कुबेर का चित्र: विकिपीडिया के सौजन्य से |
निधिपति कुबेर के गण यक्ष हैं जो कि संस्कृत साहित्य में मनुष्यों से अधिक शक्तिशाली, ज्ञान की परीक्षा लेते हुए, निर्मम प्राणी हैं। जैन साहित्य में इन्हें शासनदेव व शासनदेवी भी कहा गया है। महाभारत के यक्षप्रश्न की याद तो हम सब को है। कुबेर की सम्मिलित प्रजा का नाम पुण्यजन है जिसमें यक्ष तथा रक्ष दोनों ही शामिल हैं। ।
महर्षि पुलस्त्य के पुत्र महामुनि विश्रवा ने भारद्वाज जी की कन्या इळविळा का पाणिग्रहण किया। उन्हीं से कुबेर की उत्पत्ति हुई। इसलिये उनका पूरा नाम कुबेर ऐडविड और कुबेर वैश्रवण है। विश्रवा की दूसरी पत्नी, दैत्यराज माली की पुत्री कैकसी के रावण, कुंभकर्ण और विभीषण हुए जो कुबेर के सौतेले भाई थे। विश्रवा की पुत्रों में कुबेर सबसे बड़े थे। रावण ने अपनी मां और नाना से प्रेरणा पाकर कुबेर का पुष्पक विमान और उनकी स्वर्णनगरी लंकापुरी तथा समस्त संपत्ति पर कब्जा करने के हिंसक प्रयास किए।
रावण के अत्याचारों से चिंतित कुबेर ने जब अपने एक दूत को रावण के पास क्रूरता त्यागने के संदेश के साथ भेजा तो रावण ने क्रुद्ध होकर उस दूत को मार-काटकर अपने सेवक राक्षसों को खिला दिया। यह घटनाक्रम जानकर कुबेर को दुख हुआ। अंततः यक्षों और राक्षसों में युद्ध हुआ। बलवान परंतु सरल यक्ष, मायावी, नृशंस राक्षसों के आगे टिक न सके, राक्षस विजयी हुए। रावण ने माया से कुबेर को घायल करके उनका पुष्पक विमान ले लिया। कुबेर अपने पितामह पुलत्स्य के पास गये। पितामह की सलाह पर कुबेर ने गौतमी के तट पर शिवाराधना की। फलस्वरूप उन्हें 'धनपाल' की पदवी, पत्नी और पुत्र का लाभ हुआ। कुछ जनश्रुतियों के अनुसार कुबेर का एक नेत्र पार्वती के तेज से नष्ट हो गया, अत: वे एकाक्षीपिंगल भी कहलाए। तपस्थली का वह स्थल कुबेरतीर्थ और धनदतीर्थ नाम से विख्यात है। ब्रजक्षेत्र में स्थित माना जाने वाला यह तीर्थ कहाँ है?
धनार्थियों के लिए कुबेर पूजा का विशेष महत्व है। परंपरा के अनुसार लक्ष्मी जी चंचला हैं, कभी भी कृपा बरसा देती हैं। लेकिन कुबेर संसार की समस्त संपदा के रक्षक हैं। उनकी अनिच्छा होते ही धन-संपदा अपना स्थान बदल लेती है। समस्त धन के संरक्षक कुबेर की मर्जी न हो तो लक्ष्मी चली जाती हैं। दीपावली पर बहीखाता पूजन के साथ कुबेर पूजन, तुला पूजन तथा दीपमाला पूजन का भी रिवाज है। महाराज कुबेर के कुछ मंत्र:
आह्वान मंत्र: आवाहयामि देव त्वामिहायाहि कृपां कुरु। कोशं वर्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर।।
कुबेर मंत्र: ॐ कुबेराय नम:
कुबेर मंत्र: धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।
अष्टाक्षर कुबेर मंत्र: ॐ वैश्रवणाय स्वाहा।
षोडशाक्षर कुबेर मंत्र: ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:
पंच्चात्रिशदक्षर कुबेर मंत्र - ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
तमसो मा ज्योतिर्गमयदीपावली की शुभकामनायें। आपका जीवन ज्योतिर्मय हो!
दिग्दर्शक मिलता नहीं खुद राह गढ़ने चल पड़े
सूरज नहीं चंदा नहीं कुछ दीप मिलकर जल पड़े
bahut badhiya abhivyakti . Diwali ki apko spariwar badhai shubhakamanayen ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर आलेख !
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें...............बहुत सुंदर आलेख ..........
ReplyDeletevazandaar aalekh.dewali ki shubhkamnayen!
ReplyDeleteपाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
ReplyDeleteवली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
गावदी = मूर्ख / अबोध
बहुत ही रोचक जानकारी मिळी.
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
हँसता हुआ लाफिंग बुद्ध ,उसके के सारे लक्षण - कहीं भी दिखे मुझे तो वह हमेशा कुबेर लगता है !
ReplyDeleteअच्छा लगा अपने इतिहास को जानना ....
ReplyDeleteदीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
अच्छी सामयिक प्रस्तुति...दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी जली है बहू जली है
बाबाओं को कुबेर के सपने ज्यादा आते हैं,
ReplyDeleteसुंदर लेख !
बाबा शोभन सरकार एकदम सही हैं। धन मिला और उसे ठिकाने भी लगा दिया गया है। क्या ऐसे सत्ता प्रतिष्ठान जो मामूली चीजों के लिए भी लोगों को तिल-तिल तरसा रहे हैं भला वे कब हजारों टन सोने को सार्वजनिक करने वाले हैं!
ReplyDeleteभारतीय रिज़र्व बैंक के आगे की मूर्ति के बारे में पहले भी कहीं पढ़ा था :)
ReplyDeleteamuly jankari ke liye suprabhat sang pranam swikaren
ReplyDeleteसामयिक और रोचक जानकारी। धन्यवाद।
ReplyDeleteसामयिक और रोचक पोस्ट। धन्यवाद।
ReplyDeleteकुबेर के बारे में विस्तार से जाना। रिजर्व बैंक की कुबेर मूर्ति की भ्रान्ति दूर हुई।
ReplyDeleteपर्व की बहुत शुभकामनाएं !
रोचक और बढ़िया।
ReplyDeleteKuber ke baare mein kaafi achhi jaankaari mili .. belated happy diwali.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी.
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