चित्र अंतर्जाल अभिलेख से साभार |
मद्रास उच्च न्यायालय के सफल वकील डॉ0 स्वामिनाथन के घर खुशियाँ मनाई जा रही थीं। 24 अक्तूबर 1914 को उनके घर लक्ष्मी सी बेटी का जन्म हुआ था जिसका नाम उन्होने लक्ष्मी ही रखा, लक्ष्मी स्वामिनाथन। लक्ष्मी की माँ अम्मुकुट्टी एक समाज सेविका और स्वाधीनता सेनानी थीं। लक्ष्मी पढाई में कुशल थीं। सन 1930 में पिता के देहावसान का साहसपूर्वक सामना करते हुए 1932 में लक्ष्मी ने विज्ञान में स्नातक परीक्षा पास की। 1938 में उन्होने मद्रास मेडिकल स्कूल से ऐमबीबीएस किया और 1939 में जच्चा-बच्चा रोग विशेषज्ञ बनीं। कुछ दिन भारत में काम करके 1940 में वे सिंगापुर चली गयीं।
सिंगापुर में उन्होने न केवल भारत से आये आप्रवासी मज़दूरों के लिये निशुल्क चिकित्सालय खोला बल्कि भारत स्वतंत्रता संघ की सक्रिय सदस्या भी बनीं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में जब अंग्रेज़ों ने सिंगापुर को जापानियों को समर्पित कर दिया तब लक्ष्मी जी ने आहत युद्धबन्दियों के लिये काफी काम किया। उसी समय ब्रिटिश सेना के बहुत से भारतीय सैनिकों के मन में अपने देश की स्वतंत्रता के लिये काम करने का विचार उठ रहा था।
दो जुलाई 1943 का दिन ऐतिहासिक था जब सिंगापुर की धरती पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने कदम रखे। उनकी सभाओं और भाषणों के बीच आज़ाद हिन्द फौज़ की पहली महिला रेजिमेंट के विचार ने मूर्तरूप लिया जिसका नाम वीर रानी लक्ष्मीबाई के सम्मान में झांसी की रानी रेजिमेंट रखा गया। 22 अक्तूबर 1943 को डॉ0 लक्ष्मी स्वामिनाथन झांसी की रानी रेजिमेंट में कैप्टेन पद की सैनिक अधिकारी बन गयीं। बाद में उन्हें कर्नल का पद मिला तो वे एशिया की पहली महिला कर्नल बनीं। बाद में वे आज़ाद हिन्द सरकार के महिला संगठन की संचालिका भी बनीं।
विश्वयुद्ध के मोर्चों पर जापान की पराजय के बाद सिंगापुर में पकडे गये आज़ाद हिन्द सैनिकों में कर्नल डॉ लक्ष्मी स्वामिनाथन भी थीं। चार जुलाई 1946 में भारत लाये जाने के बाद उन्हें बरी कर दिया गया। नेताजी के दायें हाथ मेजर जनरल शाहनवाज़ व कर्नल गुरबक्ष सिंह ढिल्लन और कर्नल प्रेमकुमार सहगल पर लाल किले में देशद्रोह आदि के मामलों के मुकदमे चले जिसमें पण्डित नेहरू, भूलाभाई देसाई और कैलाशनाथ काटजू की दलीलों के चलते उन तीनों वीरों को बरी करना पडा।
लाहौर में मार्च १९४७ में कर्नल प्रेमकुमार सहगल से शादी के बाद डॉ0 लक्ष्मी स्वामिनाथन कानपुर में बस गयीं। बाद में वे सक्रिय राजनीति में आयीं और 1971 में मर्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से राज्यसभा की सदस्य बनीं। 1998 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मनित किया गया। 2002 में 88 वर्ष की आयु में उन्होने वामपंथी दलों की ओर से श्री ए पी जे अब्दुल कलाम के विरुद्ध राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लडा था।
चित्र: रिडिफ के सौजन्य से |
[मूल आलेख: अनुराग शर्मा; गुरुवार 28 अक्टूबर 2010; Thursday, October 28, 2010)
अपडेट: 23 जुलाई 2012: आज आज़ाद हिन्द की इस अद्वितीय वीरांगना के देहांत का दुखद समाचार मिला है। कैप्टन डा॰ लक्ष्मी सहगल अब इस संसार में नहीं हैं ... विनम्र श्रद्धांजलि!
जनसत्ता 24 जुलाई 2012 में कैप्टन सहगल के देहावसान का समाचार |
* आजाद भारत की लक्ष्मीबाई..कैप्टन लक्ष्मी सहगल
सम्बन्धित कड़ियाँ
* लक्ष्मी सहगल - विकीपीडिया
* कैप्टन लक्ष्मी सहगल का निधन
वीरांगना परिचय।
ReplyDeleteइस लेख के जरिये डॉ लक्ष्मी सहगल के बारे में कई नयी बातें पता चली ! आभार
ReplyDeleteआपने बहुत ही अनूठी जानकारी दी। कुछ लोग अपने बारे में कुछ भी नहीं बोलते। उनके बारे मे जमाना बोलता है। इस बार यह जमाना आपके जरिए बोला। अच्छा लगा।
ReplyDeleteडॉ लक्ष्मी सहगल के बारे में थोडा बहुत जानते थे पर आपके लेख ने आज वो कमी पूरी कर दी ! धन्यवाद !
ReplyDeleteGr8 post.
ReplyDeleteOh Genes!
:)
डॉ. लक्ष्मी सहगल के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteलक्ष्मी सहगल को प्रणाम, उनके बारे में जितना लिखा जाये कम है...
ReplyDeleteडॉ. लक्ष्मी सहगल के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आभार ।
ReplyDeleteLaxmi sahgal ke baare me batane ke liye dhanyawad...:0
ReplyDeletekabhi hamare blog pe dastak den..:)
ReplyDeleteलक्ष्मी जी जैसी प्रेरणादायी व्यक्तित्व की महिला के विषय में इतनी विस्तृत जानकरी .......
ReplyDeleteसच में बहुत अच्छा लगा....
ाप का धन्यवाद वीरांगना डॉ लक्ष्मी सहगल के बारे मै हम सब को जानकारी देने के लिये
ReplyDeleteआज सुबह सुबह पहला कमेंट ही ’छोटी बातों वाले बड़े ...’ की लेखिका प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्षता और अलाना फ़लाना की जीवंत प्रतीक सुश्री अरुंधति राय के नाम किया था।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार कि ऐसी पोस्ट लिखकर परिमार्जन का मौका दिया।
कर्नल लक्ष्मी स्वामिनाथन सहगल को हमारी तरफ़ से श्रद्धा सुमन।
इस विस्तृत परिचय के लिए आपका बहुत बहुत आभार ...
ReplyDeleteइसमें से २५% तथ्यों से भी मैं अवगत न थी...बड़ा ही अच्छा लगा जानकार ..
लक्ष्मी सहगल की बारे मे विस्त्रत जानकारी के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteलक्ष्मी सहगल की बारे मे विस्त्रत जानकारी के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteतमाम जानकारी परोस दी है आपने लक्ष्मी सहगल जी पर! धन्यवाद...हुज़ूर!
ReplyDeleteकाफी स्मार्ट इंडियन हैं आप...बधाई!
अभी एक-दो दिन पहले KBC में अमिताभ बच्चन जी ने लक्ष्मी सहगल जी पर एक सवाल पूछा था कि-
‘राष्ट्रपति-पद के लिए चुनाव लड़ने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन थीं?’
लक्ष्मी सहगल जी से मिलने का सौभाग्य मिला है मुझे . लेकिन एक भ्रम है मुझे , शायद वो आपने नाम के आगे अभी भी कैप्टन लक्ष्मी सहगल लिखती है . जबकि आपके अनुसार वो कर्नल थी .
ReplyDeleteयूं तो डां. लक्ष्मी सहगल के बारे में काफ़ी कुछ जाना सुना है पर उनके बारे मे अनेक अंजानी बाते इस लेख के जरिये पता चली, बहुत आभरा आपका.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत शानदार प्रविष्टि कहूँगा इसे !
ReplyDeleteashish said...
ReplyDeleteलक्ष्मी सहगल जी से मिलने का सौभाग्य मिला है मुझे . लेकिन एक भ्रम है मुझे , शायद वो आपने नाम के आगे अभी भी कैप्टन लक्ष्मी सहगल लिखती है . जबकि आपके अनुसार वो कर्नल थी.
आशीश जी,
आपकी बात सही है। अखबारों में जहाँ भी उनका नाम पढने में आया वहाँ कैप्टेन ही लिखा देखा है जबकि यह लेख लिखते समय अधिकांश जगह उनका पद कर्नल या ले0 कर्नल का पाया। इस विषय में अधिक जानकारी अपेक्षित है। आपके ध्यानाकर्षण के बाद मैने आलेख में अपेक्षित सुधार कर दिया है।
धन्यवाद!
मेरे रहते हुए मेरे कॉलेज में दो बार बुलाया गया इन्हें. इनसे मिलने का सौभाग्य मुझे भी मिला है.
ReplyDeleteइस वीराँगना को शत शत नमन। धन्यवाद
ReplyDeleteडॉ लक्ष्मी सहगल के बारे में अच्छा लगा जानकार ... इतना कुछ पता ही नहीं था .... आपका आभार है इस पोस्ट के liye ...
ReplyDeleteअभी अभी यह दुखद समाचार मिला है कि कैप्टन डा॰ लक्ष्मी सहगल नहीं रही ... हार्दिक श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteएक और लक्ष्मी देश से विदा हो गई। उनके जीवन के संबंध में रोचक जानकारी देने के लिए हृदय से आभार
ReplyDeleteउन्हें श्रद्धांजलि
ReplyDeletehad heard about her, but not so much details. Thanks.
ReplyDeleteUnhe shraddhanjali
डॉ. लक्ष्मी सहगल के बारे में अभुतपूर्व जानकारी!! हार्दिक श्रद्धांजलि!!
ReplyDeleteडा. लक्ष्मी सहगल को हार्दिक श्रद्धांजलि|
ReplyDeleteप्रेरणादायी व्यक्तित्व की महिला कैप्टन डा॰ लक्ष्मी सहगल अब इस संसार में नहीं हैं ... विनम्र श्रद्धांजलि! .. हार्दिक श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteप्रेरणादायी व्यक्तित्व की महिला कैप्टन डा॰ लक्ष्मी सहगल अब इस संसार में नहीं हैं ... विनम्र श्रद्धांजलि! .. हार्दिक श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteनमन है मेरा डा. लक्ष्मी सहगल को ...
ReplyDeletema tujhe salam!!!!!!
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