निर्णायक तो पाठक ही होंगे...। मुझे तो न इसका दावा है, न दर्प! ~ मन्नू भंडारी (एक कहानी यह भी)
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1 comment:

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