अनुरागी मैन प्रकाशन के इतने दिनों बाद पढ़ने का मौक़ा मिला और पढ़ते हुए एक।अजीब सी अनुभूति हुई, जिसे महसूस कर सकता हूँ,बयान नहीं कर सकता! आजकल पढ़ना रुका हुआ है।
मॉडरेशन की छन्नी में केवल बुरा इरादा अटकेगा। बाकी सब जस का तस! अपवाद की स्थिति में प्रकाशन से पहले टिप्पणीकार से मंत्रणा करने का यथासम्भव प्रयास अवश्य किया जाएगा।
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-08-2019) को "दिया तिरंगा गाड़" (चर्चा अंक- 3423) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
जी नमस्ते, धन्यवाद!
Deleteकहाँ से प्राप्त हो पायेंगी?
ReplyDeleteसभी पुस्तकें एमेज़ोन पर हैं जोशी जी
Deleteजानकारी के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteअनुरागी मैन प्रकाशन के इतने दिनों बाद पढ़ने का मौक़ा मिला और पढ़ते हुए एक।अजीब सी अनुभूति हुई, जिसे महसूस कर सकता हूँ,बयान नहीं कर सकता!
ReplyDeleteआजकल पढ़ना रुका हुआ है।
आभार जानकारी के लिए ...
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