(19 जुलाई 1827 --- 8 अप्रैल 1857)
जिस ईस्ट इंडिया कम्पनी का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था, वह हमेशा के लिये डूब गया. सिर्फ एक सिपाही ने गोली चलाने का साहस किया और यह असम्भव घटना इतिहास में दर्ज़ हो गयी. उसी सिपाही की गोली का एक साइड इफ़ेक्ट यह भी हुआ कि विश्व के सबसे धनी मुगल साम्राज्य का भी खात्मा हो गया. एक सिपाही का साहस ऐसे दो बडे राजवंशों का काल सिद्ध हुआ जिनका डंका कभी विश्व के अधिकांश भाग में बजता था.
इतिहास भी कैसी-कैसी अजब करवटें लेता है – क्या इत्तफाक़ है कि 1857 की क्रांति को भडकाने वाली एनफील्ड राइफल के लिये पशु-वसा में लिपटी उस गोली को बनाने वाली एनफील्ड कम्पनी इंग्लैंड में अपनी दुकान कबकी समेट चुकी है परंतु भारत में अभी भी गोली (बुलेट मोटरसाइकिल) बना रही है.
1857 के स्वाधीनता संग्राम की पहली गोली चलाने वाले अमर शहीद मंगल पांडे के जन्म दिन पर नमन! मृत्युदंड के समय वे 29 वर्ष के थे.
मंगल पाण्डेय की भूमिका में आमिर खान |
[सभी चित्र इंटरनैट से साभार]
============
सम्बन्धित कडियाँश्रद्धांजलि - १०१ साल पहले
सेनानी कवयित्री की पुण्यतिथि
प्रेरणादायक जीवन चरित्र
नमन ...!
ReplyDeleteहमारा भी नमन, शहीद मंगल पांडे और उन सभी वीरों को जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए जान लुटा दी।
ReplyDeleteआपका आभार जो हमें भी मौका दिया इन्हें उनके जन्म दिन पर याद करने का,नहीं तो हमें तो अपना, अपने बच्चों का. फ़िल्मी सितारों का और गांधी, नेहरू के जन्मदिन ही याद रहते हैं।
...जय हिन्द!!!
ReplyDeleteशहीद मंगल पाण्डेय को साष्टांग प्रणाम !
ReplyDeleteआपको धन्यवाद जो आपने हमारा ध्यान इस और आकृष्ट किये ...
बढ़िया जानकारी!
ReplyDelete--
अब तो जागो भारतवालों!
नमन ! एनफील्ड वाली बात तो पहली बार पता चली.
ReplyDeleteअमर शहीद मंगल पांडे के जन्म दिन पर नमन!
ReplyDeleteगुलाम बनाने की लालसा और आज़ादी की छटपटाहट के खेल में इंसानों के अलावा कोई दूसरे पात्र कहां है ?
ReplyDeleteशहीदों के लिए श्रद्धा सुमन !
स्वतन्त्रता की प्रथमाग्नि को नमन।
ReplyDelete1947 की आजादी की नींव 1857 की क्रातिवीरों ने ही डाली थी हम सब उनके आभारी है और सदैव उन्हें वन्दन करते हैं।
ReplyDeleteअमर शहीद मंगल पांडे के जन्म दिन पर नमन!
ReplyDeleteआपका आभार जो हमें भी मौका दिया इन्हें उनके जन्म दिन पर याद करने का,
.
ReplyDeleteशहीदों की चिताओं पर, लगेंगे हर बरस मेले।
अमर शहीदों को नमन।
वन्दे मातरम् !
.
अमर शहीद मंगल पांडे के जन्मदिन पर नमन!
ReplyDeleteएनफील्ड कंपनी के बारे में अपने रोचक जानकारी दी. पता नहीं था कि इसी कंपनी ने ही वो बंदूकें बनाई थी जिनके कारण पहला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ था. मेरी समझ से तो इस कंपनी को एतिहासिक विरासत के रूप में सहेजा जाना चाहिए.
ReplyDeleteअमर शहीद मंगल पांडे को नमन
ReplyDeleteनमन और श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteमंगल पाण्डेय का कोई वास्तविक चित्र उपलब्ध नहीं है।
एनफील्ड तो अब लखटकिया 'थंडरबर्ड' भी बनाती है।
कम्पनी का पूरा नाम सम्भवत: रॉयल एनफील्ड था। क्या 'रॉयल' ब्रिटिश क्राउन से जुड़ता है?
गिरिजेश, इस बारे में काफी सारी दन्त कथाएं हैं. कंपनी एनफील्ड में थी और रोयल नाम कंपनी में यूं ही जोड़ लिया गया था. दंतकथाओं के अनुसार यह एनफील्ड राइफल बनाने वाली कंपनी को पुर्जे भी देती थी और उसके अलावा सुइयां, साइकिल के पुर्जे, आदि भी बनाती थी, इतिहास और मिथक काफी लंबा है.
ReplyDelete@मंगल पाण्डेय का कोई वास्तविक चित्र उपलब्ध नहीं है।
ReplyDeleteएक श्वेत-श्याम चित्र प्रचालन में है तो मगर पता नहीं कि कैमरा से है या हाथ से. वैसे उस समय शायद इन दोनों ही तरीकों में कोई ख़ास अंतर नहीं रहा होगा. यह जन्मतिथि भी अनुमान पर आधारित ही लगती है.
क्या इत्तफाक़ है कि 1857 की क्रांति को भडकाने वाली एनफील्ड राइफल के लिये पशु-वसा में लिपटी उस गोली को बनाने वाली एनफील्ड कम्पनी इंग्लैंड में अपनी दुकान कबकी समेट चुकी है परंतु भारत में अभी भी गोली (बुलेट मोटरसाइकिल) बना रही है.
ReplyDelete......यह हम सब के लिये शर्म की बात है, मेरा बस चले तो इन अग्रेजो की सभी निशानियां भारत से हटा दुं
इस विषय पर आपका हमकदम बनना अच्छा लग रहा है। शुक्रिया।
ReplyDeleteस्वंत्रता के जनक मंगल पांडेय को शत शत नमन !
ReplyDeleteशहीद मंगल पांडे पर अत्यंत तथ्यपरक एवं सारगर्भित लेख के लिये बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteअमर शहीद मंगल पाण्डे जी का कोटि-कोटि नमन ...
ReplyDeleteहमारा भी नमन, शहीद मंगल पांडे और उन सभी वीरों को जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए जान लुटा दी।
ReplyDeleteआपका आभार जो हमें भी मौका दिया इन्हें उनके जन्म दिन पर याद करने का,नहीं तो हमें तो अपना, अपने बच्चों का. फ़िल्मी सितारों का और गांधी, नेहरू के जन्मदिन ही याद रहते हैं।
bare bhai muaf karenge....tippani udhar li hai......
@anurag chachha....hamare blog pe ye link mila kaise...pata nahi...
bahut achha laga....ek baar blog pe
jakar dekh len....sayas hai ya anayas.....
pranam.
महापुरुष को सादर प्रणाम ||
ReplyDelete