कुछ न कुछ चलता न रहे तो ज़िंदगी क्या? इधर बीच में काफी भागदौड़ में व्यस्त रहा. न कुछ लिख सका न ज़्यादा पढ़ सका. इस बीच में बरेली के दंगे की ख़बरों से मन बहुत आहत हुआ. कुल्हाड़ा पीर पर एक बहुत अपनी दुकान भी जलकर राख हो गयी - ऐसा लगा जैसे दंगाइयों ने मेरे बचपन को ही झुलसाने की कोशिश की हो. दंगा कराने वाले जब गिरफ्तार हुए तो कुम्भकर्णी नींद ले रहे समाचार चैनलों की कान पर भी जून रेंगने लगी. बहरहाल, जो पकडे गए वे बरी भी हो गए मगर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का कितना उद्यम हुआ यह हम सब जानते हैं. भाई धीरू सिंह (बरेली) और भारतीय नागरिक (बरेली/लखनऊ) यथा समय जानकारी देते रहे, इससे काफी राहत मिली.
कुछ अपनों ने खैरियत पूछी थी. सो बता दूँ कि फिलहाल जापान के एक शोधनगर में हूँ. अगले सप्ताह वापस घर पहुँचूंगा. तब पढ़ना, लिखना और सपनों की यात्रा वापस शुरू होगी. यहाँ तो वसंत आ चुकी है. उसके चित्र बाद में. अभी तो जापानी मुद्रा येन के कुछ चित्र. साथ ही कोका कोला की यह बोतल कुछ अलग सी लगी. कैन और बोतल का संगम याद दिला रहा है कि जापान किस तरह पूर्व और पश्चिम के मूल्यों में समन्वय बिठा सका है सो उसकी तस्वीर भी, ताकि सनद रहे.
सभी को युगादि, नव संवत्सर, चैत्रादि, चेती-चाँद, नव-रात्रि, गुडी पडवो, बोहाग बिहू तदनुसार कलियुग ५११२, सप्तर्षि ५०८५ की हार्दिक शुभकामनाएं!
जापान यात्रा सुखद रहे.
ReplyDeleteआप को भी नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ..
बरेली हादसा दुखद एवं अफसोसजनक रहा..
ReplyDeleteall is well all is well .
ReplyDeleteअपने शहर मे अभी लोगो के आंखो का पानी इतना नही मरा कि दंगा शुरु करते . बाहर के लोग शुरुआत कर गये और हम लोग चाल मे फ़स गये
आपको भी नव संवत्सर की बहुत शुभकामनाएं!बरेली का वाकया बहुत दुखद है -आपको यात्रा की शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी यात्रा सफल हो..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ..
ReplyDeleteआप को नववर्ष पर शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteवर्तमान जापानी जीवन पर आप के लेखों की प्रतीक्षा रहेगी।
नव संवत्सर की शुभकामनाएं. बरेली का दंगा बहुत ही दुखद रहा. आपकी जापान यात्रा के किस्सों का इंतजार रहेगा.
ReplyDeleteरामराम
भारतीय नववर्ष 2067 , युगाब्द 5112 व पावन नवरात्रि की शुभकामनाएं
ReplyDeleteRatnesh
आदमी जब भीड़ बन जाता है तो फिर कुछ नहीं सूझता..
ReplyDeleteये दुखद दंगे फिर सिर उठाने लगे हैं. सबको सद्बुद्धी मिले.
ReplyDeleteबहुत ही दुखद था और इससे भी अधिक यह कि जो लोग शिकार हुये उन्हीं पर दोष मढ़ दिया गया. बोतल कोक की ही है या फिर :)
ReplyDeleteजो कुछ भी बरेली में घटा!
ReplyDeleteवह बहुत ही दुखद है।
कुछ भी नही होता अगर
राजनीति आड़े न आई होती!
dangaa....behad khufnaak shabd.
ReplyDeleteshubhkamnaen nav varsh ki.
बरेली हादसा तो दुखद ही है लेकिन भारत मै फ़िर भी ऎसे हादसे होते है, क्यो? क्योकि जनता जागरुक नही, बस नेता ने ने जो कह दिया उस के पीछे चल पढे... यहा भी यही हुया होगा... ओर फ़िर दोषी छोड दिये गये, तो केसे सुधार होगा, इन दोषियो को पकड कर सखत से सख्त सजा दी जाती, ओर देश का जो नुकसान हुया इन से या इन की पार्टी से बसुला जाता तो बात बनती....
ReplyDeleteकोका कोला का केन देख, बहुत सुंदर लगा.
धन्यवाद
कल ही मैं सोच रहा था कि फीड में कुछ गड़बड़ी तो नहीं जो आपकी पोस्ट नहीं आ रही.
ReplyDeleteदंगों की खबर तो हमने भी पढ़ी...
आपको भी सपरिवार नवसंवत्सर की शुभकामनाएं ! जापान यात्रा सुखद हो.
आप को भी नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ..
ReplyDeleteयात्रा सुखद रहे....
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ..
जापान यात्रा पर आपके निरिक्षण पोस्ट की प्रतिक्षा रहेगी.
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनायें.
सभी को युगादि, नव संवत्सर, चैत्रादि, चेती-चाँद, नव-रात्रि, गुडी पडवो, बोहाग बिहू तदनुसार कलियुग ५११२, सप्तर्षि ५०८५ की हार्दिक शुभकामनाएं!
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Aapko bhee parivar sahit Nav Sanvatsar ki shubh kaamna
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आप का पूर्णतया भारतीय ह्रदय , बरेली की खबर रख रहा है और जापान में कोकाकोला के टीन/ बोटल युक्त
उपयोग से आप , समन्वय बिन्दु खोज लेते हैं जब् के, यहां ' हिन्दी ब्लॉग जगत ' में लोग , लिखते तो हैं
पर सद`भाव के बदले, दूसरों के धर्म की निंदा करते हैं ...कितना फर्क है सोच सोच में , व्यक्ति व्यक्ति में !
यही सोच रही हूँ ...जापान कैसा लगा ..विस्तार से लिखिए ...
और हां ,
मैंने बहुत सालों पहले जापानी सीखी थी :)
Arigato Gozaimashita ..
Sharma San :)
स स्नेह,
- लावण्या
लावण्या जी, आपको भी विनम्र धन्यवाद. छोटे भाई पर आपका स्नेह यूं ही बना रहे!
ReplyDeletenav varsh ki aur navratri ki shubhkamnaye yatra ki ubhkamnaye .
ReplyDeletesmnvy bithana hi ahe lejata hai |
शुभकामनाएं आप सब को भी
ReplyDeleteBadi hee dilchasp post hai..haan, Bareli ke bareme padh/sunke man dukhi ho gaya hai...
ReplyDeleteसोचा जाए तो ऑल इज वेल
ReplyDeleteनहीं तो नथींग इज वेल-
दिल को समझाने की भी एक हद है- दंगे-फसाद तो संप्रदाय के नाम पर निकाले जानेवाले दिल की भड़ास है।
जापान यात्रा के बारे में आपके लेख का इंतजार रहेगा।
...जापान यात्रा से ये गाना याद आ गया "...जूता है जापानी, सर पे लाल टोपी..."!!!
ReplyDeleteआशा है आपकी जापान यात्र सुखद रहेगी ....
ReplyDeleteजापान यात्रा पर आपके पोस्ट की प्रतिक्षा रहेगी.
ReplyDeleteहादसों में भी लोग जीना सीख रहे हैं, यही क्या कम है.
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"शब्द-शिखर" पर सुप्रीम कोर्ट में भी महिलाओं के लिए आरक्षण
हार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी!
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