छः जून की उनके ब्लॉग की पोस्ट में उंगलियों में दर्द की चिंता व्यक्त की गयी थी। उन्हें यद्यपि ज्योतिष के सहारे का विश्वास भी था। फिर भी, जिन्हें विश्वास हो उनके लिये भी ज्योतिष चिकित्सा का स्थान तो नहीं ले सकता है। उन्होंने लिखा था:
इसके बाद उनकी दो प्रविष्टियाँ और आयीं और अब दो मास से अधिक बीत जाने पर भी कोई अपडेट नहीं है। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ, खुशमिजाज़ ब्लॉगर, कवयित्री, कथाकार श्रीमती निर्मला कपिला की| आशा है कि वे ठीक होंगी, फिर भी चिंता है।
जिस प्रकार निर्मला जी के बारे में चिंतित हूँ, लगभग उसी प्रकार भावों से भरपूर कविता रचने वाली सन्ध्या गुप्ता जी की पिछली (दो महीने पुरानी) पोस्ट में भी उनकी गम्भीर बीमारी के बारे में चिंतातुर करने वाला निम्न सन्देश था:
मैं जानता हूँ कि हम भारतीय लोग बहुत भावुक होते हैं और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना निभाते हुए तुरंत हिल मिल जाते हैं। रेल का सफ़र हो या बस का, मंज़िल आने तक सम्पर्क सूत्रों का आदान-प्रदान हो ही जाता है। हिन्दी ब्लॉग जगत में भी भाई बहन से लेकर सास-ननद तक बहुत से रिश्ते जोड़े गये हैं, बहुत अच्छी बात है। आभासी रिश्ते जोड़ें न जोड़ें, परंतु यदि हम एक दूसरे की हारी-बीमारी में हाल पता कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर किसी काम आ सकें तो मेहरबानी होगी। मेरे पास इन दोनों ही का सम्पर्क नम्बर नहीं है, बस ईमेल पता है सो किया मगर उसका कोई उत्तर नहीं मिला। यदि आप में से किसी को इन दोनों की खैरियत के बारे में जानकारी हो तो कृपया अवश्य दें। यदि आपके पास उनका या किसी परिवारजन का फ़ोन नम्बर हो तो बात करने का प्रयास कीजिये, यदि कोई निकट रहता हो तो मिल ही लीजिये। बस यही मेरा निवेदन है।
धन्यवाद व शुभकामनायें!
[दोनों चित्र रिस्पेक्टिव ब्लॉग प्रोफ़ाइल्स से]
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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* वीरबहूटी - निर्मला जी का ब्लॉग
* फिर मिलेंगे - सन्ध्या जी की पोस्ट
* श्रद्धांजलि - नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता
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उनके आश्वासन से मै फिर से डाक्तर के पास जाने से रुक गयी और एक देसी इलाज शुरू किया, डरी इस लिये भी थी कि पहले एक अंगूठे मे इसी प्राब्लम के चलते उसका टेंडर कटवाना पडा था।उस देसी दवा से ही ठीक हुयी हूँ लेकिन कुछ दिन स्प्लिन्ट जरूर बान्धना पडा। बेशक ज्योतिश आपकी समस्या हल नही कर देता लेकिन कई बार ऐसे आश्वासन से आशा सी बन जाती है और आशा ही जीवन है। इतने दिनो पढा सब को लेकिन कुछ कह नही पाई लिख नही पाई। अब भी अधिक देर लिखने से अँगुली दुखने लगती है लेकिन ये भी ठीक हो जायेगी कुछ दिन मे ।
निर्मला कपिला जी |
जिस प्रकार निर्मला जी के बारे में चिंतित हूँ, लगभग उसी प्रकार भावों से भरपूर कविता रचने वाली सन्ध्या गुप्ता जी की पिछली (दो महीने पुरानी) पोस्ट में भी उनकी गम्भीर बीमारी के बारे में चिंतातुर करने वाला निम्न सन्देश था:
मित्रों, एकाएक मेरा विलगाव आपलोगों को नागवार लग रहा है, किन्तु शायद आपको यह पता नहीं है की मैं पिछले कई महीनो से जीवन के लिए मृत्यु से जूझ रही हूँ । अचानक जीभ में गंभीर संक्रमण हो जाने के कारन यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जीवन का चिराग जलता रहा तो फिर खिलने - मिलने का क्रम जारी रहेगा। बहरहाल, सबकी खुशियों के लिए प्रार्थना।
डॉ. सन्ध्या गुप्ता |
धन्यवाद व शुभकामनायें!
[दोनों चित्र रिस्पेक्टिव ब्लॉग प्रोफ़ाइल्स से]
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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* वीरबहूटी - निर्मला जी का ब्लॉग
* फिर मिलेंगे - सन्ध्या जी की पोस्ट
* श्रद्धांजलि - नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता
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आपकी इस चिंता में हम भी शामिल हैं..
ReplyDeleteइस आभासी दुनिया में ठहरना और सोचना भी अब कठिन हो चला है.
आशा है दोनों लोग स्वस्थ होंगे,हमारी शुभकामनायें ..
shubhkamnayen hi de sakta hoon ! zaroor kisi na kisi se inki khair-khabar milegi !
ReplyDeleteपिछली बार निर्मल जी के अनुपस्थित होने पर मेल से पूछा था , तो उन्होंने घरेलू व्यस्तता और अपने पोते पोतियों के साथ समय बिताने की बात कही थी , मैंने कयास लगाया कि शायद अभी भी वही कारण होगा , मगर चिंता हो रही है !
ReplyDeleteईश्वर उनके सकुशल होने का सन्देश दे !
आशा करें कि सब कुछ ठीक-ठाक होगा और वे स्वस्थ-प्रसन्न होंगी। आपकी चिन्ता में हम सबकी शुभ-कामनाऍं और प्रार्थनाऍं भी शामिल हैं।।
ReplyDeleteकुशलक्षेम पता चलता रहे, सब स्वस्थ रहें।
ReplyDeleteनिर्मला जी और संध्या जी दोनों के बारे में ही जानकर चिन्ता हुई। निर्मला जी से मेरा गहरा परिचय है। काफी दिनों से वे सक्रिय नहीं हैं, सोचा था कि कुछ व्यक्तिगत कारण रहे होंगे। लेकिन वे बीमार हैं इसकी कल्पना नहीं थी। मै उनसे आज ही बात करने की कोशिश करती हूँ। मेरे पास उनके फोन नम्बर हैं आप चाहेंगे तो मैं आपको दे दूंगी।
ReplyDeleteआपकी चिंता जायज है।
ReplyDeleteआपकी इस चिंता में हम भी शामिल हैं ||
ReplyDeleteशुभ-कामनाऍं ||
ईश्वर से प्रार्थना है निर्मलाजी और संध्याजी दोनों स्वस्थ हों, सकुशल हों .... शुभकामनायें ....
ReplyDelete@आदरणीय अजित जी,
ReplyDeleteआपका बहुत आभार कि आपने इनिशियेटिव लेकर निर्मला जी की खैरियत पता की।
@ सभी,
ईश्वर की कृपा से निर्मला जी की तबियत में अब सुधार है परंतु अभी भी उन्हें टाइपिंग आदि से बचने को कहा गया है इसलिये शायद अभी नई पोस्ट व टिप्पणियाँ नहीं करेंगी।
@ सन्ध्या जी की कुशलता के लिये मेरी प्रार्थना है।
anurag ji aapakaa sneh dekh kar aankhen nam ho gayee sach me is parivaar ne mujhe bahut pyar dia. mujhe smaal vessel vescolitis ki bimari hai. ab kai saal baad fir se ubhar aayee hai. Daactor ne adhik der baithhane ko manaa kar rakhaa hai is liye kisi blog par aa nahee paati. vaise ab aage se kaafi fark hai aashaa hai kuch din baad fir se regular ho paaoongi. kahate hain ye bimari millions me ek ko hoti hai jis ke liye bhagavaan ne mujhe chuna hai ye to is blog parivaar kaa saneh aur shubhakaamanaayen hain jo mujhe jeene ke liye prerit karati hain.itani jaldi dil harane vali nahin hoon.pahale jitana to nahin fir bhi kuch 5time jaroor doongi blog ke liye. ek baar fir se dhanyavaad aapane yaad kiyaa aur sab ki shubhakaamanaayen dilavai.dil se dhanyavaad. aaj bas itana hi baithh paai hoon kal fir aati hoon.
ReplyDeleteनिर्मला जी और संध्या जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की ईश्वर से प्रार्थना और हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteईश्वर निर्मला जी और संध्याजी को शीघ्र स्वस्थ कर दें।
ReplyDeleteआपकी चिंता में हम भी शामिल हैं.निर्मला जी की कुशल तो मिल गई.दुआ है संध्या जी भी स्वस्थ हों.
ReplyDeleteThanks god - nirmala ji ka to jawaab aa gaya -
ReplyDeleteeeshwar karein sandhya ji bhi jaldi acchi ho jaayein
dono ko sheeghr swaasthya laabh kee shubhkaamnaayen |
आपकी यह कुशल क्षेम दरयाफ्ती आपको एक अच्छे मनुष्य की कोटि में रखने की आश्वस्ति देती है ..निर्मला जी स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं मगर डॉ संध्या गुप्ता जी की चिंता है ..मुझे कई और लोगों की चिंता है ..जवाब नहीं मिल रहे... श्याद उन्होंने ब्लागिंग छोड़ दिया ...क्योकि उनके बीमारी की खबर तो नहीं थी और ईश्वर उन्हें दीर्घायु करें ....
ReplyDeleteनहीं पता था ...पर आपकी चिंता जायज है, ब्लॉग-जगत के आभासी रिश्तों का अनुभव हुआ है हाल ही की रायपुर यात्रा के दौरान...एक-दूसरे की खैरियत की दुआ तो की ही जानी चाहिये ...निर्मला जी शीघ्र स्वस्थ हो,और संध्या जी का भी जबाब मिले इसी दुआ के साथ आपका आभार..
ReplyDeleteनिर्मला जी से कुछ समय पहले संपर्क हुआ था । काफी तकलीफ़ में थी । उम्मीद है , जल्दी ही ठीक होकर फिर से हमारे बीच आ जाएँगी ।
ReplyDeleteकमाल है कल ही उनकी टिप्पणी आई है मेरी पुरानी पोस्ट पर और आज उनकी बीमारी की चर्चा की है मैंने.. निम्मो दी को परमात्मा आरोग्य प्रदान करे!!
ReplyDeleteनिर्मला जी और संध्या जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की ईश्वर से प्रार्थना और हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआपकी इस चिंता में हम भी शामिल हैं..
ReplyDeleteआशा है दोनों ही स्वस्थ होंगे, हमारी शुभकामनायें और प्रार्थना है ईश्वर से...
jaldi hi hamare beech ho aashyoo par duniya kayam hai
ReplyDeletemadhu
अभी मेरी बात डॉ संध्या गुप्ता के एक सहकर्मी से हुई है जिन्हों ने बताया कि अब चिंता की बात नहीं है, अभी उनकी तबियत भी अच्छी है यद्यपि वे अभी भी स्वास्थ्यलाभ के लिये छुट्टी पर है।
ReplyDeleteआप सबकी शुभकामनाओं के लिये आभार!
दोनों की कुशलक्षेम पाकर मन प्रसन्न हुआ....आपका आभार !
ReplyDeleteदोनों की कुशलक्षेम पाकर मन प्रसन्न हुआ....आपका आभार !
ReplyDeleteईश्वर से दोनों की दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थय की प्रार्थना है.
ReplyDeleteडॉ. संध्या गुप्ता की बीमारी की खबर मुझे कुछ समय पहले मिली थी। इस सिलसिले में मैंने उन्हें ब्लॉग के जरिए संदेश भेजा, पर जबाव अभई तक नहीं आया। लेकिन जागरण- याहू न्यूज पर यह खबर अभी देखी तो शेयर कर रही हूं- बुरी खबर है
ReplyDelete"नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता, शोक में डूबा विश्वविद्यालय"
लिंक यह रहा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_8465580.html
उनका जाना सदमे से कम नहीं है। दो साल पहले ही उनसे दिल्ली में मुलाकात हुई थी, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार समारोह में।
ज्यादा कहा नहीं जा रहा। उनसे फिर बात न कर पाने का अफसोस रहेगा।
डॉ. संध्या गुप्ता की बीमारी की खबर मुझे कुछ समय पहले मिली थी। इस सिलसिले में मैंने उन्हें ब्लॉग के जरिए संदेश भेजा, पर जबाव अभई तक नहीं आया। लेकिन जागरण- याहू न्यूज पर यह खबर अभी देखी तो शेयर कर रही हूं- बुरी खबर है
ReplyDelete"नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता, शोक में डूबा विश्वविद्यालय"
लिंक यह रहा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_8465580.html
उनका जाना सदमे से कम नहीं है। दो साल पहले ही उनसे दिल्ली में मुलाकात हुई थी, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार समारोह में।
ज्यादा कहा नहीं जा रहा। उनसे फिर बात न कर पाने का अफसोस रहेगा।