बसेरा चार दिन का है :( |
वह आता
मद छाता
मन गाता
मन भाता
सुख पाता
उद्गाता*
वह जाता
उजियारा
हट जाता
अन्धियारा
घिर आता
पछताता
सूना मन
क्या पाता
दुःखदाता
जो आता
पल भर में
सब जाता
सुख लगता
छल जाता
औ' बिसराता
जब दुःख
गहरे गह्वर
गहराता ...
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*उद्गाता = 1. सन्ध्या/अग्निहोत्र में वेदमंत्रों का गायक,
2. यज्ञ में वेदमंत्र गायक ऋत्विजों का नायक, 3. प्राण, 4. वायु
सूना मन
ReplyDeleteक्या पाता
दुःखदाता
सुख लगता
छल जाता
औ' बिसराता
Nice one.
सुन्दर भाव!!
ReplyDelete....
ReplyDeletebahut sundar kavita...
ReplyDeleteमनभावन!!
ReplyDeleteकमाल है ....
ReplyDeleteअद्भुत !
सुन्दर रचना । दुख ओर सुख एक दूसरे के ही पूरक है
ReplyDeleteयहा भी पधारे यूनिक तकनीकी ब्लाग
वाह वाह ! आजकल कविता में नए प्रयोग बहुत बढ़िया चल रहे हैं ।
ReplyDeletebhvpoorna post .aabhar.
ReplyDelete...जब दुःख गहराता है,
ReplyDeleteखुद को पहचान पाता है !!
सुन्दर!
ReplyDeleteसीमित शब्द, असीमित भाव| इस विधा की प्रेरणा 'बिचित्र नाटक' का एक कवित्त तो नहीं?
ReplyDelete'उद्गाता ' का सरल अर्थ नहीं मालूम था, मुझे तो आपने बता दिया लेकिन हर कोई जानता भी नहीं होगा और हर कोई पूछेगा भी नहीं,यह अर्थ पोस्ट के अंत में देने की गुजारिश ताकि मंतव्य और स्पष्ट हो सके|
जो आज्ञा!
Deleteआज्ञा नहीं जनाब, गुजारिश की थी| मंजूर हुई, उसके लिए धन्यवाद|
Deleteवाह ..अनूठी रचना.
ReplyDeleteछोटे छोटे शब्दों में... गहरी बात
ReplyDeleteमन भाता
ReplyDeleteसुख पाता
उद्गाता*
atm trpti deti sunde kavita .
रीति काल के कवियों ने ऐसे प्रयोग खूब किये थे .अब बिरले-से कभी मिल जाते हैं. इस रचना में भाव भी है और चमत्कार भी -सुन्दर !
ReplyDeleteकठिन काम, कामयाबी से कर रहे हैं इन दिनों आप - थोडे में अपनी बात पूरी तरह कह देने का कठिन काम।
ReplyDeleteशब्द छोटे, बात बड़ी. लघु-विराट का साहचर्य.
ReplyDeleteअद्भुत!
प्रभामयी प्रभावशाली रचना ...सुन्दर शब्द संसार साधुवाद जी /
ReplyDeleteधन्यवाद!
ReplyDeleteसुख दुःख एक ही सिक्के के दो पहलू ...
ReplyDelete" मैं गाता " की तर्ज़ पर गीत अच्छा लगा !
हाइकु से थोडा अलग तुकांत शब्द श्रंखला सुन्दर भाव चित्र से सामंजस्य स्थापित करते हुए बहुत अच्छी लगी रचना
ReplyDeleteपठनीय रचना ! आभार!
ReplyDeleteशब्दों की स्पष्ट थाप..
ReplyDeleteअद्भुत!!
ReplyDeletebahut sundar wa unique prastuti
ReplyDeleteअद्भुत शाब्दिक संयोजन.....
ReplyDeleteShabdon se sundar prayog ... Shabdon se khel Kood ...
ReplyDeleteadbhut ........
ReplyDeletebhawanaon ka jwaar uthata aur tham jata .man kasamasata kuchha naa
kah pata.brhatarin post . callectable, PLEASE MAIL ME.
वाह... अद्भुत
ReplyDeleteyekse yek sundar tridal hai ......
ReplyDeleteअनुराग होता है आपकी कविता से और आपसे.
ReplyDeleteलाजबाब प्रस्तुति.
आभार
ek hi shabd ....ADBHUT...!!
ReplyDelete.शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।
ReplyDeleteनई पोस्ट .....मैं लिखता हूँ पर आपका स्वगत है
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