(अनुराग शर्मा)
तेरे मेरे आँसू की तासीर अलहदा है
बेआब नमक सीला, वो दर्द से पैदा है
तन माटी है मन सोना इंसान है हीरे सा
बेगार में दिल देना अनमोल ये सौदा है
बदनाम सदा से थे पर नाम हुआ उनका
औकात से यह उनकी तारीफ ज़ियादा है
हिज़्र तेरा दोज़ख, जन्नत तेरे कदमों में
सिजदे में मेरा सिर है मरने का इरादा है
जब दूर है चश्मे-बद, हैं बंद मेरी आँखें
क्यूँ हुस्न है पोशीदा क्यूँ चाँद पे पर्दा है
ये जान तेरे हाथों ये दिल भी तुम्हारा है
न मुझको हिलाओ तन बेजान है मुर्दा है
उम्मीद है काफिर की हयात ताज़ा होंगे
आएंगे तुझे मिलने अपना भी ये वादा है
तेरे मेरे आँसू की तासीर अलहदा है
बेआब नमक सीला, वो दर्द से पैदा है
तन माटी है मन सोना इंसान है हीरे सा
बेगार में दिल देना अनमोल ये सौदा है
बदनाम सदा से थे पर नाम हुआ उनका
औकात से यह उनकी तारीफ ज़ियादा है
हिज़्र तेरा दोज़ख, जन्नत तेरे कदमों में
सिजदे में मेरा सिर है मरने का इरादा है
जब दूर है चश्मे-बद, हैं बंद मेरी आँखें
क्यूँ हुस्न है पोशीदा क्यूँ चाँद पे पर्दा है
ये जान तेरे हाथों ये दिल भी तुम्हारा है
न मुझको हिलाओ तन बेजान है मुर्दा है
उम्मीद है काफिर की हयात ताज़ा होंगे
आएंगे तुझे मिलने अपना भी ये वादा है
खूब कही....
ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन ताकि आपको याद रहे - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteबदनाम सदा से थे पर नाम हुआ उनका
ReplyDeleteऔकात से यह उनकी तारीफ ज़ियादा है
ला-जवाब!!
.बहुत सुन्दर.आभार हाय रे .!..मोदी का दिमाग ................... .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteरखना बहुत सँभाल के, ये मोती अनमोल।
सारे जग के सामने, यही खोलता पोल।
--
आपकी पोस्ट का लिंक आज के चर्चा मंच पर भी है!
सादर सूचनार्थ!
धन्यवाद शास्त्री जी!
Deleteबेगार में दिल देना अनमोल ये सौदा है!!
ReplyDeleteबड़ा अनमोल है सौदा ....
वाह !
बहुत सुन्दर शायरी ..!!
ReplyDeleteशुभकामनायें .
आनन्द आ गया।
ReplyDeleteवाणीजी की तरह मुझे भी यही पंक्ति छू गई -
'बेगार में दिल देना अनमोल ये सौदा है'
वाकई लाजवाब...नायाब रचना, शुभकामनाएं
ReplyDeleteरामराम.
बदनाम सदा से थे पर नाम हुआ उनका
ReplyDeleteऔकात से यह उनकी तारीफ ज़ियादा है
बहुत सुन्दर !
तनिक कड़ी उर्दू हो गयी है मेरे लिये..
ReplyDeleteतासीर वाकई अलहदा ही है आंसू आंसू की..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावों से लिखी गई रचना।
ReplyDeleteतेरे मेरे आँसू की तासीर अलहदा है
ReplyDeleteबेआब नमक सीला, वो दर्द से पैदा है
तन माटी है मन सोना इंसान है हीरे सा
बेगार में दिल देना अनमोल ये सौदा है
बेहतरीन खुबसूरत ही नहीं नायाब मनकों की तरह लाजवाब
:) (:-()
ReplyDeleteआप की ये रचना 22-03-2013 यानी शुकरवार को HTTP://WWW.NAYI-PURANI-HALCHAL.BLOGSPOT.COM पर लिंक की जा रही है...
ReplyDeleteसूचनार्थ
धन्यवाद कुलदीप!
Deleteबड़े खतरनाक इरादे हैं ...
ReplyDeleteचाहे सर कटे या बाजू,पर यूँ ही ना मानेंगे !
एक बार गले मिलने का तुझसे, इरादा है !
:) होली है!
Deleteबदनाम सदा से थे पर नाम हुआ उनका
ReplyDeleteऔकात से यह उनकी तारीफ ज़ियादा है
सिस्टम पर करारा व्यंग्य करती हुई .... पंक्तियाँ। .... के लिए शब्द ढूँढने की कोशिश की, अंत में विफल रहा।
Bahut khub...
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत अशआर ..
तन माटी है मन सोना इंसान है हीरे सा
बेगार में दिल देना अनमोल ये सौदा है
सच्ची बात कही आपने ..
उर्दू कम आती है मुझे,पर अच्छी लगी !
ReplyDeleteये जान तेरे हाथों ये दिल भी तुम्हारा है
ReplyDeleteन मुझको हिलाओ तन बेजान है मुर्दा है ..
बहुत खूब कहा है ... जब सब कुछ उनका है जिस्म के सिवा तो जिस्म मुर्दा ही तो होगा ...
क्या बात कही है ... पूरी गज़ल में हर शेर जुदा है अंदाजे-बयाँ में ...
जब दूर है चश्मे-बद, हैं बंद मेरी आँखें
ReplyDeleteक्यूँ हुस्न है पोशीदा क्यूँ चाँद पे पर्दा है
वाह बहुत सुन्दर ...
बदनाम सदा से थे पर नाम हुआ उनका
ReplyDeleteऔकात से यह उनकी तारीफ ज़ियादा है
हिज़्र तेरा दोज़ख, जन्नत तेरे कदमों में
सिजदे में मेरा सिर है मरने का इरादा है
SUNDAR ASHAAR,KHOOBSURAT BHAVPURNA GAZAL
सुभानअल्लाह..
ReplyDeleteउम्मीद है काफिर की हयात ताज़ा होंगे
ReplyDeleteआएंगे तुझे मिलने अपना भी ये वादा है
bahut sundar
Anu bhai bahut hi depressed ho gya tha isliye bahut dino se mil na paya aur aapka number bhi us bure vkt me sath chhod gya tha -hahahahha to bat bhi na ho saki aajkal mene Brahmakumaries Mount Abu join kar liya hai man ko shanti hai -aap call jarur karna ji aapka bhai
होली की हार्दिक शुभकामनायें!!!
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