Showing posts with label snow. Show all posts
Showing posts with label snow. Show all posts

Monday, February 3, 2014

हिमपातकाले [इस्पात नगरी से 67]

कहाँ से आए बदरा

वीरों के पदचिन्ह
एक अकेला इस शहर में
बादल पे चलके आ
सूरज रे, जलते रहना
आसमां गा रहा है 
सूरज की गर्मी से पिघलकर फिर जमी बर्फ पानी का धोखा देकर वाहनों के लिए घातक सिद्ध होती है   
चम्बे दा गाँव, गाँव में दो प्रेमी रहते हैं 
ये कौन चित्रकार है 
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के 
आज रपट जाएँ तो हमें न उठइयो 
ये वादियाँ, ये फिज़ाएँ बुला रही हैं मुझे 
सीधे सीधे रास्तों को हल्का सा मोड दे दो   
तुम निडर हटो नहीं, तुम निडर डटो वहीं 
वादियाँ मेरा दामन
ये कहाँ आ गए हम 
पत्ता पत्ता बूटा बूटा 
गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है 
नीले गगन के तले
हर तरफ अब यही अफसाने हैं ... 


[सभी चित्र: अनुराग शर्मा :: Photos by Anurag Sharma]

Sunday, December 20, 2009

रजतमय धरती हुई [इस्पात नगरी से - २२]

पिछले हफ्ते से ही तापक्रम शून्य से नीचे चला गया था. रात भर हिमपात होता रहा. कल सुबह जब सोकर उठे तो आसपास सब कुछ रजतमय हो रहा था. बर्फ गिरती है तो सब कुछ अविश्वसनीय रूप से इतना सुन्दर हो जाता है कि शब्दों में व्यक्त करना कठिन है. चांदनी रातों की सुन्दरता तो मानो गूंगे का गुड़ ही हो. शब्दों का चतुर चितेरा नहीं हूँ इसलिए कुछ चित्र रख रहा हूँ. देखिये और आनंद लीजिये:


मेरे आँगन का एक पत्रहीन वृक्ष


घर के सामने का मार्ग


रात में बाहर छूटी कार


हमारे पड़ोस का वाइल्ड वुड नामक पारिवारिक मनोरंजन क्षेत्र


एक करीबी मुख्य मार्ग

[सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा. बड़ा चित्र देखने के लिए चित्र को क्लिक करे.
Winter in Pittsburgh: All photos by Anurag Sharma]