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Thursday, June 16, 2011

वन्दे मातरम् - पितृ दिवस - जून प्रसन्न

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वर्ष का सूर्यप्रिय मास जून फिर आ गया। और साथ में लाया बहुत से विचार - जननी, जन्मभूमि के बारे में भी और पितृदेव के बारे में भी। रामायण के अनुसार, रावण का अंतिम संस्कार करने के बाद जब विभीषण ने राम को लंका का राजा बनाने का प्रस्ताव रखा था तब उन्होंने विनम्रतापूर्वक मना करते हुए अनुज लक्ष्मण से कहा था:

अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

सत्पुरुष सोने की लंका से निर्लिप्त रहते हुए मातृशक्ति और मातृभूमि के चरणों में ही रहना चाहते हैं। 17 जून 1858 को ऐसी ही "मर्दानी" वीरांगना मातृशक्ति ने मातृभूमि के लिये आत्माहुति दी थी। इस पावन अवसर पर रानी लक्ष्मीबाई को एक बार फिर नमन।

जहाँ मातृभूमि पर सब कुछ न्योछावर करने वाले भारतीय हैं वहीं सत्ता के दम्भी भी कम नहीं हुए हैं। चाहे गंगा में खनन रोकने के अनशन की बात पर बाबा निगमानन्द की मृत्यु हो चाहे फोर्ब्सगंज (अररिया) बिहार में गोलीबारी से अधमरे होकर धराशायी व्यक्तियों को पुलिस द्वारा पददलित किया जाना हो, सत्तारूढों की क्रूर दानवता सामने आयी है। बाबा रामदेव के भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन के समर्थन में अनशन पर बैठे जन-समुदाय पर चार जून की अर्धरात्रि में दिल्ली के रामलीला मैदान में सोते समय जिस तरह की कायर और क्रूर पुलिस कार्यवाही की गयी उसने एक बार फिर यह याद दिलाया कि देश का राजनैतिक नेतृत्व किस तरह से लोकतंत्र को कांख में दबाकर बैठा है।

जनतंत्र पर जून की काली छाया की बात करते समय याद आया कि 26 जून 1975 को भारत में आपात्काल की घोषणा हुई थी। 23 जून 1985 को बब्बर खालसा के आतंकवादियों ने एयर इंडिया के मॉंट्रीयल से दिल्ली आ रहे कनिष्क बोइंग 747 विमान को बम विस्फोट से उडा दिया था। 329 हत्याओं के साथ यह 9-11 के पहले की सबसे घृणित आतंकवादी कार्यवाही कही गयी थीं। 2009 में इसी मास चीन की कम्युनिस्ट सरकार और सेना द्वारा जनतंत्र/डेमोक्रेसी/मानवाधिकार की मांग करने वाले हज़ारों नागरिकों के दमन की याद भी ताज़ा हो गयी है। दिल दुखता है लेकिन याद रहे कि आखिर में हर कालिमा छंटी है, जून 2011 को दिखी यह कालिमा भी शीघ्र छंटेगी।

जून आया है तो ईसा मसीह का जन्मदिन भी लाया है। खगोलशास्त्रियों की मानें तो क्रिस्मस भी जून में ही मने। ईसा मसीह का जन्मदिन 17 जून, 2 ईसा पूर्व को जो हुआ था।

2008 में इसी मास को भीष्म देसाई जी की पहल पर आचार्य विनोबा भावे का गीता प्रवचन हिन्दी में पढना शुरू किया था जोकि 2009 को इसी मास में अपने ऑडियो रूप में पूरा हुआ।

संयोग से इसी मास संगणक की महारथी कंपनी आईबीएम (IBM) शतायु हो गयी है।

मेरे पिताजी की एक सुबह
इस 19 जून को 101वाँ पितृ दिवस है। उन सभी पुरुषों को बधाई जिन्हें पितृत्व का सुख प्राप्त हुआ है। 19 जून को ही पडने जाने वाला पर्व जूनटींथ मानव-मानव की समानता का विश्वास दिलाता है। पढने में आया है कि मेरे प्रिय नायकों पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल (11 जून 1897), आंग सान सू ची (19 जून), इब्न ए इंशा (15 जून), बाबा नागार्जुन (30 जून), पॉल मैककॉर्टनी (18 जून) और ब्लेज़ पास्कल (19 जून) के जन्म दिन का शुभ अवसर भी है। मैं प्रसन्न क्यों न होऊँ?

मातृ देवो भवः, पितृ देवो भवः, आचार्य देवो भवः, अतिथि देवो भवः, ...
पितृदिवस की शुभकामनायें!


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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* जून का आगमन
* ४ जून - सर्वहारा और हत्यारे तानाशाह
* खूब लड़ी मर्दानी...
* 1857 की मनु - झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
* जन्म दिवस की शुभकामनाएं
* १९ जून, दास प्रथा और कार्ल मार्क्स
* तिआनमान चौक, बाबा नागार्जुन और हिंदी फिल्में
* अण्डा - बाबा नागार्जुन
* दो कलाकारों का जन्म दिन - नीलम अंशु
* फोटो फीचर-बाबा नागार्जुन (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

Sunday, October 3, 2010

तुम जीयो हज़ारों साल

बहुत खास दिन है आज - खस्ता शेर वाले अतुल शर्मा का जन्म दिन


जन्म दिन शुभ हो अतुल!

प्रगति करो खुश रहो और खुशियाँ बांटो!

Saturday, June 19, 2010

जन्म दिवस की शुभ कामनाएँ





19 जून - इन सब का अपना विशेष दिन - शुभ कामनाएँ

पितृ दिवस की शुभकामना
एँ

(इस पोस्ट के सभी चित्र - इंटरनेट से उठाईगीरीकृत)