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Saturday, November 2, 2013

कुबेर ऐडविड (कुबेर वैश्रवण) उत्तर के दिक्पाल

कुबेर का चित्र: विकिपीडिया के सौजन्य से
वयं यक्षाम: का मंत्र देने वाले यक्षराज कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। उनकी राजधानी हिमालय क्षेत्र के अलकापुरी में स्थित है। यक्ष समुदाय जलस्रोतों और धन संपत्ति का संरक्षक है। विश्रवस्‌ ऋषि और उनकी पत्नी इळविळा के पुत्र कुबेर की पत्नी हारिति है। भारत में हर पूजा से पहले दिक्पालों की पूजा का विधान है जिसमें उत्तर के दिक्पाल होने के कारण कुबेर की पूजा भी होती है। गहन तपस्या के बाद मरुद्गणों ने उन्हें यक्षों का अध्यक्ष बनाया और पुष्पक विमान भेंट किया। तपस्या का वास्तविक अर्थ क्या है?

निधिपति कुबेर के गण यक्ष हैं जो कि संस्कृत साहित्य में मनुष्यों से अधिक शक्तिशाली, ज्ञान की परीक्षा लेते हुए, निर्मम प्राणी हैं। जैन साहित्य में इन्हें शासनदेव व शासनदेवी भी कहा गया है। महाभारत के यक्षप्रश्न की याद तो हम सब को है। कुबेर की सम्मिलित प्रजा का नाम पुण्यजन है जिसमें यक्ष तथा रक्ष दोनों ही शामिल हैं। ।

महर्षि पुलस्त्य के पुत्र महामुनि विश्रवा ने भारद्वाज जी की कन्या इळविळा का पाणिग्रहण किया। उन्हीं से कुबेर की उत्पत्ति हुई। इसलिये उनका पूरा नाम कुबेर ऐडविड और कुबेर वैश्रवण है। विश्रवा की दूसरी पत्नी, दैत्यराज माली की पुत्री कैकसी के रावण, कुंभकर्ण और विभीषण हुए जो कुबेर के सौतेले भाई थे। विश्रवा की पुत्रों में कुबेर सबसे बड़े थे। रावण ने अपनी मां और नाना से प्रेरणा पाकर कुबेर का पुष्पक विमान और उनकी स्वर्णनगरी लंकापुरी तथा समस्त संपत्ति पर कब्जा करने के हिंसक प्रयास किए।

रावण के अत्याचारों से चिंतित कुबेर ने जब अपने एक दूत को रावण के पास क्रूरता त्यागने के संदेश के साथ भेजा तो रावण ने क्रुद्ध होकर उस दूत को मार-काटकर अपने सेवक राक्षसों को खिला दिया। यह घटनाक्रम जानकर कुबेर को दुख हुआ। अंततः यक्षों और राक्षसों में युद्ध हुआ। बलवान परंतु सरल यक्ष, मायावी, नृशंस राक्षसों के आगे टिक न सके, राक्षस विजयी हुए। रावण ने माया से कुबेर को घायल करके उनका पुष्पक विमान ले लिया। कुबेर अपने पितामह पुलत्स्य के पास गये। पितामह की सलाह पर कुबेर ने गौतमी के तट पर शिवाराधना की। फलस्वरूप उन्हें 'धनपाल' की पदवी, पत्नी और पुत्र का लाभ हुआ। कुछ जनश्रुतियों के अनुसार कुबेर का एक नेत्र पार्वती के तेज से नष्ट हो गया, अत: वे एकाक्षीपिंगल भी कहलाए। तपस्थली का वह स्थल कुबेरतीर्थ और धनदतीर्थ नाम से विख्यात है। ब्रजक्षेत्र में स्थित माना जाने वाला यह तीर्थ कहाँ है?

धनार्थियों के लिए कुबेर पूजा का विशेष महत्व है। परंपरा के अनुसार लक्ष्मी जी चंचला हैं, कभी भी कृपा बरसा देती हैं। लेकिन कुबेर संसार की समस्त संपदा के रक्षक हैं। उनकी अनिच्छा होते ही धन-संपदा अपना स्थान बदल लेती है। समस्त धन के संरक्षक कुबेर की मर्जी न हो तो लक्ष्मी चली जाती हैं। दीपावली पर बहीखाता पूजन के साथ कुबेर पूजन, तुला पूजन तथा दीपमाला पूजन का भी रिवाज है। महाराज कुबेर के कुछ मंत्र:
आह्वान मंत्र: आवाहयामि देव त्वामिहायाहि कृपां कुरु। कोशं वर्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर।।
कुबेर मंत्र: ॐ कुबेराय नम:
कुबेर मंत्र: धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।
अष्टाक्षर कुबेर मंत्र: ॐ वैश्रवणाय स्वाहा।
षोडशाक्षर कुबेर मंत्र: ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:
पंच्चात्रिशदक्षर कुबेर मंत्र - ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।


और हाँ, भारतीय रिज़र्व बैंक के आगे कुबेर की नहीं, यक्ष और यक्षी/यक्षिणी की मूर्ति है। और हँसता हुआ चीनी लाफिंग बुद्धा भी बुद्ध नहीं बल्कि शायद एक यक्ष है। और हाँ, बाबा शोभन सरकार को शायद कुबेर पूजन की ज़रूरत है।
तमसो मा ज्योतिर्गमय
दीपावली की शुभकामनायें। आपका जीवन ज्योतिर्मय हो!

दिग्दर्शक मिलता नहीं खुद राह गढ़ने चल पड़े
सूरज नहीं चंदा नहीं कुछ दीप मिलकर जल पड़े

Thursday, November 4, 2010

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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साल की सबसे अंधेरी रात में*
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी

एक चंदा का ही तो अवकाश है 
आकाश में तारों का भी तो वास है 
और जगमग दीप हम रख दें कई

बन्द कर खाते बुरी बातों के हम
भूल कर के घाव उन घातों के हम
समझें सभी तकरार को बीती हुई

कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगड़े सभी
प्रेम की गढ़ लें इमारत इक नई

(* कार्तिक अमावस्या)

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चित्र एवं कविता: अनुराग शर्मा 
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सम्बन्धित कड़ियाँ
* शुभ दीपावली - बहुत बधाई और एक प्रश्न
* हमारे पर्व और त्योहार

Friday, December 11, 2009

हनूका पर्व [इस्पात नगरी से - २०]

 भारत की तरह ही अमेरिका भी पारिवारिक और लोकतांत्रिक मूल्यों वाला और विविध संस्कृतियों की स्वतन्त्रता का सम्मान करने वाला देश है. सच पूछिए तो मुझे इन दोनों देशों के चरित्र में समानताएं अधिक दिखती हैं और अंतर न्यून. जिस प्रकार भारत में बहुत से धर्म, त्यौहार और उल्लास चहुँ और दिखता है वैसा ही यहाँ भी. प्रेतों के उत्सव हेलोवीन और धन्यवाद दिवस का ज़िक्र मैंने अपनी पिछली पोस्टों में किया था. यह समय क्रिसमस और नव-वर्ष का है. क्रिसमस के साथ ही दो अन्य प्रमुख पर्व इसी समय मनाये जाते हैं. क्वांज़ा नाम का त्यौहार मूलतः अफ्रीकी मूल के समुदाय द्वारा मनाया जाता है, जबकि हनूका या हनुक्कः का पर्व एक यहूदी परम्परा है.

दीवाली की तरह ही हनूका भी एक ज्योति पर्व है जो आठ दिन तक चलता है. इस साल यह ग्यारह दिसंबर, यानी आज से शुरू हो रहा है और विश्व भर में लगभग डेढ़ करोड़ यहूदियों द्वारा मनाया जाएगा. हिब्रू के शब्द हनुका का अर्थ है समर्पण. इसमें मनोरा नाम के आठ बत्तियों के चिराग को जलाकर प्रकाश फैलाया जाता है.

इन्हें भी पढ़ें:
लोक संगीत का आनंद लीजिये:  एक अलग सा राजस्थानी लोकगीत
गिरिजेश की प्रेरणा से लिखी यह उलटबांसी पढ़िए: भय - एक कविता



मासचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में वर्षांत पर्व-काल का एक पोस्टर
[चित्र सौजन्य: अनुराग शर्मा. Hanukkah poster. Photo by Anurag Sharma]


Friday, October 16, 2009

तमसो मा ज्योतिर्गमय [इस्पात नगरी से - १८]

अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास व्हाइट हाउस में कल एक ऐतिहासिक घटना हुई। बराक ओबामा ने भारतीय और एशियाई मूल के लोगों के बीच एक दिया जलाकर राष्ट्रपति निवास के पूर्वी कक्ष में ज्योति-उत्सव दीवाली मनायी। साथ ही उन्होंने अन्धकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय के प्रतीक दीपावली के लिए हिंदू, सिख, जैन एवं बौद्ध समुदाय के लोगों एवं अन्य सभी को सभी को विशेष रूप से बधाई दी।

कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन में आधिकारिक रूप से दीवाली मनाने वाले वे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं मगर मुझे याद पड़ रहा है कि बुश परिवार ने भी हर साल दीवाली मनाई थी और उसकी शुभकामनाएं दी थीं भले ही वह समारोह आम रूटीन की तरह रहे हों।

इस अवसर पर शिव विष्णु मन्दिर के पुजारी नारायण आचार्य दिगालाकोटे ने शान्ति वचन कहे और पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय के भारतीय छात्रों के अ-कापेला (a cappella = वाद्य यंत्रों के बिना मुँह से उनकी आवाज़ बनाने वाले) दल "पेन मसाला" ने एक गीत भी प्रस्तुत किया। आइये देखते हैं समारोह की एक झलकी यूट्यूब पर व्हाइट हाउस के सौजन्य से:


Happy Diwali! आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं!
तमसो मा ज्योतिर्गमय...