पिट्सबर्ग में उत्तरायण की सुबह के कुछ दृश्य और बचपन में जम्मू के लोहड़ी समारोहों में सुना एक गीत, जैसा, जितना याद रहा ...
हुल्ले नी माइ हुल्ले
दो बेरी पत्ता झुल्ले
दो झुल्ल पयीं खजूराँ
खजूराँ सुट्ट्या मेवा
एस मुंडे कर मगेवा
मुंडे दी वोटी निक्कदी
ओ खान्दी चूरी कुटदी
कुट कुट भरया थाल
वोटी बावे ननदना नाल
निन्नाँ ते वड़ी परजायी
ओ कुड़मा दे कर आयी
पिछले वर्ष की लोहड़ी पर मैं भारत में था। लोहड़ी 2011 की शाम कुछ प्यारे-प्यारे बच्चों के साथ
हुल्ले नी माइ हुल्ले
दो बेरी पत्ता झुल्ले
दो झुल्ल पयीं खजूराँ
खजूराँ सुट्ट्या मेवा
एस मुंडे कर मगेवा
मुंडे दी वोटी निक्कदी
ओ खान्दी चूरी कुटदी
कुट कुट भरया थाल
वोटी बावे ननदना नाल
निन्नाँ ते वड़ी परजायी
ओ कुड़मा दे कर आयी
खिड़की से बाहर उत्तरायणी प्रभात |
खूबसूरत बर्फीली छटा ....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
वाह, मना कर अभी ही आ रहे हैं।
ReplyDeleteआप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबर्फ के बीच आत्मीयता की उष्णता से भरपूर शुभकामनाएँ, मकर संक्रांति की.. ये गीत मैंने बस अपने दोस्तों से सुना है जो पंजाब, हिमाचल या जम्मू आदि इलाकों से आते हैं!!
ReplyDeleteआपको भी उत्तरायण की ढेर सारी शुभकामनाएं
ReplyDeleteMAKAR SANKRANTI
ReplyDeletePARV KI BADHAI.
UDAY TAMHANE
VASHISHT
BHOPAL.
आपको भी पर्व की ढेरों शुभकामनायें :-)
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत शुभकामनायें !
ReplyDeleteपवित्र पर्व की शुभकामनाएं!
ReplyDeleteमकर संक्रांति की शुभकामनायें ..:)
ReplyDeletekalamdaan.blogspot.com
यहाँ तो सब कुछ सफ़ेद नज़र आ रहा है !
ReplyDeleteजाने दिल्ली में कब पड़ेगी :)
मकर संक्रांति की शुभकामनायें आपको ।
मकर संक्रान्ति की शुभ-कामनायें !
ReplyDelete(आज 15 की सुबह 7 बजे तक पर्व चल रहा है ).
आपको भी मकरसंक्रांति की ढेरों शुभकामनाएँ
ReplyDeleteमकर संक्रांति की बहुत बहुत बधाई ...
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति की शुभकामनायें|
ReplyDeleteमकर संक्रांति के पर्व पर आपको भी शुभकामनाएं.
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति की शुभ-कामनायें...
ReplyDeleteजयपुर में दो दिन मनाई गयी संक्रांति ..14 को पतंग उड़ने और डाल की पकौड़ियाँ और गुलगुले खाने की और 15 को पुण्यकाल होने के कारण दान-पुण्य की !
ReplyDeleteआपको भी इस पर्व की बहुत शुभकामनायें !
बहुत अच्छी पोसट .. आपके इस पोस्ट से हमारी वार्ता समृद्ध हुई है .. आभार !!
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति की शुभ-कामनायें...
ReplyDeletejai baba banaras............
वाह... बचपन में मैंने भी सुना था यह गीत!
ReplyDeletehappy lohri....
ReplyDeleteओह, याद आया जब हम बचपन में दिल्ली में रहते थे और यह गा गा कर लोहड़ी मांगा करते थे!
ReplyDeleteमेमोरी लेन में पीछे ले गयी यह पोस्ट!
makar sankranti ki shubhkamnayen...
ReplyDeleteलोक गीत का भावार्थ भी दे देते तो अधिक आनन्द आता। मालवा में इस तरह सक्रान्ति नहीं मनाई जाती। लोहडी तो यहॉं की परम्पराओं में है ही नहीं।
ReplyDeletepure bliss ! ecstasy !!
ReplyDelete:) बसंत पंचमी की शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteलोहड़ी और मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें
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