श्रावणी पूर्णिमा की बधाई |
राखी रोली आ पहुँचे हैं
याद बहन की आई है।
कैसी हैं क्या करती होंगी
हिय में छवि मुस्कायी है।
है प्रेम छलकता चिट्ठी में
इतराती एक कलाई है।
अक्षत का संदेश स्नेहवत
शुभ-शुभ दिया दिखाई है।
अनुराग भरे अक्षर सारे
शब्दों में भरी मिठाई है॥
शुभकामनाएं राखी पर्व पर। सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (04-08-2020) को "अयोध्या जा पायेंगे तो श्रीरामचरितमानस का पाठ करें" (चर्चा अंक-3783) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्री जी
Deleteअनुराग भरे इस उत्सव पर अक्षत शुभकामनायें !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर
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