Wednesday, June 9, 2010

श्रीमान बबल्स कुमार की अदाएं

बेटी ने जब पहली बार कुत्ता पालने की जिद की तो कुत्ते-बिल्ली से एलर्जिक माता-पिता ने बहला दिया. जब आग्रह की आवृत्ति और दवाब बढ़ने लगे तो यह तय हुआ कि बिटिया रानी एक महीने तक घर के अन्दर रखे पौधों को पानी देकर यह सिद्ध करेंगी कि वे एक जीवित प्राणी की ज़िम्मेदारी लेने में सक्षम हैं. तीन सप्ताह पूरे होते-होते कुछ बोनसाई मृत्यु के कगार पर आने लगीं तो तय हुआ कि जितनी ज़िम्मेदारी दिखाई गयी है उसके अनुसार कुत्ता-बिल्ली तो नहीं लेकिन आधा दर्ज़न छोटी मछलियाँ घर में लाई जा सकती हैं. शीशे का मर्तबान तैयार करके उसमें पत्थर डाले गए और शाम को मछलियों को एक नया घर मिला.

एक हफ्ते के अन्दर पौधे तो पिताजी ने संभाल लिए मगर मछलियाँ माँ की विशेष निगहबानी के बावजूद अल्लाह को प्यारी हो गयीं. इसके बाद काफी दिनों तक पालतू पशु की बात बंद हो गयी. छठी कक्षा में पहुँचते पहुँचते कुत्ता फिर से एक प्राथमिकता बन गया. एक बार फिर ज़िम्मेदारी सिद्ध करने की प्रक्रिया पूरी हुई. इस बार ज़िम्मेदारी के अंक बढ़कर इतने हो गए कि एक चूहा लाया जा सके. पिताजी अभी भी डर रहे थे क्योंकि उनकी लापरवाही से बचपन में पाला हुआ सफ़ेद चूहों का जोड़ा असमय स्वर्गवासी हो चुका था. काफी बहस-मुसाहिबा हुआ और बिटिया को उनके जन्मदिन पर अन्य उपहारों के साथ एक ड्वार्फ हैमस्टर मिल गया जिसका नामकरण हुआ बबल्स.
तो आइये मिलते हैं श्रीमान बबल्स कुमार से:


कैमरे से बचते हुए


भोजनथाल से दुनिया कैसी दिखती है


ज़रा जलपान करके आते हैं



छत पर हवाखोरी


उस पार की दुनिया कैसी है?


तखलिया- यह साहब के आराम का वक्त है

सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा [Photos of Bubbles by Anurag Sharma]
पुनर्प्रस्तुति के लिए श्रीमान बबल्स कुमार की लिखित अनुमति आवश्यक है
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एक दुखद सूचना
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22 comments:

  1. बहुत मस्तिया रहे हैं साहब...

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  2. वाह बहुत प्यारा हैमस्टर मूस है

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  3. बढ़िया अदाएँ....सचित्र सुंदर प्रस्तुति..धन्यवाद

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  4. हा हा!! सो क्यूट!! मजा आया तस्वीरें देखकर.

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  5. are yahi hamare ghar mein bhi natak hua tha...khargosh lagar diya...3 maheene mein sidhaar gaye...doosra le aaye wo bhi 3 maheene mein swargwaasi ho gaya...uske baad jo rana dhona hota hai so alag...uske cremation mein alag natak...ab to ham daant kar bitha diye hain ki bina baat itna paap chada diye ho...tab se chup baithi hain rani ji...
    haan nahi to...
    bahut badhiya prastuti...

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  6. बहुत प्यारा...

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  7. बबल्स कुमार तो बहुत आनन्दिया रहे हैं । इनका घर भी सुन्दर है ।

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  8. बब्बल कुमार
    शानदार

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  9. बढ़िया,
    हर प्राणी प्रेम का भूखा है अगर इन्सान समझे तो , मेरे पास अक्वेरियम है ! चाहे मछलियों को और किसी ने भर पेट दिनभर खाना दिया हो, फज्र भी जब मैं घर में प्रवेश करता हूँ तो वे एक साथ अक्वैर्यम के उपरी सिरे पर इकठ्ठा हो जाती है, और फिर मैं उन्हें फिर से दाना देता हूँ < उन्हें कैसे पता चलता है कि मैं कौन हूँ ?

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  10. बल्लस तो मस्ती छान रहे हैं ... अच्छे लगे आपकी फोटो ......

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  11. bahut sundar aur alag sa sab kuch.

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  12. क्यूट पोस्ट....

    बचपन में घर में पालतू पशु को मरते देख जो सदमा लगा...जीवन में कभी भी पालतू पशु न पालने की हमने कसम उठा रखी है...

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  13. किस्मत हो तो श्री मान बबल्स कुमार जैसी

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  14. बच्‍चों को समझाने का तरीका बेहद पसन्‍द आया। बबल्‍स कुमार सलामत रहें जिससे कुत्ते को प्रवेश मिल सके।

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  15. सुंदर फोटाग्राफी. खुशी देने वाली पोस्ट.

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  16. विष्‍णु बैरागीJune 11, 2010 at 9:16 AM

    अरे वाह! आप तो निष्‍णात केमरा कलाकार भी हैं!
    सब कुछ बहुत ही सुन्‍दर। मनभावन।

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  17. अरे बढ़िया ..संयोग है की आप और प्रवीण पाण्डेय जी ने कुछ एक ही टाइम पर एक जैसा काम किया :)

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  18. बहुत प्यारे हैं बबल्स ....आपका एक नया रूप देखने को मिला ! शुभकामनायें !

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