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न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं
भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो
न हन्यते हन्यमाने शरीरे।।
जून 2010 में जब मैंने "श्रीमान बबल्स कुमार की अदाएं" लिखा था, तब यह अहसास नहीं था कि जल्दी ही बबल्स पर एक और पोस्ट लिखनी पडेगी। सन 2009 में बबल्स हमारे घर आया था। अन्दाज़ यह है कि उसका जन्म मार्च 2009 में हुआ था। 13 फरवरी की शाम को उसने अपनी नश्वर देह त्याग दी।
(चित्रों में: बबल्स की अंतिम आरामगाह के दो दृश्य। खुश रहे तू सदा ...)
इसी बीच में हमारे पडोसी की बिल्ली मौली की एक आंख को किसी शरारती बच्चे ने रबड की गोली से आहत कर दिया है। इन्हीं दो घटनाओं की गूंज अभी मन में है। कुछ दिनों के अवकाश के बाद आज फिर थोडी बर्फ गिरी है। बबल्स के बारे में पिछली चित्रमयी पोस्ट पढने के इच्छुकों के लिये:
श्रीमान बबल्स कुमार की अदाएं
[सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा Photos by Anurag Sharma]
न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं
भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो
न हन्यते हन्यमाने शरीरे।।
जून 2010 में जब मैंने "श्रीमान बबल्स कुमार की अदाएं" लिखा था, तब यह अहसास नहीं था कि जल्दी ही बबल्स पर एक और पोस्ट लिखनी पडेगी। सन 2009 में बबल्स हमारे घर आया था। अन्दाज़ यह है कि उसका जन्म मार्च 2009 में हुआ था। 13 फरवरी की शाम को उसने अपनी नश्वर देह त्याग दी।
बबल्स (कुमार) शर्मा (2009-2011) |
इसी बीच में हमारे पडोसी की बिल्ली मौली की एक आंख को किसी शरारती बच्चे ने रबड की गोली से आहत कर दिया है। इन्हीं दो घटनाओं की गूंज अभी मन में है। कुछ दिनों के अवकाश के बाद आज फिर थोडी बर्फ गिरी है। बबल्स के बारे में पिछली चित्रमयी पोस्ट पढने के इच्छुकों के लिये:
श्रीमान बबल्स कुमार की अदाएं
[सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा Photos by Anurag Sharma]