भारत की तरह ही अमेरिका भी पारिवारिक और लोकतांत्रिक मूल्यों वाला और विविध संस्कृतियों की स्वतन्त्रता का सम्मान करने वाला देश है. सच पूछिए तो मुझे इन दोनों देशों के चरित्र में समानताएं अधिक दिखती हैं और अंतर न्यून. जिस प्रकार भारत में बहुत से धर्म, त्यौहार और उल्लास चहुँ और दिखता है वैसा ही यहाँ भी. प्रेतों के उत्सव हेलोवीन और धन्यवाद दिवस का ज़िक्र मैंने अपनी पिछली पोस्टों में किया था. यह समय क्रिसमस और नव-वर्ष का है. क्रिसमस के साथ ही दो अन्य प्रमुख पर्व इसी समय मनाये जाते हैं. क्वांज़ा नाम का त्यौहार मूलतः अफ्रीकी मूल के समुदाय द्वारा मनाया जाता है, जबकि हनूका या हनुक्कः का पर्व एक यहूदी परम्परा है.
दीवाली की तरह ही हनूका भी एक ज्योति पर्व है जो आठ दिन तक चलता है. इस साल यह ग्यारह दिसंबर, यानी आज से शुरू हो रहा है और विश्व भर में लगभग डेढ़ करोड़ यहूदियों द्वारा मनाया जाएगा. हिब्रू के शब्द हनुका का अर्थ है समर्पण. इसमें मनोरा नाम के आठ बत्तियों के चिराग को जलाकर प्रकाश फैलाया जाता है.
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[चित्र सौजन्य: अनुराग शर्मा. Hanukkah poster. Photo by Anurag Sharma]