Sunday, December 21, 2008

क्या मतलब - कविता

मैं कौन था मैं कहाँ था, इसका अब क्या मतलब
चला कहाँ कहाँ पहुँचा, इसका अब क्या मतलब

ठिकाना दूर बनाया कि उनसे बच के रहें
कपाट तोड़ के आयें, इसका अब क्या मतलब

ज़हर भरा हो किसी के दिलो-दिमाग में गर
बस दिखावे की मुलाक़ात का अब क्या मतलब

किया क्यों खून से तर, मेरा क़त्ल किसने किया
गुज़र गया हूँ, सवालात का अब क्या मतलब

मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब।

(अनुराग शर्मा)

23 comments:

  1. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब
    अनुराग भाई बहुत खूब, क्या मतलब कविता और मक्ता कमाल का असर पैदा कर रहा है, भाई.

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  2. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब।
    एक बेहद संवेदनशील नाजुक अभिव्यक्ति...
    Regards

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  3. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब।

    जवाब नही इस अभिव्यक्ति का ..वाकई लाजवाब !

    रामराम!

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  4. किया क्यों खून से तर, मेरा क़त्ल किसने किया
    गुज़र गया हूँ, सवालात का अब क्या मतलब

    अनुराग जी
    आप की कलम से निकली एक और सुंदर, यथार्त की करीब रचना

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  5. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब
    लाज़बाब कविता शुक्रिया

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  6. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब
    लाज़बाब कविता शुक्रिया

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  7. लगता है, आपको अपनेवालों ने बहुत सताया है ।
    कविता के शब्‍द-शब्‍द से मनोव्‍यथा टपक रही है ।
    सुन्‍दर रचना ।

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  8. मैं कौन था मैं कहाँ था, इसका अब क्या मतलब
    चला कहाँ कहाँ पहुँचा, इसका अब क्या मतलब

    बहुत बढ़िया लिखा है आपने ...

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  9. सुंदर अभिव्‍यक्ति हुई है....बधाई।

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  10. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    बहुत सुन्दर पंक्तिया हैं मित्र।

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  11. एक सरल और सच्ची अभिव्यक्ति।

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  12. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब

    bahut khoob.....bahut achhe

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  13. मनोव्यथा की सहज और सुंदर अभिव्यंजना है.

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  14. बहुत खूब..खूबसूरत शायरी..शब्‍दों का प्रवाह रुकने नहीं देता।

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  15. मुझे सताया मेरी लाश को तो सोने दो
    मर गया तब भी खुराफात का अब क्या मतलब।
    क्या बात है मर के भी चेन नही, बहुत भाव पुर्ण आप की कविता.
    धन्यवाद

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  16. ज़हर भरा है तुम्हारे दिलो-दिमाग में गर
    बस दिखावे की मुलाक़ात का अब क्या मतलब

    अपने मन के भावों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति की आपने.
    बधाई..

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  17. क्या बात है...सुभान्ल्लाह

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  18. अरे अब तो खूनो गारत से हट कर कुछ बात करो
    सहमे दिल को धड़कने दो ,अमनो चैन की बात करो |

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  19. अनुराग,

    ...... सवालात का अब क्या मतलब

    बहुत ही अच्छी पंक्तियां है.

    मुकेश कुमार तिवारी

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