Monday, October 27, 2008

शुभ दीपावली - बहुत बधाई और एक प्रश्न

दीपावली के शुभ अवसर पर आप सभी को परिजनों और मित्रों सहित बहुत-बहुत बधाई। ईश्वर से प्रार्थना है की वह आपको शक्ति, सद्बुद्धि और समृद्धि देकर आपका जीवन आनंदमय करे! दीपावली के अवसर पर मैंने यहाँ पद्म पुराण में वर्णित देवराज इन्द्र कृत महालाक्षम्यष्टकम का पाठ देवनागरी में लिखने का प्रयास किया है। भूल-चूक के लिए क्षमा करें।
* आज का प्रश्न:
अगर लक्ष्मी का वाहन उल्लू है और दीवाली लक्ष्मी के आह्वान की रात है तो हम इतनी रोशनी की चकाचौंध से क्या उल्लू की आँखें चौंधिया कर लक्ष्मी जी को वापस तो नहीं भेज देते हैं?
(संकेत इसी पोस्ट में है)

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥१॥
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥२॥
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥३॥
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥४॥
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्ति महेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥५॥
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्ति महोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥६॥
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥७॥
श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगतस्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥८॥
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्ति मान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा॥९॥
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वित:॥१०॥
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥११॥

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Saturday, October 25, 2008

तुम बिन - एक कविता

वक्त तुम बिन कभी गुज़रता नहीं
बोझ कांधे से ज्यों उतरता नही

शहर सुनसान सा लगे है मुझे
आपका जिक्र कोई करता नहीं

दिल तो पत्थर सा हो गया या रब
मौत के नाम से भी डरता नहीं

चिन दिया आपने दीवारों में
कैसा बदबख्त हूँ कि मरता नहीं

वक्त के सामने हुआ बेबस
लाख रोका मगर ठहरता नहीं।

(अनुराग शर्मा)


* आवाज़ पर आज सुनें अक्टूबर २००८ का पॉडकास्ट कवि सम्मेलन
** आवाज़ पर सुनें प्रेमचंद की कहानी "आधार"

Tuesday, October 21, 2008

बर्फ, प्याज, पैट्रोल, नमक और चुनाव

हर सोमवार की तरह ही इस बार भी सुबह उठने में देर हो गयी। इस बार इतनी देर हो गयी कि सुबह की आख़िरी बस भी छूट गयी, सो काम पर ड्राइव करके जाना पड़ा। अब कार चलाते समय बस-यात्रा की तरह अखबार तो पढा नहीं जा सकता है, तो समय का सदुपयोग करने के लिए जनता रेडियो पर दुनिया भर का हाल सुनता रहा। जब उन्होंने बताया कि आसपास का तापक्रम ३० डिग्री फेहरनहाइट (सेंटीग्रेड में शून्य से लगभग एक डिग्री कम) है तब ध्यान गया कि घास हरी के बजाय सफ़ेद क्यों दिख रही थी। साथ ही याद आया कुछ हफ्ते पहले नगर-पालिका से मिला नोटिस जिसमें उन्होंने याद दिलाया था कि इस बार वे बर्फ गिरने पर सड़कों पर हिम गलाने वाला लवण पिछली बार जैसी मुस्तैदी से नहीं डाल सकेंगे क्योंकि एक वर्ष के बीच ही इस लवण की कीमत दोगुनी बढ़ गयी है।

रेडियो पर दूसरी ख़बर थी कि सोमवार का दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए डाक-बैलट भेजे जाने की शुरूआत का दिन था। दूसरे शब्दों में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव का पहला वोट कहीं पर सोमवार को चिन्हित किया जा चुका हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

मुझे याद आया कि चुनाव-वर्ष में भारत में प्याज का दाम एक आम मुद्दा हुआ करता था। अब सडकों पर फैंका जाने वाला नमक क्या भारतीय चुनावी प्याज जैसा महत्वपूर्ण हो सकता है। प्याज न खाने से शायद ही किसी की जान जाती हो। सच तो यह है कि लाखों परम्परागत भारतीय घरों की रसोईयों में तो शायद प्याज कभी घुस भी नहीं पायेगा। मगर वोट बैंक के मारे नेताओं को परम्परागत भारतीय की फ़िक्र कब से होने लगी? अलबत्ता इस नमक की कमी हर बर्फबारी के बाद बहुत सी दुर्घटनाएं करा सकती है।

कार चलाते हुए ही पाया कि पहली बार ही पैट्रोल का प्रति गैलन दाम भी तीन डॉलर से कम नज़र आया। सोचने लगा कि क्या यह सब भी चुनाव वर्ष का चिह्न हो सकता है?




आप सब को बहुत-बहुत बधाई

आज सुबह 6 बजकर 20 मिनट (IST) पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी-11 पहले भारतीय चंद्रयान-1 को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ।