खतरा |
गूगल की ओर से कोई अधिकारिक स्पष्टीकरण न मिलने के कारण सामान्य मान्यता यही है कि यह किसी हैकर समूह का काम हो सकता है। मुझे ऐसा लगता है कि यह गूगल/ब्लॉगर में चल रही किसी बड़ी सॉफ्टवेयर समस्या का एक पक्ष हो सकता है। जीमेल, ब्लॉगर तथा अनैलेटिक्स आदि में कई नये प्रयोग चल रहे हैं। बज़ को फ़ेज़ ऑउट कर गूगल प्लस में समाहित किया जा रहा है। ऑर्कुट की भी शायद वही गति हो। क्या इन परिवर्तनों के दौरान आयी बड़ी समस्याओं के कारण ऐसा हो रहा है? या फिर किसी गुप्त समूह द्वारा कुछ विशेष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है? पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
जब मैं किसी ब्लॉग पर किसी मित्र की टिप्पणी पर उनके चित्र की जगह एक श्वेत-श्याम त्रिकोण के अन्दर एक विस्मयबोधक चिह्न देखता हूँ तो यह अन्दाज़ लग जाता है कि मित्र का गूगल खाता इस नई महामारी का शिकार हो गया है।
अपने गूगल खातों को सुरक्षित रखने के लिये कृपया अपने खाते में सिक्योरिटी प्रश्न व सेलफ़ोन को लिंकित कर लीजिये ताकि परेशानी की स्थिति में आप अपने खाते पर अपना पुख्ता दावा कर सकें। साथ ही अपना पासवर्ड व सिक्योरिटी प्रश्न के उत्तर जटिल, कठिन और किसी के भी अनुमान से बाहर रखने की चेष्टा कीजिये। हर सत्र के बाद लॉग ऑउट कीजिये। साथ ही अपने ब्रॉउज़र की "पासवर्ड याद रखने" की सुविधा का प्रयोग करने से यथासम्भव बचिये।
ब्लॉग निर्यात का विकल्प डैशबोर्ड में |
इसके साथ एक और समस्या देखने में आ रही है, वह है टिप्पणियों का न दिखना। इस स्थिति में टिप्पणियाँ "स्पैम" के रूप में चिह्नित हो जाती हैं और वहीं पड़ी रहती हैं जब तक कि ब्लॉगर उन्हें "स्पैम नहीं" बताकर प्रकाशित नहीं करते। "कहना पड़ता है" पर आदरणीय प्रबोध जी ने मेरे न आने की बात कही है। जबकि मैं न केवल उनका ब्लॉग नियमित पढ रहा हूँ, बल्कि वहाँ नियमित टिप्पणी भी करता रहा हूँ। कई बार एक ही पोस्ट पर 3-4 बार भी टिप्पणी की पर वे सब स्पैम में चली गयी लगती हैं। वहीं नहीं, कई अन्य ब्लॉग्स पर मेरी टिप्पणियाँ दिखाई नहीं दे रही हैं। इस समस्या का हल काफ़ी आसान है। स्पैम में आयी टिप्पणियों के लिये, ब्लॉगर डैशबोर्ड में अपना ब्लॉग चुनकर टिप्पणी का टैब चुनकर "स्पैम" टैब पर जाइये। जो टिप्पणी स्पैम न हों, उन्हें चुनकर "स्पैम नहीं" करके प्रकाशित कर दीजिये। दूसरा तरीका टिप्पणियों का मॉडरेशन ईमेल द्वारा करना है। ईमेल में पढकर आप अ-स्पैम टिप्पणियों को पढकर "प्रकाशित करें" लिंक क्लिक करके उन्हें क्रमशः प्रकाशित कर सकते हैं।
आप सभी को शुभकामनायें। शायद यह साधारण सी टिप्स आपके काम आ सकें, इसी आशा के साथ, आपका मित्र,
अनुराग शर्मा।
ब्लाग गायब होने पर यूं लगता है जैसे कोई रिटायर होकर खाली हो गया हो :)
ReplyDeleteकुछ ब्लौगों पर मेरी टिप्पणियां इस समस्या की भेंट चढ़ गयीं है. इतना ही नहीं, एकाएक मेरे लैपटॉप पर मेरा ही वर्डप्रेस ब्लौग खुलना बंद हो गया. मैंने सभी ब्राउज़र्स पर यह समस्या देखी. मेरे इंटरनेट सेवा प्रदाता के अतिरिक्त किसी पर भी यह समस्या नहीं आ रही थी और मेरे कनेक्शन पर बाकी सब ठीक चल रहा था. इस समस्या का समाधान मुझे रवि रतलामी जी की एक पुरानी पोस्ट में मिला जिसमें DNS सर्वर का पता बदलने पर समस्या का समाधान हो गया.
ReplyDeleteजो भी हो, आजकल कुछ दिक्कतें आ रहीं हैं. स्पैम की भरमार हो चली है. सावधानी बनाए रखना ज़रूरी है. मैंने ब्लौग का नियमित बैकअप लेने लगा हूँ. मेल अकाउन्ट्स की सैटिंग को समय-समय पर चैक करते रखना भी ज़रूरी है.
क्या मुफ्त ईमेल खाते की तुलना में वार्षिक शुल्क आधारित ईमेल खाते सुरक्षित होते हैं? ऐसी सुविधाएँ किस कंपनी की सर्वोत्तम हैं?
मुझे भी ऐसा लगता है कि यह गूगल/ब्लॉगर में चल रही किसी बड़ी सॉफ्टवेयर में फेरबदल के ही कारण है।
ReplyDeleteबढ़िया टिप्स हैं ....पर हम जैसे ब्लॉग्गिंग के आवारा मुफ्त-ए-माल दिले बेरहम पर ही कायम रहने की अभी तक सोच बनाए हुए हैं ...... पता नहीं क्यूं पर रुपैये-पैसे जाने की सोचते ही एक सदमे की सी अवस्था में पहुँच जाते हैं .....:-)
ब्लॉग गायब होना तो जोर का झटका जोर से लगने जैसा है ।
ReplyDeleteब्लोग्स में लोगों की बहुत मेहनत छिपी है ।
इसका बचा रहना बहुत ज़रूरी है।
पता नहीं, यह हिन्दी वाले ब्लॉग्स के साथ ही हो रहा है या सामान्य समस्या है?
ReplyDelete@निशांत,
ReplyDeleteDNS सर्वर की समस्या पहले भी देखी गयी है। लेकिन ब्लॉग/ईमेल ग़ायब होने की समस्या वास्तविक है क्योंकि ऐसा लगता है कि वे सचमुच हटा दिये जाते हैं और इस प्रकार ब्लॉग स्वामी या किसी भी पाठक की पहुँच से दूर हो जाते हैं। इसी प्रकार टिप्पणियाँ ब्लॉग पर दिखने के बाद भी ग़ायब हुई हैं। हो सकता है कि गूगल कोई नया स्पैम फ़िल्टर कार्यक्रम जाँच रहा हो।
शुल्क वाले खाते सुरक्षित होने की सम्भावना अधिक है क्योंकि पैसा देनेपर कुछ सेवायें जुड़ जाती हैं और ग्राहक-सुविधा की मांग भी जायज़ हो जाती है। मैंकोई भी पेड सेवा प्रयोग नहीं करता इसलिये कोई सलाह नहीं दे सकता लेकिन आशा है कि अन्य साथी सही सलाह दे सकेंगे।
@पाण्डेय जी,
ReplyDeleteयह समस्या - भारत व हिन्दी से आगे - विश्वव्यापी है। गूगल की सपोर्ट साइट के अनुसार उनका स्पैम रोबोट स्पैम करने वाले ब्लॉग्स के साथ कुछ सही ब्लॉग्स (फ़ाल्स पॉज़िटिव) भी हटा दे रहा है। एक सम्भावना यह है कि उन्होने हिन्दी ब्लॉग्स की तरफ़ ध्यान देना अब शुरू किया हो क्योंकि कुछ दिन पहले तक हिन्दी में स्पैम की समस्या काफ़ी कम थी।
हमने तो जैसे ही अरविन्द जी का ब्लॉग पढ़ा वैसे ही हमारा गूगल एकाऊँट बंद हो गया था, और फ़िर पता चला कि जो जो उनका ब्लॉग पढ़ रहा था, उन सबके गूगल एकाऊँट बंद हो चुके हैं, खैर अब सब ठीक है। इसलिये वापिस चिठ्ठाकारी शुरू ।
ReplyDeleteमहत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आभार.
ReplyDelete@अनुराग जी महत्वपूर्ण जानकारियों से साझा करने के लिए धन्यवाद ,
ReplyDelete@विवेक जी,
मेरे ब्लॉग पर ट्रैफिक कम करने का षड्यंत्र है यह :)ऐसी कोई बात नहीं है !
कई टिप्पणियां इमेल पर तो नजर आ रही है , लेकिन ब्लॉग पर नहीं , हमारी सकारत्मक सोच ने तो इसका भी लाभ ले लिया !
ReplyDeleteगूगल बाबा भी अपनी लीला दिखाते रहते हैं! फेसबुक ने भी बिना बताये सिक्युरिटी डिसेबल कर दी है , कृपया सभी खाताधारी चेक कर लें !
लगता है यह गूगल बाबा का सोचा-समझा आक्रमण है,फिर भी हम सभी को इसके वैकल्पिक प्रयास शुरू कर देने चाहिए !
ReplyDelete@लगता है यह गूगल बाबा का सोचा-समझा आक्रमण है
ReplyDeleteसंतोष जी, यह सोचा-समझा आक्रमण नहीं बल्कि स्वचालित स्पैम फ़िल्टर का कमाल लगता है।
यह घटना एक संकेत के रूप में स्वीकार की जानी चाहिये।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट और सभी टिप्पणियों से अच्छी जानकारी मिल रही है..... कुछ समस्या मेरे ब्लॉग पर आई थी ...फिलहाल सब ठीक है....
ReplyDeleteध्यान देने योग्य बातें ....उत्तम सलाह ....!
ReplyDeleteछाई चर्चामंच पर, प्रस्तुति यह उत्कृष्ट |
ReplyDeleteसोमवार को बाचिये, पलटे आकर पृष्ट ||
charchamanch.blogspot.com
बढ़िया जानकारी है जी,हम जैसे तकनीकी रूप से नालायक लोगों के लिएआपने काम की बातें बतायी।वैसे टिप्पणियों के मामले में हमारा ब्लॉग Below Poverty Line (गरीबी रेखा के नीचे) है,स्पैम में खूब ढूंडा पर कोई टिपण्णी नहीं मिली।वैश्विक महामंदी
ReplyDeleteका साइड इफ्फेक्ट है जी।
’कहना पड़ता है’ पर आपकी तरफ़ से स्पष्टीकरण दिया था, बाद में देखा मेरी टिप्पणी भी गायब है:)
ReplyDeleteअली जी, पंचम जी, दीपक बाबा और कई जगह पर ये हो चुका है, जिन्होंने स्पैम में चैक कर लिया उन्हें उनकी अमानत मिल गई।
सिक्योरिटी क्वेश्चन भर चुके हैं, लेकिन हैकिंग और चैकिंग की ये कवायद चलती रहेगी।
भारतीय रेल ने बहुत पहले से गाड़ियों में लिखवा रखा है - ’सवारी अपने सामान की स्वयं जिम्मेदार है।’ - ये मूल मंत्र सब जगह लागू है।
अनुराग जी, साल में एक बार इस तरह का दौरा पडता ही रहता है... पिछले साल मैं और कई एनी लोग भी परेशान रहे डेढ़-दो दिन.. बाद में सब सामान्य हो गया..!
ReplyDeleteअच्छी जानकारी ......काफी कुछ सिखाने को मिला......
ReplyDeleteकुछ पहले ही आपने ये पोस्ट लिखी होती तो मेरा भला हो जाता...
ReplyDeleteकई जगह टिप्पणियाँ गायब होने की शिकायत देखकर मैने अपना ब्लॉग चेक किया और पाया कि कई कमेन्ट स्पैम में पड़े हैं....कुछ टिप्पणियाँ काफी पहले की पोस्ट पर की गयी थीं...और उन महाशय ने अब मेरी पोस्ट पर कमेन्ट करना ही छोड़ दिया..शायद सोचा हो..मैं उनके कमेंट्स मॉडरेट कर देती हूँ...:)
बहुत ही उपयोगी जानकारी
यह तो आपने बड़े काम की जानकारी दी है।
ReplyDeleteकुछ तो अभी भी मेरी समझ में नहीं आया। जैसे बैक अप।
ReplyDelete@कुछ तो अभी भी मेरी समझ में नहीं आया। जैसे बैक अप।
ReplyDeleteदेवेन्द्र जी,
यह विकल्प ब्लॉगर डैशबोर्ड में "सैटिंग्स" नामक टैब के अंतर्गत "बेसिक/मूलभूत" में "एक्सपोर्ट/निर्यात" लिंक के अंतर्गत उपलब्ध है। मैंने यह जानकारी इस प्रविष्टि में जोड़ दी है, साथ ही डैशबोर्ड का चित्र भी लगा दिया है। पूछने के लिये आभार!
बढ़िया पोस्ट है काफी अच्छे टिप मिले हैं ....
ReplyDeleteआभार आपका !
अपने ब्लॉग का बैकअप तो कुछ समय पहले हमने लिया था, लेकिन डॉ. अरविन्द मिश्र के साठ घटित हादसे के बाद एक बार फिर ले लिया. फिर पाबला जी के लेख के अनुसार उसे दो ई मेल खातों से भी जोड़ दिया. आजकल ब्लॉग लिखना-पढ़ना कम ही हो रहा है, लेकिन फिर भी सतर्क हूँ. आपलोगों का बहुत ही धन्यवाद जो समय-समय पर ऐसी जानकारी उपलब्ध कराते रहते हैं.
ReplyDeleteअच्छी टिप्स दी हैं आपने ... मैं भी इस समस्या से कुछ समय से जूझ रहा हूँ और स्पैम में जा गर टिप्पणियों को वापस ला रहा हूँ ...
ReplyDeleteजो भी हो ..पर जान सी निकल जाती है.
ReplyDeleteजानकारी देने के लिए आभार ....
ReplyDelete’सवारी अपने सामान की स्वयं जिम्मेदार है।’ - ये मूल मंत्र सब जगह लागू है। सजय भाई से सहमत
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी है आपने.
ReplyDeleteकुछ ब्लॉग खुल ही नही रहे है.
शिल्पा जी के भी ब्लॉग में भी ऐसा ही है क्या?
काफी खतरनाक है ये घटनाक्रम ।
ReplyDeleteमैं तो काफी चिंतित हूँ । सोचा था येनकेनप्रकारेण कुछ येन कमा कर भारत जाऊँगा और पूर्णकालिक ब्लॉगर बन जाऊँगा लेकिन ये तो मामला ही गंभीर है । मेरे दिवास्वपन पर कुठाराघात है । मैं तो तकनीकी मामलों में बिल्कुल उल्लू हूँ इसलिए सदैव आपके सहयोग की कामना रहेगी ।
जी राकेश भैया - ऐसा ही मेरे ब्लॉग पर हुआ है | परन्तु एक बार लौट आने के बाद जब दोबारा चला गया - तो लौट नहीं रहा है | मेल आई डी भी चली गयी है | और अभी दिसम्बर तक बहुत बिजी हूँ, एक कांफ्रेंस भी है और एग्जाम भी - तो अब जनवरी में ही नए सिरे से शुरुआत करूंगी | पूछने के लिए धन्यवाद | :)
ReplyDeleteऔर एक बात स्पष्ट कर दूं यहीं पर - कि मैं और किसी भी जगह बेनामी टिपण्णी नहीं करूंगी - यहाँ इसलिए कर रही हूँ कि अनुराग जी ने मोडरेशन रखा है | तो यहाँ सेफ्टी मार्जिन अधिक है | :) | यह इसलिए कह रही हूँ की कोई और {विशेष जन} मेरे नाम से यहाँ वहां बेनामी टिपण्णी न करने लगें | :) |
अपने सभी शुभाकांक्षियों से यह कह रही हूँ की मैं जनवरी से वापस लिखने वाली हूँ - कहीं नहीं जा रही हूँ | कृपया चिंतित न हों | :) | मैं तनिक भी चिंतित नहीं हूँ | नाम ही "रेत के महल" था - तो लहर आई - बह गया | :) | रेत शाश्वत है - अब भी है | महल तो फिर बन जायेंगे - उनका क्या है ? :) |
@ Rakesh bhaiya - But now I do understand a bit how Karna must have felt when the wheel of his "Ratha" got stuck in the ground right in the middle of his decisive "Yudhha" with Arjun !! because I too was in the middle of a very important charcha when google baba decided to hold me up !!! But no problem, I will be back ..... :)
ReplyDelete:)
Useful Information.Thanks :)
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