(चित्र व पंक्तियाँ: अनुराग शर्मा)
है नाम लबों पर तो सदा क्यूँ नहीं देते,
जब दर्द दिया है तो दवा क्यूँ नहीं देते
ज़िंदा हूँ इस बात का एहसास हो सके
मुर्दे को मेरे फिर से हिला क्यूँ नहीं देते
है गुज़री कयामत मैं फिर भी न गुज़रा
ये सांस जो अटकी है हटा क्यूँ नहीं देते
सांस ये चलती नहीं है दिल नहीं धड़के,
जाँ से मिरी मुझको मिला क्यूँ नहीं देते
सपनों में सही तुमसे मुलाकात हो सके,
हर रात रतजगे को सुला क्यूँ नहीं देते
(प्रेरणा: हसरत जयपुरी की "जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते")
अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन के स्वर में
इंद्र्धनुष |
जब दर्द दिया है तो दवा क्यूँ नहीं देते
ज़िंदा हूँ इस बात का एहसास हो सके
मुर्दे को मेरे फिर से हिला क्यूँ नहीं देते
है गुज़री कयामत मैं फिर भी न गुज़रा
ये सांस जो अटकी है हटा क्यूँ नहीं देते
सांस ये चलती नहीं है दिल नहीं धड़के,
जाँ से मिरी मुझको मिला क्यूँ नहीं देते
सपनों में सही तुमसे मुलाकात हो सके,
हर रात रतजगे को सुला क्यूँ नहीं देते
(प्रेरणा: हसरत जयपुरी की "जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते")
अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन के स्वर में
दोनों ही बहुत सुन्दर हैं. जिससे प्रेरणा ली वह भी और जो प्रेरित है वह भी...दयानिधि वत्स
ReplyDeleteप्रश्न ही प्रश्न - उत्तर कहीं नहीं !
ReplyDeleteमन उठते प्रेमपगे प्रश्न
ReplyDeleteकमाल है , बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ! बधाई भाई जी
ReplyDeleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति सोमवारीय चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteअपनी ही जां से मिलने की यह ख्वाहिश यूँ ही बनी रहे..उम्दा पेशकश..आभार !
ReplyDeleteवाह बहुत खूब :)
ReplyDeleteप्रेम में चैन भी है और बेचैनी भी.
ReplyDeleteभावों को पकडा है.
वाह!! बहुत ही शानदार...बहुत ही सुन्दर!! वो गज़ल आज रात सुनता हूँ :)
ReplyDeleteसुन्दर शब्द - चयन । प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
ReplyDeleteगीत /ग़ज़ल में उसीको जता क्यों नहीं देते !!
ReplyDeleteहै गुज़री कयामत मैं फिर भी न गुज़रा
ReplyDeleteये सांस जो अटकी है हटा क्यूँ नहीं देते ..
बहुत ही खूब और आपकी प्रेरणा भी खूब ... और गायकी का तो जवाब नहीं है हुसैन बंधुओं की ...
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteमजा आ गया बॉस....
ReplyDeleteहै गुज़री कयामत मैं फिर भी न गुज़रा
ReplyDeleteये सांस जो अटकी है हटा क्यूँ नहीं देते ..
बहुत ही खूब