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Sunday, April 3, 2011

अनामी बेनामी गुमनामी ज़रा बच के रहें

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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसे पसन्द नहीं है? ब्लॉगिंग हम सबका पसन्दीदा प्लैटफॉर्म शायद इसीलिये है कि इसमें अपने विचारों को निर्बन्ध प्रस्तुत किया जा सकता है। और जहाँ तक सम्भव है, अधिकांश ब्लॉगर्स इस स्वतंत्रता का पूर्ण लाभ उठा रहे हैं। परंतु जैसी कि कहावत है, अधिकार के साथ ज़िम्मेदारी भी बंधी होती है। हमारे अन्य कर्मों की तरह, हम क्या लिखते हैं इसकी पूरी ज़िम्मेदारी भी हमारी ही रहेगी।

सच तो यह है कि हमारे ब्लॉग की पूरी ज़िम्मेदारी हमारी ही है। मतलब यह कि हमारी पोस्ट्स के अलावा भी जो कुछ भी हमारे ब्लॉग पर लिखा जाता है उसकी ज़िम्मेदारी भी काफी हद तक हमारी ही है।

यदि हमारे ब्लॉग की विषय-वस्तु मर्यादित नहीं है या वयस्क-उन्मुख है तो हमें अपने ब्लॉग का समुचित वर्गीकरण करना चाहिये। ब्लॉग पर दिखने वाले लिंक, विज्ञापन, फ़ॉलोवर आदि के द्वारा भी कुछ लोग गन्दगी छोड सकते हैं अतः इन सबका नियमित अवलोकन और सफ़ाई आवश्यक है। यद्यपि मॉडरेशन से खफा होने वाले ब्लॉगरों की संख्या काफी है परंतु टिप्पणियों और फ़ोलोवर लिस्ट में छोडे गये स्पैम या अमर्यादित विज्ञापनों/कडियों से बचने के लिये मॉडरेशन सर्वश्रेष्ठ साधन है।

कई लोग जो अपने सेवा-नियमों या अन्य कारणों से अपनी असली पहचान छिपाकर ब्लॉगिंग कर रहे हैं उन्हें भी यह बात ध्यान में रखनी चाहिये कि पहचान छिपाने भर से उनकी ज़िम्मेदारी कम नहीं होती। यदि वे लिखने के लिये अनधिकृत हैं तो छद्मनाम होकर भी अनधिकृत ही हैं। साथ ही गलत लिखने का उत्तरदायित्व भी लेखक पर रहेगा ही, नाम असली हो या नक़ली। यह दुनिया आभासी हो सकती है लेकिन याद रहे कि इसकी हर रचना के पीछे एक वास्तविक व्यक्ति छिपा है।

एक और मुद्दा है बेनामी, अनामी, गुमनामी, ऐनोनिमस टिप्पणियों का। बेनामी और छद्मनामी ब्लॉग्स की सामग्री की तरह ही ऐसी टिप्पणियों की सामग्री के लिये भी इसके लेखक ज़िम्मेदार हैं। यदि आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग सभ्यता के साथ कर रहे हैं तब शायद इस बात से कोई अंतर नहीं पडता कि आपका नाम सामने है या नहीं। लेकिन यदि आप कुछ ऊलजलूल आक्षेप लगा रहे हैं, किसी की बेइज़्ज़ती कर रहे हैं, अश्लील भाषा का प्रयोग कर रहे हैं या किसी भी प्रकार से क़ानून का उल्लंघन कर रहे हैं तो अपना नाम छिपाने के बावज़ूद आपके कुकृत्य की पूरी ज़िम्मेदारी आप की ही है। आपकी आज़ादी वहीं समाप्त हो जाती है जहाँ दूसरे व्यक्ति का नाम शुरू होता है। राहज़नी करते समय नक़ाब लगाने से अपराध की गम्भीरता कम नहीं होती है।

हो सकता है कि जीवन में एक बार ऐसा अपराध करने वाला बच भी जाये, मगर आदतन बदमाशी करने वाले सावधान रहें क्योंकि आदमी हों या नारी, उनकी पहचान और पकड कहीं आसान है। 2007 में विस्कॉंसिन के एक अध्यापक की गिरफ्तारी ऐसा ही एक चर्चित उदाहरण है। कई बडी हस्तियों का मानना है कि इंटरनैट पत्रकारिता भी समय के साथ परिपक्व हो रही है और अब समय आ गया है कि असभ्य टीका-टिप्पणियों पर अंकुश लगे। बेनामी हो या नामी, सभ्यता तो किसी भी युग की आवश्यकता है। क्या कहते हैं आप?

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कुछ सम्बन्धित कडियाँ अंग्रेज़ी में
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बेनामी टिप्पणियों पर न्यूयॉर्क टाइम्स का एक आलेख
उत्तरदायित्व अभियान
बेनामी भडास के दिन पूरे

Tuesday, October 12, 2010

कहें खेत की सुनैं खलिहान की

भारत में एक बार किसी ने मेरे एक सहकर्मी से पूछा कि उन्हें कितनी भाषायें आती हैं तो जवाब में हिन्दी, अंग्रेज़ी और पंजाबी के साथ-साथ सीक्वैल, कोबॉल और सी का नाम भी शामिल था। हम सब जानते हैं कि भाषाओं के भी डोमेन होते हैं। भारत में रहते हुए मेरा परिचय कई भाषाओं से हुआ था। अधिकांश को सीखना सरल था। मगर ब्लॉगिंग आरम्भ करने के बाद जिस एक नई भाषा से पाला पड़ा है वह उतनी सरल नहीं है। मतलब यह कि इस भाषा के दांत खाने के और हैं दिखाने के और। सही पकड़ा आपने, यह भाषा है टिप्पणियों की भाषा जिससे हमारा-आपका साबका रोज़ ही पड़ता है। कुछ उदाहरण और उनका मतलब:

टिप्पणी: बहुत अच्छी/उम्दा/सुन्दर प्रस्तुति/अभिव्यक्ति
मतलब: अबे ये क्या लिख मारा है, टिप्पणी करूँ भी तो क्या करूँ?

टिप्पणी: आप हिन्दी की महान/ज़बरदस्त सेवा कर रहे हैं
मतलब: तीस साल इंगलैंड में रहकर भी अंगरेज़ी नहीं सीखा तो सेवा भी हिन्दी में ही करेगा।

टिप्पणी: हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है
मतलब: हमने आपके फिज़ूल लेख की तारीफ की, अब आप भी हमारे फिज़ूल लेख की तारीफ करें।

टिप्पणी: आपकी पोस्ट का ज़िक्र (हमने) आज के ब्लॉग-खर्चा में किया है
मतलब: अब तो फ़टाफ़ट वहाँ आकर एक टिप्पणी का खर्चा कर, कंजूस कहीं के!

टिप्पणी: आपकी पोस्ट (हमने) चिलमची पुरस्कार के लिये चुन ली है
मतलब: अब तो खुशी-खुशी हमारे ब्लॉग का लिंक लगायेगा। बडा होशियार समझता था अपने को।

टिप्पणी: अच्छा लिखा है - अब मेरे ब्लॉग पर एक मरे हुए फ़ूहड चुटकुले के भूत से मिलें
मतलब: सुबह से पचास टिप्पणी बक्सों में यही कट पेस्ट कर चुका हूँ - पाँच तो बेवकूफ बनेंगे ही।

टिप्पणी: सौ टिप्पणियाँ होने की बधाई
मतलब: पिच्यानवे टिप्पणियाँ तो तेरी खुद की ही हैं - बात करता है...

टिप्पणी: टिप्पणी बक्सा फिर से खोलने का धन्यवाद
मतलब: खामख्वाह भाव चढा रहा था, आ गये न होश ठिकाने दो दिन में।

टिप्पणी: वाह वाह
मतलब: आह आह

टिप्पणी: सहमत
मतलब: लिख मत

टिप्पणी: हम देश को सुधार रहे हैं, आप भी साथ में आइये
मतलब: इस सुधार-पार्टी के सर्वे-सर्वा हम ही रहेंगे, भले ही हमने गूगल से उठाकर भारत का जो नक़्शा लगाया है वह भी सिरे से गलत है।

टिप्पणी: टिप्पणियों का मॉडरेशन हटा दीजिये
मतलब: सम्पादक नहीं, पत्रकार नहीं, महिला नहीं, सम्मान समिति वाला भी नहीं फिर भी मॉडरेशन? हम टाइम खोटी क्यों करें?

टिप्पणी: बिल्कुल ठीक कहा आपने
मतलब: आपने क्या कहा यह आपको ही नहीं पता तो हमें कैसे पता चलेगा।

टिप्पणी: बधाई/धन्यवाद/आभार/शुभकामनायें/अभिनन्दन
मतलब: अपने गुट का न होता तो ऐसे बेहूदा आलेख पर नज़र भी नहीं मारता, टिप्पणी तो दूर की बात है।

टिप्पणी: यह परिवर्तन केवल हमारे XYZ-वाद से ही आ सकता है
मतलब: आपमें काफ़ी पोटेंशियल है ठगे जाने का, वहीं रुकें हम सदस्यता फॉर्म भेज रहे हैं।

टिप्पणी: सटीक विश्लेषण
मतलब: अन्धे के आगे रोये, अपने नयना खोये।

टिप्पणी: प्रणाम/नमस्कार/नतमस्तक/दंडवत
मतलब: तुम जैसे से तो दूर की नमस्ते ही अच्छी।

टिप्पणी: -abc- हमारी राज्य/राज/राष्ट्रभाषा है
मतलब: सब कहते हैं तो कुछ न कुछ तो होगी ही, रिस्क ले लेते हैं।

टिप्पणी: हमारे ब्लॉग पर पधारकर हमारा मार्गदर्शन करें
मतलब: मार्गदर्शन माय फ़ुट! आओगे तो हमसे ही कुछ सीखकर जाओगे बच्चू।

टिप्पणी: अच्छा प्रयास/प्रयोग है
मतलब: जनम भर प्रयोग करके भी हम जैसे नहीं हो पाओगे।

टिप्पणी: nice/ice/spice/dice
मतलब: यह तो आपको ही बताना पडेगा।

अभी तो यही कुछ शब्दार्थ याद आये। आप भी कुछ टिप्पणियों के निहितार्थ बताकर हमारा ज्ञानवर्धन कीजिये न!