चाँद होगा, ज़मीं की बात करो, हमसे उस महजबीं की बात करो! बात तुमपे ही खत्म होती है, हमसे चाहे कहीं की बात करो! कल ही याद किया आपको, आज आप चाँद की गवाही के साथ हाज़िर हो गए!! बहुत खूबसूरत!!
अतिसुन्दर फोटोग्राफी. मै वृहस्पतिवार को बालाजी मंदिर में गया था ! उस दिन भी आकाश बिलकुल साफ था ! चाँद की कटी तस्वीर अति सुन्दर लग रही थी ! उस दिन भी मेरी इच्छा हुयी थी की तस्वीर लू ! आप की पोस्ट देख कर वह पूरी हो गयी ! आज मै इसे उस प्रभु की अनुकम्पा ही मानता हूँ ! बहुत बधाई !
सुन्दरम ..अतिसुन्दरम .....विलक्षणम........ चाँद मुझे भी बहुत मोहता है भइये .... चाँद पर लिखने और उसके फोटो लेने से आज तक जी नहीं भरा मेरा. पर अनुराग जी ! आपने जो चित्र लिए हैं वैसा तो मेरे पास एक भी नहीं है. इसी में से चुरा लूँ क्या ?
मॉडरेशन की छन्नी में केवल बुरा इरादा अटकेगा। बाकी सब जस का तस! अपवाद की स्थिति में प्रकाशन से पहले टिप्पणीकार से मंत्रणा करने का यथासम्भव प्रयास अवश्य किया जाएगा।
सारे सुधाकर मोहते हैं,पर तीसरे का जोड़ नहीं,
ReplyDeleteबहुत कुछ अर्थ समेटे हुए है,चाँद का तोड़ नहीं !!
सुन्दर चित्र !
sunder chad hai aakhir poonam ka chand hai ....lakin is chand main budhia charkha kaat rahi hai nahi dikhi...jo bachpan main suna thaa...
ReplyDeletejai baba banaras...
मैं तो यहॉं, सोमवार की सुबह, साढे नौ बजे ये चित्र देख रहा हूँ और कल्पना कर रहा हूँ कि गई रात यह सब कितना सुन्दर रहा होगा।
ReplyDeleteतीसरा और चौथा चित्र तो पेण्टिंग का आनन्द भी दे रहे हैं।
एक सूची उपलब्ध कराइए कि आप क्या-क्या नहीं करते हैं।
आह!!! बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteआभार
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ||
चाँद होगा, ज़मीं की बात करो,
ReplyDeleteहमसे उस महजबीं की बात करो!
बात तुमपे ही खत्म होती है,
हमसे चाहे कहीं की बात करो!
कल ही याद किया आपको, आज आप चाँद की गवाही के साथ हाज़िर हो गए!! बहुत खूबसूरत!!
anupam saundary hai chaand ka...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर. अपने यहाँ कहा जाता है की चंदामामा में एक बुढिया सूत कातते हुए दिखती है. तीसरे चित्र में मुझे ग्रेट ब्रिटेन दिखाई दे रहा है.
ReplyDeleteकमाल की छटा है ....
ReplyDeleteआभार आपका !
चाँद ही खूबसूरत था या आपकी फोटोग्राफी !
ReplyDeleteसुन्दर तस्वीरें !
दिक्कत यही है कि इंसान कब समझेगा कि चांद भी हर जगह एक जैसा खूबसूरत है :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर, वाकई आपकी फोटोग्राफी का जवाब नहीं..
ReplyDeletelog kahte hain......ke......pila chand.......hai sabse......hansi
ReplyDeletepranam.
चाँद तो बस चाँद है.. चाहे किसी को महबूबा लगे, किसी को रोटी... मगर यह पागल बना देने को काफी है!! बहुत सुन्दर!!
ReplyDeleteबेहद ख़ूबसूरत चित्र
ReplyDeleteवाह जी बल्ले बल्ले
ReplyDeleteशरद की रात और मनोरम शशि दर्शन!!
ReplyDeleteएक से एक, आह निकल जाय!!
वाह चाँद, खूबसूरत नज़ारे!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
Amazing!!
ReplyDeleteवाह वाह ! अत्यंत सुन्दर चित्रों को देखकर मज़ा आ गया ।
ReplyDeleteऔर याद आ गया कि --चाँद को क्या मालूम , चाहता है उसे कोई चकोर ।
बेहतरीन तस्वीरें ।
जबाब नहीं.....बहुत ही सुंदर .
ReplyDeleteचाँद तिनके की ओट में अधिक खूबसूरत लगता है।
ReplyDeleteखूबसूरत और दिलकश चित्र.
ReplyDeleteआनन्दित हो गया मन.
अतिसुन्दर फोटोग्राफी. मै वृहस्पतिवार को बालाजी मंदिर में गया था ! उस दिन भी आकाश बिलकुल साफ था ! चाँद की कटी तस्वीर अति सुन्दर लग रही थी ! उस दिन भी मेरी इच्छा हुयी थी की तस्वीर लू ! आप की पोस्ट देख कर वह पूरी हो गयी ! आज मै इसे उस प्रभु की अनुकम्पा ही मानता हूँ ! बहुत बधाई !
ReplyDeleteविहंगम चन्द्र परिहास..
ReplyDeleteसुन्दरम ..अतिसुन्दरम .....विलक्षणम........
ReplyDeleteचाँद मुझे भी बहुत मोहता है भइये ....
चाँद पर लिखने और उसके फोटो लेने से आज तक जी नहीं भरा मेरा.
पर अनुराग जी ! आपने जो चित्र लिए हैं वैसा तो मेरे पास एक भी नहीं है. इसी में से चुरा लूँ क्या ?
मैंने भी कल देखा. खुले आसमान में बड़े भले लग रहे थे. अच्छे चित्र हैं.
ReplyDeletebahut khoobsurat...
ReplyDelete4th wali tasveer to ekdam jabardast hai
वाह !..बहुत ही सुन्दर..बेजोड़..!!
ReplyDeletekalamdaan.blogspot.com
वाह ..........मनभावन ....
ReplyDeleteबेजोड खूबसूरती के साथ
बहुत सुन्दर चित्रों का संग्रह | लाजवाब |
ReplyDeleteमेरे भी ब्लॉग में पधारें |
मेरी कविता
Chand ko char chaand laga diye apki paini nazar be ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDelete:) सुन्दर
ReplyDeleteसुन्दर चित्र! इसी बहाने सुबह-सुबह चांद देख लिये आज!
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