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Monday, August 9, 2010

बुरुंश के फूल

जब घुघूतीबासूती की कविता "बुरुंश के फूल" पढी तभी द्वार पर लगे इस पौधे के चित्र को साझा करने का विचार मन में आया।

बुज़ुर्गों ने हिमालय कब छोडा, पता नहीं। मगर मैं जब से बरेली छोड्कर पिट्सबर्ग बसा हूँ, अपने को पूरा पहाडी ही समझता हूँ। घर के बाहर सफेद और गुलाबी रोडोडेंड्रॉन लगे हैं। सफेद वाले को बुरुंश कहा जा सकता है या नहीं, मालूम नहीं। शब्द से परिचय शिवानी की कहानियों के द्वारा हुआ था, झाडी से परिचय बोनसाई के शौक के दौरान हुआ और जब यहाँ अपना घर लिया तो यह पौधे पहले से लगे हुए थे।

ऐज़लीया के गुलाबी और सफेद फूल


बडी पत्ती वाले रोडोडेंड्रॉन के गुलाबी फूल





क्वंज़न चेरी ब्लॉसम बहार में


वही क्वंज़न चेरी ब्लॉसम सर्दी में


चेरी ब्लॉसम बर्फ में


चेरी ब्लॉसम पतझड में
[सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा - All photographs by Anurag Sharma]